नोएडा में फिर 'खामोश कोरोना' की दस्तक! 19 एक्टिव केस पर भी नहीं जारी हुईं गाइडलाइंस, क्या है वजह?
'हल्के लक्षण' वाले मरीज होम आइसोलेशन में, 7 दिन बाद दोबारा जांच; वेरिएंट का पता लगाने भेजे जा रहे सैंपल
May 28, 2025, 22:28 IST
|

नोएडा, 28 मई 2025: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के तेज़ी से बढ़ते शहर नोएडा में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर सुर्खियों में हैं। स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को 4 नए मरीजों की पुष्टि के साथ जिले में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। यह आंकड़ा जहां लोगों में हल्की चिंता बढ़ा रहा है, वहीं सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मामलों में लगातार वृद्धि के बावजूद, अभी तक जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई भी आधिकारिक कोविड गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक तो सुरक्षा प्रोटोकॉल जारी हो जाने चाहिए थे।READ ALSO:-READ ALSO:-बिजनौर में 'तूफान का ब्रेक'! हावड़ा-जम्मूतवी रूट पर थमे ट्रेनों के पहिए, हजारों यात्री फंसे; घंटों बाद रेलवे ने संभाली कमान
तेज़ी से बढ़ रहा 'अदृश्य' ग्राफ: महिलाएं-पुरुष, सब चपेट में
नोएडा में कोरोना के नए मामलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों के आंकड़े देखें तो:
-
बुधवार: 4 नए मरीज
-
मंगलवार: 5 नए मरीज
-
सोमवार: 9 नए मरीज
-
शनिवार: 1 महिला में पुष्टि
कुल मिलाकर, नोएडा में अब 19 सक्रिय कोरोना मरीज हैं, जिनमें 11 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन सभी मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में ही चल रहा है, क्योंकि उनमें हल्के लक्षण देखे गए हैं। बीमारी की पुष्टि के ठीक 7 दिन बाद इन सभी मरीजों की दोबारा जांच की जाएगी ताकि उनकी रिकवरी सुनिश्चित की जा सके।
'हल्के लक्षण' ही दिला रहे राहत, अस्पताल में बेड आरक्षित
जिला निगरानी अधिकारी डॉ. टीकम सिंह ने जनता को आश्वस्त करते हुए बताया कि नए सामने आए 4 मरीजों सहित सभी सक्रिय मामलों में कोरोना के हल्के लक्षण ही हैं। इन सभी को घर पर ही आइसोलेट किया गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार उनकी निगरानी कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मरीजों की उम्र 24 साल से लेकर 71 साल तक के बीच है और सभी की स्थिति स्थिर है।
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि यदि किसी मरीज की स्थिति बिगड़ती है या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है, तो जिला अस्पताल में बेड पहले से ही आरक्षित रखे गए हैं।
वेरिएंट की पहचान है प्राथमिकता: दिल्ली-लखनऊ भेजे गए सैंपल
हालांकि मरीजों में हल्के लक्षण हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कोरोना के सक्रिय वेरिएंट का पता लगाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि निजी अस्पतालों से संक्रमित मरीजों के एक-एक नमूने मांगे गए हैं, जिन्हें जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दिल्ली या लखनऊ स्थित विशेषज्ञ प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा। इससे यह जानकारी मिल पाएगी कि नोएडा में कौन सा विशिष्ट कोरोना वायरस वेरिएंट सक्रिय है, और क्या उसकी संक्रामकता या गंभीरता में कोई बदलाव आया है।
फिलहाल, नोएडा प्रशासन ने कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की है, लेकिन लोगों को अपनी तरफ से सावधानी बरतने और हल्के लक्षण होने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने की सलाह दी जा रही है।
