प्रयागराज हिंसा: करछना के भड़ेवरा बाज़ार में बवाल के बाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 50 से ज़्यादा उपद्रवी गिरफ्तार; 700 अज्ञात पर FIR
जातीय हिंसा, राजनीति और प्रशासनिक सख्ती के बीच झुलसता करछना, सामाजिक ताने-बाने पर मंडराया खतरा
Jun 30, 2025, 13:07 IST
|

प्रयागराज, [30 June 2025]: प्रयागराज के करछना स्थित भड़ेवरा बाज़ार में शनिवार को हुए बवाल के बाद पुलिस ने सख़्त कार्रवाई की है। इस हिंसा के आरोप में 50 से ज़्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, पुलिस ने 60 लोगों को नामज़द और 700 से ज़्यादा अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया है। यह एफ़आईआर इंस्पेक्टर करछना अनूप सरोज और चौकी प्रभारी मुंडा कैलाश की तहरीर पर दर्ज की गई है। देर रात तक पुलिस की दबिश जारी रही और कई और संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।Read also:-मेरठ में स्कूल यूनिफॉर्म फैक्ट्री धराशायी: 25 साल पुरानी जर्जर इमारत गिरी, चौकीदार घायल; बड़ा हादसा टला
सीसीटीवी और फुटेज से हुई पहचान, बाइकें भी बरामद
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने 10 आरोपियों को मौक़े से पकड़ा था, जबकि 20 अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया। उपद्रव में शामिल लोगों की पहचान वीडियो, फ़ोटोग्राफ़ और सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर की गई है। पुलिस ने घटनास्थल से 40 से ज़्यादा बाइकें भी बरामद की हैं, जिन्हें थाने लाकर यह जांच की जा रही है कि उनके मालिक उपद्रव में शामिल थे या नहीं। अब तक कुल 50 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिन्हें करछना, मेजा, मांडा, घूरपुर, नैनी सहित अन्य थानों में रखकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां होंगी।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने 10 आरोपियों को मौक़े से पकड़ा था, जबकि 20 अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया। उपद्रव में शामिल लोगों की पहचान वीडियो, फ़ोटोग्राफ़ और सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर की गई है। पुलिस ने घटनास्थल से 40 से ज़्यादा बाइकें भी बरामद की हैं, जिन्हें थाने लाकर यह जांच की जा रही है कि उनके मालिक उपद्रव में शामिल थे या नहीं। अब तक कुल 50 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिन्हें करछना, मेजा, मांडा, घूरपुर, नैनी सहित अन्य थानों में रखकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां होंगी।
अराजकता से दो गुटों में बंटा इलाका, वैमनस्यता बढ़ने की आशंका
बवाल बढ़ने के बाद जब पुलिस को पीछे हटना पड़ा, तो स्थानीय ग्रामीणों ने भीम आर्मी के उपद्रवियों के ख़िलाफ़ पुलिस के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने पुलिस की मदद की, जिससे हालात पर काफ़ी हद तक काबू पाया गया। हालांकि, क्षेत्र में तनाव अब भी बना हुआ है और वैमनस्यता बढ़ने की आशंका है। लोग उपद्रवियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और इसके लिए विभिन्न संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की तैयारी चल रही है।
बवाल बढ़ने के बाद जब पुलिस को पीछे हटना पड़ा, तो स्थानीय ग्रामीणों ने भीम आर्मी के उपद्रवियों के ख़िलाफ़ पुलिस के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने पुलिस की मदद की, जिससे हालात पर काफ़ी हद तक काबू पाया गया। हालांकि, क्षेत्र में तनाव अब भी बना हुआ है और वैमनस्यता बढ़ने की आशंका है। लोग उपद्रवियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और इसके लिए विभिन्न संगठनों द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की तैयारी चल रही है।
राजनीतिक रंग ले रहा मामला, चंद्रशेखर आज़ाद ने किया पुरानी घटनाओं का ज़िक्र
इस घटना के बाद राजनीतिक दलों ने क़ानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए मामले को तूल देना शुरू कर दिया है। आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने करछना और कौशांबी की दो पुरानी घटनाओं को फिर से उठाने का प्रयास किया है, जिससे यह मामला और संवेदनशील हो गया है।
इस घटना के बाद राजनीतिक दलों ने क़ानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए मामले को तूल देना शुरू कर दिया है। आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने करछना और कौशांबी की दो पुरानी घटनाओं को फिर से उठाने का प्रयास किया है, जिससे यह मामला और संवेदनशील हो गया है।
क्या था पूरा मामला? दो पुरानी घटनाओं से जुड़ा है बवाल
यह पूरा बवाल दो पुरानी घटनाओं से जुड़ा है, जिन्होंने क्षेत्र में पहले से ही तनाव बढ़ा रखा था:
यह पूरा बवाल दो पुरानी घटनाओं से जुड़ा है, जिन्होंने क्षेत्र में पहले से ही तनाव बढ़ा रखा था:
- इऔटा गांव में देवीशंकर की हत्या (13 अप्रैल): करछना के इऔटा गांव में अनुसूचित जाति के युवक देवीशंकर (35) की हत्या कर शव को जला दिया गया था। इस मामले में ठाकुर बिरादरी के सात सहित कुल आठ आरोपी जेल भेजे गए हैं। आरोप है कि युवक को शराब पिलाने के बाद पीट-पीटकर मारा गया और फिर उसके कपड़ों को शराब में डुबोकर शव को जला दिया गया।
- कौशांबी में दुष्कर्म का फ़र्ज़ी मामला (27 मई): कौशांबी के लोहंगदा गांव में 27 मई को आठ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था, जो बाद में जांच में फ़र्ज़ी निकला। बच्ची ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि उसने मां के उकसाने पर युवक सिद्धार्थ तिवारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस फ़र्ज़ी आरोप के चलते सिद्धार्थ तिवारी को 28 जुलाई को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसके सदमे में उनके पिता ने 4 जून को सैनी कोतवाली के बाहर अपनी जान दे दी थी।
इन दोनों मामलों को लेकर क्षेत्र की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पहले से ही संवेदनशील थी। नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद देवीशंकर के पीड़ित परिवार से मिलने प्रयागराज पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें सर्किट हाउस में रोक लिया था। इसके बाद रविवार शाम को उनके नाराज़ समर्थक हनुमानपुर मोरी पर करछना-कोहड़ार मार्ग पर जमा हो गए और पुलिस के रोकने पर उन्होंने पुलिस की चार गाड़ियों, एक निजी बस और राहगीरों की 10 गाड़ियों में तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने सख़्त कार्रवाई शुरू कर दी।

पुलिस का बयान: गैंगस्टर और एनएसए के तहत होगी कार्रवाई
पुलिस उपायुक्त विवेक चंद्र यादव ने बताया कि शाम करीब 4:30 बजे के आसपास चंद्रशेखर आज़ाद के आगमन के लिए कुछ लोग इकट्ठा हुए थे, जिसमें कुछ उपद्रवी तत्वों ने पथराव किया। उन्होंने कहा, "पुलिस ने स्थानीय लोगों के सहयोग से उपद्रव को शांत कराया और उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया। यहां स्थिति सामान्य हो गई है। उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है और सभी के ख़िलाफ़ गैंगस्टर और एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जाएगी। मौक़े की स्थिति अब पूरी तरह से सामान्य है।"
पुलिस उपायुक्त विवेक चंद्र यादव ने बताया कि शाम करीब 4:30 बजे के आसपास चंद्रशेखर आज़ाद के आगमन के लिए कुछ लोग इकट्ठा हुए थे, जिसमें कुछ उपद्रवी तत्वों ने पथराव किया। उन्होंने कहा, "पुलिस ने स्थानीय लोगों के सहयोग से उपद्रव को शांत कराया और उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया। यहां स्थिति सामान्य हो गई है। उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है और सभी के ख़िलाफ़ गैंगस्टर और एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जाएगी। मौक़े की स्थिति अब पूरी तरह से सामान्य है।"
प्रशासन और पुलिस ने एहतियातन सतर्कता बढ़ा दी है ताकि क्षेत्र में और कोई अप्रिय घटना न हो।
