UP : महाकुंभ से वायरल हुई बंजारन मोनालिसा को बॉलीवुड से मिला ऑफर, सनोज मिश्रा की फिल्म में मिलने जा रहा अहम रोल
महाकुंभ-2025 में माला बेचने के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर से आई बंजारन मोनालिसा अब फिल्मों में काम करेंगी। 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के निर्देशक सनोज मिश्रा ने उन्हें अपनी अगली फिल्म 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में अहम रोल ऑफर किया है। जल्द ही मोनालिसा से मुलाकात कर उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जाएगा।
Jan 25, 2025, 07:55 IST
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महाकुंभ-2025 में माला बेचने मध्यप्रदेश के इंदौर से आईं बंजारन मोनालिसा अब फिल्मों में काम करेंगी। 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के निर्देशक सनोज मिश्रा ने उन्हें अपनी अगली फिल्म 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में अहम रोल ऑफर किया है। जल्द ही मोनालिसा से मुलाकात कर उनके साथ अनुबंध किया जाएगा। दरअसल, निर्देशक सनोज मिश्रा ने मोनालिसा के पिता से फोन पर बात की है। फिलहाल मोनालिसा महाकुंभ नगर में नहीं हैं, इसलिए सनोज अब इंदौर में मोनालिसा के गांव जाएंगे।READ ALSO:-TRAI SIM Validity Rules: 90 दिन की वैधता नियम पर उठे सवाल, TRAI ने अफवाहों को किया खारिज
मनमोहक अंदाज और खूबसूरती से रातोंरात वायरल हुईं मोनालिसा: महाकुंभनगर में रुद्राक्ष की माला बेचती मध्यप्रदेश की बेपरवाह बंजारन मोनालिसा के कुछ वीडियो वायरल हुए। सोशल मीडिया पर उनकी मासूम खूबसूरती के चर्चे होने लगे। कुछ ही दिनों में उनकी किस्मत ऐसी चमकी कि उनसे मिलने अखाड़ों में सैकड़ों लोग आने लगे। उनके साथ सेल्फी लेने लगे।
अब उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि उन्हें महाकुंभनगर में छिपकर रहना पड़ रहा है। उनके लिए आसानी से अखाड़ों में घूमना और माला बेचना मुश्किल हो गया। उन्होंने नकाब पहनना शुरू कर दिया, लेकिन तब भी वह अपनी बड़ी भूरी और गहरी आंखों की वजह से पहचानी जाती थीं और मीडिया और सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोग उनका पीछा करते थे। फिलहाल वह महाकुंभनगर में कहीं छिपी हुई हैं।
सनोज मिश्रा ने ट्वीट कर मोनालिसा को फिल्म ऑफर की थी: बेहद संवेदनशील विषयों पर एक दर्जन से ज्यादा फिल्में बना चुके निर्माता-निर्देशक सनोज मिश्रा ने पहली बार 19 जनवरी 2025 को ट्वीट कर मोनालिसा को अपनी अगली फिल्म में रोल ऑफर करने की बात कही थी। इसके बाद मोनालिसा की लोकप्रियता और बढ़ गई। एक इंटरव्यू में जब मोनालिसा से पूछा गया कि अगर उन्हें मौका मिले तो क्या वह फिल्मों में काम करना चाहेंगी? इस पर उन्होंने कहा कि फिल्मों में काम करना उनका बचपन का सपना था। अगर उन्हें मौका मिला तो वह जरूर काम करेंगी।
रिटायर्ड आर्मी सोल्जर की बेटी का रोल निभाएंगी मोनालिसा
फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा ने बताया कि 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में मोनालिसा का रोल उनकी आम जिंदगी से मिलता-जुलता है। मोनालिसा भी एक सामान्य निम्न वर्गीय परिवार से हैं। वह खानाबदोश हैं। उनका परिवार अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए घूम-घूम कर मालाएं बेचता है। वे खानाबदोश हैं।
फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा ने बताया कि 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में मोनालिसा का रोल उनकी आम जिंदगी से मिलता-जुलता है। मोनालिसा भी एक सामान्य निम्न वर्गीय परिवार से हैं। वह खानाबदोश हैं। उनका परिवार अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए घूम-घूम कर मालाएं बेचता है। वे खानाबदोश हैं।
यह रोल मणिपुर के एक रिटायर्ड आर्मी सोल्जर की बेटी का है। उनकी बेटी सेना में जाना चाहती है। यह उसका सपना है। अपने सपने को पूरा करने के लिए उसे किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है, किन-किन संघर्षों का सामना करना पड़ता है और कैसे वह अपने सपने को पूरा कर पाती है, यह सब मोनालिसा के किरदार के जरिए सिल्वर स्क्रीन पर दिखाया जाएगा।
अभिनय की बारीकियां सिखाने के लिए जल्द ही ट्रेनिंग दी जाएगी
सनोज मिश्रा का कहना है कि मोनालिसा ने कभी अभिनय की बारीकियां नहीं सीखी हैं, इसलिए उनकी टीम उन्हें अभिनय की बारीकियां सिखाने उनके घर जाएगी। वह उन्हें अपने स्टूडियो में बुलाएंगे। हमारी कोशिश होगी कि उनकी एक्टिंग को उनके मूल स्वभाव यानी उनकी बेफिक्री और मासूमियत के अनुरूप ही रखा जाए। उसे प्रशिक्षित किया जाएगा। उसे अभिनय के लिए तैयार किया जाएगा। हमारा प्रयास होगा कि उसके व्यक्तित्व का विकास हो। उसे इस तरह तैयार किया जाएगा कि भविष्य में उसे और फिल्मों में भूमिकाएं मिल सकें और वह अभिनय में अपना करियर बना सके।
सनोज मिश्रा का कहना है कि मोनालिसा ने कभी अभिनय की बारीकियां नहीं सीखी हैं, इसलिए उनकी टीम उन्हें अभिनय की बारीकियां सिखाने उनके घर जाएगी। वह उन्हें अपने स्टूडियो में बुलाएंगे। हमारी कोशिश होगी कि उनकी एक्टिंग को उनके मूल स्वभाव यानी उनकी बेफिक्री और मासूमियत के अनुरूप ही रखा जाए। उसे प्रशिक्षित किया जाएगा। उसे अभिनय के लिए तैयार किया जाएगा। हमारा प्रयास होगा कि उसके व्यक्तित्व का विकास हो। उसे इस तरह तैयार किया जाएगा कि भविष्य में उसे और फिल्मों में भूमिकाएं मिल सकें और वह अभिनय में अपना करियर बना सके।
अभिनय में पारंगत होना होगा
फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा से जब पूछा गया कि बतौर फिल्म निर्देशक वह उनमें क्या देखते हैं तो उन्होंने कहा कि फिल्म का अच्छा होना किसी की आंखों या सुंदरता पर निर्भर नहीं करता है। अगर फिल्म इंडस्ट्री में टिकना है और अपनी छाप छोड़नी है तो अभिनय में पारंगत होना होगा। एक कलाकार के गुण मोनालिसा में डाले जा सकते हैं, उन्हें सिखाया जा सकता है। हमने उनमें देखा है कि उनमें कुछ कर गुजरने की चाहत है। उनकी बातों से लगता है कि उन्हें फिल्मों में आकर कुछ बड़ा करना चाहिए।
फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा से जब पूछा गया कि बतौर फिल्म निर्देशक वह उनमें क्या देखते हैं तो उन्होंने कहा कि फिल्म का अच्छा होना किसी की आंखों या सुंदरता पर निर्भर नहीं करता है। अगर फिल्म इंडस्ट्री में टिकना है और अपनी छाप छोड़नी है तो अभिनय में पारंगत होना होगा। एक कलाकार के गुण मोनालिसा में डाले जा सकते हैं, उन्हें सिखाया जा सकता है। हमने उनमें देखा है कि उनमें कुछ कर गुजरने की चाहत है। उनकी बातों से लगता है कि उन्हें फिल्मों में आकर कुछ बड़ा करना चाहिए।
संदेश देना है कि सब कुछ नग्नता और गंदगी नहीं है
सनोज मिश्रा कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग मानते हैं कि सब कुछ नग्नता और गंदगी नहीं है। अगर सनी लियोनी जैसी पोर्न स्टार को फिल्म इंडस्ट्री में लाकर आइकॉन बनाया जा सकता है तो अगर मैं एक बंजारा समाज और एक गरीब लड़की को देश के सामने लाऊं तो एक अच्छा संदेश जाएगा कि सब कुछ नग्नता और गंदगी नहीं है. आप खुद को फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी शालीनता और सादगी के साथ भी पेश कर सकते हैं।
सनोज मिश्रा कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग मानते हैं कि सब कुछ नग्नता और गंदगी नहीं है। अगर सनी लियोनी जैसी पोर्न स्टार को फिल्म इंडस्ट्री में लाकर आइकॉन बनाया जा सकता है तो अगर मैं एक बंजारा समाज और एक गरीब लड़की को देश के सामने लाऊं तो एक अच्छा संदेश जाएगा कि सब कुछ नग्नता और गंदगी नहीं है. आप खुद को फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी शालीनता और सादगी के साथ भी पेश कर सकते हैं।
मेरी फिल्म में सलमान-शाहरुख जैसी स्टार कास्ट नहीं
सनोज मिश्रा कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद हमेशा से रहा है, लेकिन दर्शकों ने ऐसे लोगों की फिल्मों को नकार दिया है। नई कहानियां नहीं आ रही हैं। नए कलाकार नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोग सिर्फ उन्हीं लोगों के साथ काम करना चाहते हैं जिन्हें वो अच्छे से जानते हैं, पहचानते हैं, जिनके साथ उनका तालमेल है। वो नए फिल्म निर्देशकों को एंटरटेन नहीं करते। मेरी कोशिश शुरू से ही यही रही है कि मैं अलग रास्ता चुनूं। अच्छी फिल्में करूं। हमने हमेशा नए कलाकारों को मौका दिया है। मोनालिसा को रोल देना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। मेरी फिल्मों में सलमान-शाहरुख जैसी स्टार कास्ट नहीं होती, मेरी फिल्म की कहानी में स्टार कास्ट होती है।
सनोज मिश्रा कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद हमेशा से रहा है, लेकिन दर्शकों ने ऐसे लोगों की फिल्मों को नकार दिया है। नई कहानियां नहीं आ रही हैं। नए कलाकार नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोग सिर्फ उन्हीं लोगों के साथ काम करना चाहते हैं जिन्हें वो अच्छे से जानते हैं, पहचानते हैं, जिनके साथ उनका तालमेल है। वो नए फिल्म निर्देशकों को एंटरटेन नहीं करते। मेरी कोशिश शुरू से ही यही रही है कि मैं अलग रास्ता चुनूं। अच्छी फिल्में करूं। हमने हमेशा नए कलाकारों को मौका दिया है। मोनालिसा को रोल देना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। मेरी फिल्मों में सलमान-शाहरुख जैसी स्टार कास्ट नहीं होती, मेरी फिल्म की कहानी में स्टार कास्ट होती है।
'द डायरी ऑफ मणिपुर' में मोनालिसा को मौका
उनका कहना है कि मेरी नई फिल्म द डायरी ऑफ मणिपुर की कहानी एक स्टार कास्ट है। इसमें किरदार निभाने वाले कलाकार बड़े बन जाते हैं। मेरा मानना है कि जरूरी नहीं कि प्रतिभा बड़े परिवारों तक ही सीमित हो। मैंने हमेशा यह साबित किया है। अगर मोनालिसा का परिवार मेरा साथ देता है तो मैं एक बार फिर साबित कर दूंगी कि कोई भी साधारण लड़की कुछ भी कर सकती है। यह मोनालिसा जैसी लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी होगी।
मैं सिर्फ मोनालिसा के लिए महाकुंभ में नहीं आया
सनोज मिश्रा कहते हैं कि मोनालिसा मेरे महाकुंभ में आने की वजह नहीं हैं। महाकुंभ में आने का मेरा कार्यक्रम पहले से तय था। हां, अगर मैं उनके परिवार से मिलता हूं तो मैं यह जरूर चाहूंगा कि वह फिल्म में मेरे द्वारा उनके लिए चुने गए किरदार को करने के लिए राजी हो जाएं। अगर मैं उनसे संपर्क कर पाता हूं तो ठीक है, नहीं तो मैं उनके घर जाऊंगा। इंदौर में हमारी टीम के लोग उनसे संपर्क में हैं।
सनोज मिश्रा कहते हैं कि मोनालिसा मेरे महाकुंभ में आने की वजह नहीं हैं। महाकुंभ में आने का मेरा कार्यक्रम पहले से तय था। हां, अगर मैं उनके परिवार से मिलता हूं तो मैं यह जरूर चाहूंगा कि वह फिल्म में मेरे द्वारा उनके लिए चुने गए किरदार को करने के लिए राजी हो जाएं। अगर मैं उनसे संपर्क कर पाता हूं तो ठीक है, नहीं तो मैं उनके घर जाऊंगा। इंदौर में हमारी टीम के लोग उनसे संपर्क में हैं।
सनोज आगे कहते हैं कि मोनालिसा जैसी कई लड़कियां हुई हैं, चाहे वो रानू मंडल हो या आंख मारने वाली लड़की, लेकिन समय के साथ सभी गायब हो जाती हैं। महाकुंभ के बाद लोग मोनालिसा को भूल जाएंगे, लेकिन मैं कोशिश करूंगा कि मोनालिसा के साथ ऐसा न हो। अगर मैं दो साल बाद कोई फिल्म लेकर भी आता हूं, तो उसे अच्छे से ट्रेनिंग देने के बाद ही इस इंडस्ट्री में लॉन्च करूंगा।
5 फरवरी से लंदन में शुरू होगी फिल्म की शूटिंग
सनोज मिश्रा ने बताया कि 'द डायरी ऑफ मणिपुर' 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' की शूटिंग खत्म होने के बाद ही बोर्ड पर आई थी। इसकी पहली शूटिंग 5 फरवरी 2025 से लंदन में होगी। वहां 5 दिन की शूटिंग है। इसके बाद दिल्ली में 10-12 दिन की शूटिंग होगी। इसके बाद दो से तीन महीने का गैप होगा। इन दो से तीन महीनों में मोनालिसा को ट्रेनिंग दी जाएगी। उसके बाद उनके साथ शूटिंग की जाएगी।
सनोज मिश्रा ने बताया कि 'द डायरी ऑफ मणिपुर' 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' की शूटिंग खत्म होने के बाद ही बोर्ड पर आई थी। इसकी पहली शूटिंग 5 फरवरी 2025 से लंदन में होगी। वहां 5 दिन की शूटिंग है। इसके बाद दिल्ली में 10-12 दिन की शूटिंग होगी। इसके बाद दो से तीन महीने का गैप होगा। इन दो से तीन महीनों में मोनालिसा को ट्रेनिंग दी जाएगी। उसके बाद उनके साथ शूटिंग की जाएगी।
पिता को यकीन नहीं हुआ कि बेटी को फिल्मों में मौका मिल रहा है
बताया जाता है कि जब मोनालिसा के पिता से बात की गई तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि उनकी बेटी को फिल्म ऑफर हुई है। बताया जाता है कि जब उनकी टीम के लोगों ने महाकुंभ में ठहरे मोनालिसा के पिता से बात कराई तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। पहले तो उन्होंने इसे बेहद हल्के में लिया। उन्हें लगा कि कोई मजाक कर रहा है, लेकिन जब हमारी टीम ने उन्हें समझाया तो वे गंभीर हो गए। पिता का कहना है कि उनकी बेटी का फिल्मों में काम करना न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे बंजारा समाज के लिए गर्व की बात होगी।
बताया जाता है कि जब मोनालिसा के पिता से बात की गई तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि उनकी बेटी को फिल्म ऑफर हुई है। बताया जाता है कि जब उनकी टीम के लोगों ने महाकुंभ में ठहरे मोनालिसा के पिता से बात कराई तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। पहले तो उन्होंने इसे बेहद हल्के में लिया। उन्हें लगा कि कोई मजाक कर रहा है, लेकिन जब हमारी टीम ने उन्हें समझाया तो वे गंभीर हो गए। पिता का कहना है कि उनकी बेटी का फिल्मों में काम करना न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे बंजारा समाज के लिए गर्व की बात होगी।