नोएडा में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से मिलेगी राहत, NCAP के तहत 300 करोड़ रुपये से होगा ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प

 केंद्र सरकार से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल शहर के ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर होगा खर्च, फ्री होंगे सभी लेफ्ट टर्न, बनेगा स्काईवॉक
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NO LEFT TURN
नोएडा: नोएडा अथॉरिटी शहर में वायु प्रदूषण को कम करने और ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए कमर कस रहा है। इसके तहत, अथॉरिटी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत केंद्र सरकार से करीब 300 करोड़ रुपए का फंड लेने जा रहा है। इससे पहले भी अथॉरिटी NCAP के तहत दो बार 30-30 करोड़ रुपए प्राप्त कर चुका है।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश: ईको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, सात जिलों के बांध और जलाशय बनेंगे पर्यटन स्थल

 

ट्रैफिक कंजेशन दूर करना मुख्य लक्ष्य
नए प्लान के तहत NCAP से मिलने वाले इस बड़े फंड का मुख्य उपयोग नोएडा में ट्रैफिक कंजेशन को दूर करने में किया जाएगा। इसके लिए नए ट्रैफिक प्लान तैयार किए जाएंगे और उन्हीं के अनुसार शहर में काम को अंजाम दिया जाएगा।

 

पूरे शहर के लेफ्ट टर्न होंगे फ्री, 10 लाख लोगों को होगा फायदा
नोएडा अथॉरिटी का दावा है कि इस नए ट्रैफिक प्लान से शहर के लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी हद तक राहत मिलेगी। प्लान के तहत शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नलों पर लेफ्ट टर्न को फ्री किया जाएगा। जहां कहीं भी लेफ्ट टर्न पर फुटपाथ या कोई अन्य अवरोध मौजूद है, उसे हटाया जाएगा। इसके लिए एक विस्तृत सर्वे कराया जाएगा और सर्वे के नतीजों के आधार पर काम शुरू होगा। इसका मुख्य मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन बेवजह खड़े न हों। अथॉरिटी के सीईओ डॉक्टर लोकेश एम का कहना है कि इस कदम से शहर के करीब 10 लाख लोगों को सीधा फायदा होगा।

 

प्रदूषण में कमी और बेहतर सड़कें
अथॉरिटी का यह भी दावा है कि ट्रैफिक फ्लो बेहतर होने से वाहनों के बेवजह रुकने और चलने की स्थिति कम होगी, जिससे प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी। ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने के लिए इसी फंड का इस्तेमाल सड़कों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में भी किया जाएगा। बताया गया है कि सेक्टर-62 में एनएच-9 और गाजियाबाद को जोड़ने के लिए बनाए जाने वाला महत्वपूर्ण स्काई वॉक भी इसी NCAP फंड से निर्मित किया जाएगा।

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सफाई और वेस्ट मैनेजमेंट पर भी होगा खर्च
NCAP फंड का उपयोग केवल ट्रैफिक तक ही सीमित नहीं रहेगा। इस फंड के जरिए ड्रेनेज सिस्टम को साफ करने और शहर को स्वच्छ रखने के लिए आवश्यक मशीनें भी खरीदी जाएंगी। इसके अतिरिक्त, निकलने वाले कचरे के वैज्ञानिक पद्वति से ट्रीटमेंट के लिए 40-40 टीडीपी (टन प्रति दिन) क्षमता वाले छह इंटीग्रेटेड प्लांट भी इसी फंड से लगाए जाएंगे, जिनके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

 

हालांकि, अथॉरिटी की पहली प्राथमिकता शहर के ट्रैफिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना है, ताकि जाम की समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सके और वायु प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
SONU

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