ग्रेटर नोएडा में मोमोज का खौफ: एक ही परिवार के 4 सदस्य फूड पॉइजनिंग के शिकार!
फूड स्टॉल से खरीदा था 'स्वाद', अस्पताल में पहुंचा पूरा परिवार; विक्रेता फरार, खाद्य विभाग की जांच जारी
May 30, 2025, 00:05 IST
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ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश – 29 मई 2025: ग्रेटर नोएडा में एक बार फिर स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। मोमोज खाने के बाद एक ही परिवार के चार सदस्यों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह घटना 25 मई की है, जब परिवार ने सेक्टर अल्फा वन के कमर्शियल बेल्ट से मोमोज खरीदे थे, और अब पूरा परिवार फूड पॉइजनिंग से जूझ रहा है।READ ALSO:-मेरठ में 'तीन तलाक' का सनसनीखेज मामला: दहेज न मिलने पर पति ने तमंचे के बल पर काटे पत्नी के बाल, फिर दिया तलाक!
शाम का 'स्नैक' बना पेट का दर्द, रात भर बिगड़ी हालत
सेक्टर जू-2 में रहने वाले विनय कसाना ने बताया कि 25 मई की शाम को उनके परिवार ने अल्फा वन कमर्शियल बेल्ट की एक फूड स्टॉल से मोमोज खरीदे थे। मोमोज खाने के कुछ ही देर बाद विनय की तबीयत खराब होने लगी। देखते ही देखते उनकी मां मुनीता कसाना और परिवार के अन्य सदस्य पारुल कसाना व दीपिका कसाना को भी उल्टी-दस्त की गंभीर शिकायतें होने लगीं। हालत बिगड़ने पर, 26 मई की सुबह सभी को कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि यह फूड पॉइजनिंग का मामला है, जिससे उनके पेट में गंभीर संक्रमण हो गया है। हालांकि, सभी की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है और जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है।
शिकायत के बाद हरकत में आया खाद्य विभाग, विक्रेता फरार
इस गंभीर घटना के बाद, गुरुवार को पीड़ितों ने कलेक्ट्रेट में खाद्य विभाग से शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही, खाद्य सुरक्षा अधिकारी इबादुल्लाह ने अपनी टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से बातचीत की है और उनकी तबीयत अब बेहतर है।
जांच के दौरान, खाद्य विभाग को पता चला कि मोमोज बेचने वाला विक्रेता घटना के बाद से फरार है और उसने अपनी स्टॉल भी नहीं लगाई है। विभाग उसकी तलाश में जुटा हुआ है।
मोमोज में 'केमिकल' की आशंका, जांच रिपोर्ट का इंतजार
डॉक्टरों ने मोमोज में हानिकारक केमिकल मिले होने की आशंका जताई है, जिसके कारण इतनी तेज़ी से तबीयत बिगड़ी। हालांकि, खाद्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अगर ऐसा होता तो और भी लोग बीमार पड़ सकते थे। विभाग अब फरार मोमोज विक्रेता का पता लगाकर उसके नमूने एकत्र करेगा। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बार-बार उठ रहे सवाल: क्या स्ट्रीट फूड सुरक्षित है?
यह कोई पहली घटना नहीं है जब ग्रेटर नोएडा में मोमोज खाने से लोग बीमार पड़े हों। पिछले साल भी ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न इलाकों में मोमोज खाने से 30 से अधिक लोग बीमार हुए थे। उस समय भी विभाग ने जांच की थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया था।
यह घटना एक बार फिर शहर के स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता और स्वच्छता मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या हमें स्ट्रीट फूड विक्रेताओं पर अधिक सख्त निगरानी और नियमित जांच की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और नागरिकों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सके?
