पहलगाम में आतंकी हमले में कानपुर का लाल शहीद – पत्नी के सामने सिर में मारी गोली, दो महीने पहले ही हुई थी शादी
घूमने गया था 11 सदस्यीय परिवार, शुभम और सान्या पहुंचे थे ऊंचाई पर – आतंकियों ने नाम पूछा और सिर में मारी गोली, परिवार में मचा कोहराम, 24 अप्रैल को शव लौटने की उम्मीद
Apr 23, 2025, 12:06 IST
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कानपुर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में कानपुर के एक होनहार युवक की जान चली गई। श्याम नगर निवासी सीमेंट कारोबारी 31 वर्षीय शुभम द्विवेदी इस हमले के शिकार हुए। उनकी दो महीने पहले ही 12 फरवरी को कानपुर में धूमधाम से शादी हुई थी और वे अपनी नवविवाहित पत्नी सान्या व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घूमने के लिए कश्मीर गए थे।READ ALSO:-दिल्ली-जयपुर का सफर अब सिर्फ ढाई घंटे में! नए एक्सप्रेसवे से मिलेगी बड़ी राहत
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को जब शुभम अपनी पत्नी के साथ पहलगाम इलाके में थोड़ी ऊंचाई पर घूम रहे थे, तभी अचानक आतंकियों ने उन्हें घेर लिया। आतंकियों ने शुभम से उनका नाम पूछा और फिर उनकी पत्नी सान्या के सामने ही उनके सिर में गोली मार दी। इस निर्मम हत्या से सान्या बदहवास हो गईं और परिवार में भगदड़ मच गई।
शुभम अपने माता-पिता संजय द्विवेदी (सीमेंट कारोबारी), मां सीमा, पत्नी सान्या, बहन ऐशान्या, बहनोई शुभम दुबे और उनके माता-पिता सहित कुल 11 सदस्यों के साथ 17 अप्रैल को कानपुर से कश्मीर के लिए रवाना हुए थे। उनका 23 अप्रैल को वापस कानपुर लौटने का कार्यक्रम था। वे जम्मू कश्मीर में गुलमर्ग, सोनमर्ग घूमने के बाद पहलगाम पहुंचे थे, जहां यह दुखद घटना हुई।
कानपुर स्थित उनके श्याम नगर के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट स्थित फ्लैट नंबर 201 में मंगलवार दोपहर जब सान्या का फोन आया और उन्होंने बताया कि कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शुभम को भी गोली लगी है, तो घर में मातम पसर गया। हालांकि, उस समय पूरी स्थिति स्पष्ट नहीं थी, लेकिन बाद में शुभम की मौत की पुष्टि हो गई। यह खबर सुनते ही परिवार और रिश्तेदारों में कोहराम मच गया।
शुभम के पिता संजय द्विवेदी और परिवार के अन्य सदस्य इस समय श्रीनगर के एक होटल में पुलिस सुरक्षा में हैं। वे गहरे सदमे और दहशत में हैं। संजय द्विवेदी ने श्रीनगर से ही वरिष्ठ सैन्य अफसरों और कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से बात कर अपने बेटे का शव जल्द से जल्द कानपुर भेजने की मार्मिक अपील की है।
कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी मिलते ही उन्होंने श्रीनगर के प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क साधा है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी इस गंभीर मामले पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की है। कानपुर में परिजनों को उम्मीद है कि शुभम का शव 24 अप्रैल तक कानपुर लाया जा सकेगा, जबकि परिवार के अन्य सदस्य बुधवार शाम तक शहर लौट सकते हैं।
शुभम की मौत से उनकी नवविवाहित पत्नी सान्या और मां सीमा गहरे सदमे में हैं। शादी के महज दो महीने 10 दिन बाद ही उनके हाथों की मेंहदी मिट गई और सात जन्मों का साथ छूट गया। पिता संजय द्विवेदी बहू और पत्नी को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। श्याम नगर स्थित उनके घर पर सन्नाटा पसरा है, लेकिन क्षेत्रीय लोगों और रिश्तेदारों की भीड़ मौजूद है।
शुभम के चाचा के बेटे सौरभ द्विवेदी और क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि शुभम बेहद मिलनसार और संस्कारी युवक था। वह हर किसी से सम्मान से बात करता था और जरूरतमंदों की मदद भी करता था। मूलरूप से उनका परिवार महाराजपुर के हाथीपुर गांव का है। शुभम की मौत की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर है।
इस कायराना हमले ने कानपुर के एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियां छीन ली हैं। पूरा परिवार शुभम के शव का इंतजार कर रहा है और न्याय की मांग कर रहा है।
