नोएडा में शांति व्यवस्था के लिए धारा 163 BNSS लागू: क्या हैं नए नियम और इसके मायने?

 सार्वजनिक स्थलों पर नमाज, प्रदर्शन और भीड़ जमा करने पर प्रतिबंध; 9 जून तक रहेंगे प्रभावी
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नोएडा में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के उद्देश्य से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी गई है। यह धारा, जिसे पहले धारा 144 (CPC) के नाम से जाना जाता था, 9 जून तक प्रभावी रहेगी। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर कई तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।READ ALSO:-📱🧠सावधान! आपकी जेब में मौजूद फोन बन सकता है ब्रेन ट्यूमर का कारण? जानिए WHO की रिपोर्ट और एक्सपर्ट्स की चौंकाने वाली राय!

 

धारा 163 BNSS के तहत नोएडा में लागू प्रमुख प्रतिबंध:
  • सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रार्थनाएँ: खुले में या सार्वजनिक स्थलों पर नमाज या किसी भी तरह की धार्मिक प्रार्थना करने पर पूर्ण प्रतिबंध है।
  • प्रदर्शन और भीड़: किसी भी तरह के प्रदर्शन, रैली या सार्वजनिक स्थानों पर एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है।
  • पशु कुर्बानी पर सख्ती: जिन पशुओं की कुर्बानी पर प्रतिबंध है, उनकी कुर्बानी करते पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • ड्रोन पर पाबंदी: सार्वजनिक स्थानों पर ड्रोन उड़ाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा न आए।
  • लाउडस्पीकर का सीमित उपयोग: लाउडस्पीकर का उपयोग निर्धारित ध्वनि सीमा के भीतर ही करना होगा। तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर रोक है।
  • कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन: कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है।
  • अफवाहों पर लगाम: सोशल मीडिया या किसी भी माध्यम से अफवाहें फैलाने या भ्रामक जानकारी प्रसारित करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

क्या है धारा 163 BNSS और क्यों हुई लागू?
धारा 163 BNSS भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जिसे 2023 में लागू किया गया था। यह किसी भी जिले या राज्य में आपातकालीन स्थिति, अशांति या किसी भी तरह की परेशानी को नियंत्रित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किया जा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक शांति बनाए रखना, मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दंगे या झगड़े जैसी स्थितियों को रोकना है।

 

धारा 163 के प्रमुख प्रावधान और आपके अधिकार:
  • आदेश जारी करने का अधिकार: यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी अधिकारी द्वारा जारी किया जा सकता है।
  • उद्देश्य: इसका प्राथमिक लक्ष्य सार्वजनिक शांति, मानव जीवन की सुरक्षा और दंगे या किसी भी प्रकार के टकराव को रोकना है।
  • तत्काल प्रभाव: यह एक एकतरफा आदेश होता है, जिसे आपातकालीन स्थिति में तुरंत लागू किया जाता है।
  • अवधि: एक बार जारी होने के बाद, यह आदेश आमतौर पर 2 महीने तक लागू रहता है। यदि स्थिति सामान्य नहीं होती है, तो राज्य सरकार इसे 6 महीने तक बढ़ा सकती है।
  • चुनौती देने का अधिकार: यदि किसी व्यक्ति को इस धारा के तहत जारी आदेश से कोई परेशानी होती है, तो वह मजिस्ट्रेट के सामने अपील कर सकता है। मजिस्ट्रेट को उचित सुनवाई देकर आदेश को रद्द या संशोधित किया जा सकता है।

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उल्लंघन करने पर क्या होगी सजा?
धारा 163 BNSS के आदेशों का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है:

 

  • यदि उल्लंघन से किसी प्रकार की कोई हानि या खतरे का कारण नहीं बनता है, तो 1 माह तक की जेल या ₹1,000 जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
  • यदि उल्लंघन से जान, स्वास्थ्य या शांति को खतरा उत्पन्न होता है, तो 6 माह तक की जेल या ₹5,000 जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं।

नोएडा पुलिस ने यह कदम जिले में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे इन नियमों का पालन करें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।

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