गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा आना-जाना होगा सुगम, लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा शाहबेरी फ्लाईओवर को मिली हरी झंडी
उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने के साथ-साथ सड़कों का निर्माण भी किया जा रहा है। गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के बीच जल्द ही सफर आसान होने वाला है। जल्द ही लोगों को ट्रैफिक जाम की परेशानी से राहत मिलेगी।
Mar 3, 2025, 21:43 IST
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ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी गांव और गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक के बीच ट्रैफिक की समस्या से जल्द ही निजात मिलने वाली है। दोनों जगहों को जोड़ने वाले फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के बीच बनने वाले शाहबेरी फ्लाईओवर को हरी झंडी दे दी है। इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने के बाद फ्लाईओवर की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार की जाएगी। READ ALSO:-“शक्ति: द लास्ट होप” का ट्रेलर हुआ लॉन्च – AI टेक्नोलॉजी से बना Sci-Fi महायुद्ध!
फ्लाईओवर के निर्माण से ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट आने-जाने वाले लोगों को फायदा होगा। साथ ही इससे ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के बीच कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। डीपीआर तैयार करने में जुटा सीआरआरआई केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) की एक टीम ने इस प्रोजेक्ट के लिए प्रारंभिक साइट मूल्यांकन का काम पूरा कर लिया है। संस्थान अब डीपीआर तैयार करेगा।
शाहबेरी फ्लाईओवर के निर्माण से ग्रेटर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद होते हुए वेस्ट यूपी जाने वाले लोगों का सफर आसान हो जाएगा। अब इस शाहबेरी फ्लाईओवर के निर्माण से पहले इटेड़ा गोल चक्कर से एनएच-9 तक करीब 3.8 किलोमीटर लंबे और 16 मीटर चौड़े फ्लाईओवर की डीपीआर तैयार की जाएगी।
GNIDA ने सीआरआरआई को भेजा पत्र
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने डीपीआर रिपोर्ट तैयार करने के लिए सीआरआरआई को पत्र भेजा है। डीपीआर को पहले प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद इस पर शासन से मंजूरी ली जाएगी। डीपीआर के साथ ही 16 मीटर चौड़ाई के अंतर्गत आने वाले 4 किलोमीटर के निर्माण की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अनुमान है कि अप्रैल 2025 तक ग्रेटर नोएडा का जेवर एयरपोर्ट व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए शुरू हो जाएगा।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने डीपीआर रिपोर्ट तैयार करने के लिए सीआरआरआई को पत्र भेजा है। डीपीआर को पहले प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद इस पर शासन से मंजूरी ली जाएगी। डीपीआर के साथ ही 16 मीटर चौड़ाई के अंतर्गत आने वाले 4 किलोमीटर के निर्माण की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अनुमान है कि अप्रैल 2025 तक ग्रेटर नोएडा का जेवर एयरपोर्ट व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए शुरू हो जाएगा।
एयरपोर्ट शुरू होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा होते हुए एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसलिए प्राधिकरण एयरपोर्ट शुरू होने से पहले सड़कों की समस्या को पूरी तरह से दुरुस्त करने में जुट गया है। सीआरआरआई ने प्राधिकरण को दो प्रस्ताव भेजे थे, जिसमें एलिवेटेड रोड बनाने का सुझाव दिया गया था। इसमें गाजियाबाद से ग्रेनो वेस्ट तक 14 मीटर और 16 मीटर चौड़े फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव था।

फिलहाल प्राधिकरण ने 16 मीटर चौड़े फ्लाईओवर को मंजूरी दे दी है। फ्लाईओवर बनने से इन समस्याओं का होगा समाधान वहीं, शाहबेरी से क्रॉसिंग रिपब्लिक को जोड़ने वाली 1 किलोमीटर लंबी सड़क 15 मीटर चौड़ी है। इन दोनों जगहों को जोड़ने के अलावा यह सड़क अतिरिक्त ट्रैफिक को भी पूरा करती है, क्योंकि यात्री इसका इस्तेमाल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के साथ-साथ गाजियाबाद से नोएडा लिंक रोड पर जाने के लिए करते हैं।
इस सड़क पर अक्सर भारी ट्रैफिक जाम रहता है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है। बेतरतीब पार्किंग और स्थानीय फर्नीचर दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण से समस्या और बढ़ जाती है। उम्मीद है कि फ्लाईओवर बनने के बाद इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा।