सहारनपुर में मातम: मुहर्रम की मजलिस के बाद 'जहर' बन गया प्रसाद, एक की मौत; 200 बीमार
नानौता कस्बे में 9वीं मुहर्रम की मजलिस के बाद फैला संक्रमण, महिलाएं और बच्चे भी चपेट में; फूड प्वाइजनिंग की आशंका... मोहल्ला शेखजादगान में शोक की लहर, अस्पतालों में चीख-पुकार
Jul 6, 2025, 13:47 IST
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सहारनपुर के नानौता कस्बे में 9वीं मुहर्रम की मजलिस के बाद बांटे गए 'तबर्रुक' (प्रसाद) और खाने से लगभग 200 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। इस दुखद घटना में मोहल्ला शेखजादगान निवासी 55 वर्षीय शबी हैदर की इलाज के दौरान मौत हो गई। बीमार पड़ने वालों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अचानक इतने बड़े पैमाने पर लोगों के बीमार होने और एक व्यक्ति की मौत की खबर से पूरे इलाके में अफरा-तफरी और गम का माहौल है।READ ALSO:-मस्जिद में घुसा "स्मार्ट चोर": जींस-टीशर्ट में आया, दानपात्र तोड़ा और लाखों रुपये लेकर फरार! CCTV में कैद हुआ साजिशकर्ता
खुशी का माहौल बदला मातम में
शनिवार को मुहर्रम की 9 तारीख पर नानौता कस्बे में शिया समुदाय द्वारा इमामबागाहों और घरों में मजलिसों का आयोजन किया गया था। परंपरा के अनुसार, इन मजलिसों के बाद लोगों को खाने-पीने की चीजें परोसी गईं। लेकिन शाम होते-होते अचानक कई लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी। पहले तो परिजनों ने स्थानीय निजी डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई।
शनिवार को मुहर्रम की 9 तारीख पर नानौता कस्बे में शिया समुदाय द्वारा इमामबागाहों और घरों में मजलिसों का आयोजन किया गया था। परंपरा के अनुसार, इन मजलिसों के बाद लोगों को खाने-पीने की चीजें परोसी गईं। लेकिन शाम होते-होते अचानक कई लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी। पहले तो परिजनों ने स्थानीय निजी डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई।
अस्पतालों में उमड़ी भीड़, एक की मौत
बीमार पड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी, जिससे देर रात तक लगभग 150 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गए थे। मोहल्ला शेखजादगान के रहने वाले शबी हैदर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नानौता सीएचसी से सहारनपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया, और फिर चंडीगढ़ हायर सेंटर ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। शबी हैदर की मौत की खबर फैलते ही नगर में हड़कंप मच गया।
बीमार पड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी, जिससे देर रात तक लगभग 150 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गए थे। मोहल्ला शेखजादगान के रहने वाले शबी हैदर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नानौता सीएचसी से सहारनपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया, और फिर चंडीगढ़ हायर सेंटर ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। शबी हैदर की मौत की खबर फैलते ही नगर में हड़कंप मच गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) नानौता में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मरीजों को निजी अस्पतालों और सहारनपुर के जिला अस्पताल में भी भर्ती कराया। गंभीर रूप से बीमार लोगों को बेहतर इलाज के लिए सहारनपुर और अन्य शहरों के बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया। सीएचसी नानौता में 66 लोगों का उपचार किया गया, जिनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
फूड प्वाइजनिंग का संभावित कारण और जांच
सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि अभी तक फूड प्वाइजनिंग का सटीक कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, उन्होंने आशंका जताई है कि दो दिन पुराने दूध में बर्फ डालकर बनाया गया पेयजल, गर्मी में भारी खाना खाने और कुछ संदिग्ध खाद्य सामग्री के सेवन से यह संक्रमण फैला हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि गर्मी के मौसम में भोजन जल्दी खराब हो जाता है और अगर सावधानी न बरती जाए तो ऐसी घटनाएं आम हो सकती हैं।
सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि अभी तक फूड प्वाइजनिंग का सटीक कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, उन्होंने आशंका जताई है कि दो दिन पुराने दूध में बर्फ डालकर बनाया गया पेयजल, गर्मी में भारी खाना खाने और कुछ संदिग्ध खाद्य सामग्री के सेवन से यह संक्रमण फैला हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि गर्मी के मौसम में भोजन जल्दी खराब हो जाता है और अगर सावधानी न बरती जाए तो ऐसी घटनाएं आम हो सकती हैं।
सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि सभी बीमार लोगों का इलाज जारी है और कई मरीजों की हालत स्थिर है। स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है, और खाद्य सामग्री के नमूने जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही इस बड़े पैमाने पर हुई फूड प्वाइजनिंग का सही कारण सामने आ पाएगा।
इस हृदयविदारक घटना से नानौता और आसपास के इलाकों में शोक और दहशत का माहौल बना हुआ है। मृतक शबी हैदर के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों के बाहर अपने प्रियजनों की सेहत की खबर जानने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
