नोएडा में कोरोना का कहर जारी: 5 नए केस के साथ सक्रिय मरीज 24 हुए, प्रशासन अलर्ट पर!
कम दिख रहे लक्षण, पर जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट का इंतजार; निजी अस्पतालों पर निर्भरता और सरकारी दिशानिर्देशों की कमी चिंता का विषय
May 29, 2025, 22:04 IST
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गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश – 29 मई 2025: नोएडा में कोरोना वायरस एक बार फिर अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है, जिससे जिले में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को 5 नए मरीजों की पुष्टि होने के बाद, गौतम बुद्ध नगर में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। इन नए मरीजों में दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जिनमें शुरुआती लक्षण के तौर पर सर्दी-जुकाम और बुखार की शिकायत देखी गई। इन सभी मामलों की पुष्टि निजी लैब या अस्पतालों में हुई जांच के बाद हुई है।READ ALSO:-मेरठ में 'तीन तलाक' का सनसनीखेज मामला: दहेज न मिलने पर पति ने तमंचे के बल पर काटे पत्नी के बाल, फिर दिया तलाक!
मरीजों की हालत स्थिर, लेकिन जीनोम सिक्वेंसिंग पर टिकी निगाहें
जिला निगरानी अधिकारी डॉ. टीकम सिंह ने बताया है कि सभी 24 सक्रिय मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है और उन पर लगातार नज़र रखी जा रही है। एक राहत भरी खबर यह भी है कि इन संक्रमितों के संपर्क में आए किसी भी व्यक्ति में अभी तक कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं मिले हैं, जिसके चलते उनकी तत्काल जांच नहीं की गई है। हालांकि, लक्षण दिखने पर उनकी भी जांच की जाएगी।
डॉ. सिंह के अनुसार, इस बार कोरोना संक्रमित मरीजों में संक्रमण के लक्षण केवल 3 दिन तक ही दिख रहे हैं, जिसके बाद वे गायब हो जाते हैं। अभी तक कोई भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचा है, न ही बाद में किसी की हालत बिगड़ी है।
संक्रमण के प्रकार और गंभीरता को समझने के लिए, 6 दिन पहले संक्रमित हुई एक 55 वर्षीय महिला मरीज की शुक्रवार को दोबारा जांच की जाएगी। साथ ही, उसके नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भी भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है। सभी नए मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है ताकि संक्रमण के स्रोत का पता लगाया जा सके।
निजी अस्पतालों पर निर्भरता और दिशा-निर्देशों का अभाव
मौजूदा स्थिति में, नोएडा में कोरोना के अधिकांश मरीज निजी अस्पतालों और लैब के माध्यम से सामने आ रहे हैं, क्योंकि सरकारी जिला अस्पताल में बहुत कम जांचें हो पा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग को अभी तक प्रदेश सरकार से कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज, जांच और अन्य पहलुओं के लिए कोई नए और स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य प्रबंधन में एक चुनौती खड़ी कर रही है, और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बना रही है।
नोएडा में बढ़ते मामले निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं, खासकर जब तक JN.1 जैसे वैरिएंट की सटीक जानकारी जीनोम सिक्वेंसिंग से नहीं मिल जाती। क्या आपको लगता है कि सरकार को इस स्थिति में जल्द से जल्द नए और स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने चाहिए ताकि स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके?