प्रयागराज में 'मुर्गा' बने डीएलएड छात्र: "मास्टर बनने के लिए कोर्स करके बहुत बड़ी गलती कर दी!"

 शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन जारी, छात्रों ने सीएम योगी से मांगी माफी; 6 जून तक का अल्टीमेटम
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PRAYAGRAJ
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) प्रशिक्षित छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए छात्रों ने बुधवार को एक अनोखा तरीका अपनाते हुए मुर्गा बनकर जुलूस निकाला और अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कोर्स करके उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी है।READ ALSO:-💍"कैंसर से जूझती टेलीविजन अभिनेत्री हिना खान ने रचाई शादी – जीवन के सबसे कठिन दौर में बना प्रेम का सबसे खूबसूरत अध्याय"

 

28 मई से जारी है धरना, टीईटी पास छात्र हुए शामिल
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर डीएलएड प्रशिक्षित छात्र उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के बाहर 28 मई से धरने पर बैठे हैं। इस आंदोलन में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास डीएलएड/बीटीसी प्रशिक्षित छात्र शामिल हैं।

 


अपने विरोध के दौरान, डीएलएड छात्रों ने कान पकड़कर मुर्गा बनकर जुलूस निकाला, जो उनकी हताशा और निराशा को दर्शाता है। छात्रों ने इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ से माफी मांगते हुए कहा कि "हमसे गलती हो गई जो हमने मास्टर बनने के लिए डीएलएड कोर्स करते हुए प्रशिक्षण लिया।" यह बयान उनकी वर्तमान स्थिति और भविष्य को लेकर उनकी चिंता को उजागर करता है।

 

'भूत उतारने' के लिए हनुमान चालीसा का पाठ
छात्रों ने प्रदेश सरकार और आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि वे डीएलएड बोर्ड का संचालन बंद कर दें या फिर नई प्राथमिक शिक्षा भर्ती का विज्ञापन तुरंत जारी करें। अपनी अनोखी मांगों और विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए, छात्रों ने यूपी सरकार और आयोग के 'अनुपात-समानुपात के भूत' को उतारने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। यह प्रतीकात्मक विरोध सरकार और आयोग द्वारा शिक्षकों की आवश्यकता को लेकर दिए जा रहे तर्कों पर छात्रों की असहमति को दर्शाता है।

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6 जून तक का अल्टीमेटम: 'महाधरना' और सरकार होगी जिम्मेदार
आंदोलन कर रहे छात्रों ने प्रदेश सरकार को 6 जून तक का समय दिया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो यह धरना अब 'महाधरने' में बदल जाएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। यह अल्टीमेटम छात्रों की दृढ़ता और उनके आंदोलन को और तेज करने के इरादे को दर्शाता है।

 

7 साल से नौकरी का इंतजार: 16 लाख छात्रों का भविष्य अधर में
छात्रों का कहना है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती का पिछला विज्ञापन साल 2018 में जारी किया गया था। इसके बाद से पिछले 7 सालों में कोई नई भर्ती नहीं हुई है। इन सात सालों में तकरीबन 16 लाख छात्रों ने डीएलएड का कोर्स पूरा कर लिया है, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली है। आज भी ये सभी छात्र एक नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बड़ी संख्या में प्रशिक्षित युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है, जिससे सरकार पर भर्ती प्रक्रिया तेज करने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
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