राहुल गांधी ने पहलगाम हमले के शहीद शुभम द्विवेदी के परिवार से की मुलाकात, पत्नी ने बताई आंखों देखी खौफनाक दास्तान

 राहुल गांधी ने कहा— "मेरी दादी और पिता भी आतंकवाद की भेंट चढ़े, मैं उस दर्द को समझता हूं। शुभम को शहीद का दर्जा मिले, इसके लिए पीएम से अनुरोध करूंगा।"
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RAHUL GANDHI
कानपुर/अमेठी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अपने उत्तर प्रदेश दौरे के दूसरे दिन कानपुर में पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। यह मुलाकात अत्यंत भावुक रही, जहां पीड़ित परिवार ने राहुल गांधी के सामने अपनी आपबीती सुनाई।READ ALSO:-Chaar Dham Yatra का आगाज : खुले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट, श्रद्धालुओं में उमड़ा उत्साह

 

मुलाकात के दौरान, शुभम की पत्नी ऐशन्या राहुल गांधी को देखते ही फूट-फूट कर रोने लगीं। राहुल ने उन्हें गले लगाकर सांत्वना दी। शुभम के पिता संजय द्विवेदी भी अपने बेटे को खोने के दर्द को याद कर भावुक हो गए और उनकी आंखें भी नम हो गईं।

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ऐशन्या ने राहुल गांधी को पहलगाम में हुए उस भयावह दिन की पूरी कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे 22 अप्रैल को दोपहर 2.25 बजे जब वे लंच कर रहे थे, तभी सामान्य कपड़ों में एक आतंकी आया और उसने पूछा, "हिंदू हो या मुसलमान?" ऐशन्या के अनुसार, उनके पति के 'हिंदू' कहते ही आतंकी ने सिर्फ 5 सेकेंड में उन्हें गोली मार दी। ऐशन्या ने यह भी बताया कि आतंकियों ने करीब 45 मिनट तक वहां खून-खराबा किया। वे आराम से लोगों से नाम पूछ-पूछकर उन्हें मार रहे थे और उनका मकसद पत्नी के सामने पति की हत्या करना था। आतंकियों ने महिलाओं से कहा था कि वे जाकर अपनी सरकार को बताएं, "मैं तुम्हारे पति को मार रहा हूं, तुम्हें नहीं मारूंगा।" ऐशन्या ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि कश्मीर में हर जगह सुरक्षा थी, लेकिन पहलगाम की बैसरन घाटी में कोई सिक्योरिटी नहीं थी।

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ऐशन्या की बहन ने भी उस दिन की मुश्किलों को याद करते हुए बताया कि उनकी बहन (ऐशन्या) सदमे में थी और हिल भी नहीं पा रही थी। उन्होंने मदद के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया। वह जबरन ऐशन्या को घसीटकर नीचे लाईं। उन्होंने घोड़े वालों से भी गिड़गिड़ाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।

शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने राहुल गांधी से दर्द भरी गुहार लगाते हुए कहा कि उनके बेटे का आधा सिर ऐशन्या के ऊपर गिरा था। उन्होंने कहा, "आप कुछ करिए। आप इस देश के बड़े नेता हैं।"

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राहुल गांधी ने परिवार के दर्द को समझते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद दो बार ऐसा दर्द झेला है, जब उनकी दादी (इंदिरा गांधी) और पिता (राजीव गांधी) आतंकवाद की भेंट चढ़ गए थे। उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि वे शुभम को 'शहीद का दर्जा' दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखेंगे। राहुल ने यह भी बताया कि उन्होंने पहले भी ऐसे लोगों को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की थी। उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी, वे चाहे जहां छुपे हों। इस भावुक पल में, राहुल गांधी ने अपने मोबाइल फोन से परिवार की बात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी करवाई।

 

गौरतलब है कि 31 वर्षीय शुभम द्विवेदी की शादी लगभग दो महीने पहले ही ऐशन्या से हुई थी। वे 17 अप्रैल को परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे और उन्हें 23 अप्रैल को वापस लौटना था। लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में शुभम की ऐशन्या के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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राहुल गांधी का उत्तर प्रदेश दौरे का बुधवार को दूसरा और आखिरी दिन था। कानपुर पहुंचने से पहले राहुल गांधी अमेठी भी गए थे। 1 लोकसभा चुनाव के बाद यह उनका पहला अमेठी दौरा था। वहां उन्होंने करीब 2 घंटे बिताए और छात्रों से बातचीत की। उन्होंने संजय गांधी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन भी किया। अमेठी में इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का विरोध किया और पुलिस से उनकी हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। अमेठी के कार्यक्रम के बाद राहुल पीछे के रास्ते से फुरसतगंज एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।  
SONU

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