मुजफ्फरनगर: बुढ़ाना कोतवाली में कुर्सी को जंजीर से बांधा, सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

 जन सुनवाई डेस्क की कुर्सी को ताले से जकड़ा, क्राइम इंस्पेक्टर की बताई जा रही है करामात
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मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की बुढ़ाना कोतवाली में एक अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां जन सुनवाई डेस्क पर रखी कुर्सी को मोटी जंजीर और ताले से टेबल के साथ बांध दिया गया है। यह नजारा देखकर ऐसा लगता है मानो पुलिस को अपनी कुर्सी के चोरी हो जाने का डर सता रहा हो।READ ALSO:-पीएम सूर्यघर योजना: मेरठ जनपद में एक लाख छतों पर लगने हैं सोलर प्लांट, अब सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों पर फोकस

 

कुर्सी बनी तमाशा:
कोतवाली में जन सुनवाई डेस्क की कुर्सी को जंजीर से बांधने का यह दृश्य चर्चा का विषय बन गया है। लोग इस बात पर हैरान हैं कि आखिर पुलिस को अपनी कुर्सी को इस तरह से बांधने की क्या जरूरत पड़ गई। इसकी तुलना गर्मियों में प्याऊ पर रखे मग या गिलास को चोरी से बचाने के लिए चेन से बांधने से की जा रही है।

 

उठ रहे सवाल:
सवाल यह है कि आखिर कोतवाली में कुर्सी चुराने की हिम्मत कौन करेगा? क्या कोई फरियादी शिकायत दर्ज कराने आएगा और कुर्सी उठाकर भाग जाएगा? या फिर कोई पुलिसकर्मी ही इसे अपने घर ले जाना चाहता है? इस घटना से कोतवाली की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि जिस कोतवाली में कुर्सी को चोरी से बचाने के लिए जंजीर और ताले की जरूरत पड़ रही है, वहां कानून और व्यवस्था का क्या हाल होगा?

 

क्राइम इंस्पेक्टर पर आरोप:
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह 'करामात' वहां तैनात क्राइम इंस्पेक्टर की है। हालांकि, उन्होंने ऐसा क्यों किया, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन कुर्सी की हालत देखकर ऐसा लगता है कि उसे अब आजादी से ज्यादा कैद में रहने की आदत हो गई है।

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सुरक्षा व्यवस्था पर व्यंग्य:
यह घटना पुलिस की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्था पर एक व्यंग्य की तरह है। अगर पुलिस अपनी कुर्सी को ही चोरी से बचाने के लिए इतनी मशक्कत कर रही है, तो अपराधियों को पकड़ने में वह कितना प्रयास करती होगी, यह सोचने वाली बात है। यह कुर्सी चुपचाप अपनी कहानी कह रही है कि यहां सुरक्षा का आलम यह है कि कुर्सी तक को ताले की जरूरत पड़ गई है।
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