मुरादाबाद: मौत बनकर आया हाईवे पर खड़ा 'यमराज', ट्रैक्टर-ट्राली में घुसी तेज रफ्तार कार, बिजनौर के पति-पत्नी और बेटी की दर्दनाक मौत, 3 अन्य गंभीर
मुरादाबाद–बिजनौर नाके पर रात 2:30 बजे हुई इस भीषण हादसे ने एक खुशहाल लौटते परिवार को हवाले-ए-दुर्घटना कर दिया। शादी समारोह से लौट रही कार अनियंत्रित हो कर सड़क किनारे खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली से जा टकराई, जिससे दंपति और उनकी 11 वर्षीय बेटी की मौत हो गई, जबकि अन्य तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
Apr 30, 2025, 12:03 IST
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मुरादाबाद: देर रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क किनारे लापरवाही से खड़े किए गए वाहन किस कदर जानलेवा साबित हो सकते हैं, इसकी बानगी मुरादाबाद में देखने को मिली। मंगलवार की रात एक भीषण सड़क हादसे में शादी समारोह से लौट रहे एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। तेज रफ्तार कार सड़क किनारे खड़े एक ट्रैक्टर-ट्राली से टकरा गई, जिसमें पति-पत्नी और उनकी मासूम बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि परिवार के तीन अन्य सदस्य जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।READ ALSO:-दहेज नहीं, 'इश्क' बना जान का दुश्मन: बिजनौर में पति की हत्या, पत्नी और उसके आशिक ने रची खूनी साजिश
देर रात का मंज़र: चीखें और मदद की गुहार
यह हृदय विदारक घटना मंगलवार की देर रात करीब 2.30 बजे ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के रतूपुरा-करनपुर मार्ग पर हुई। बिजनौर जिले के फिना रामपुर गांव का एक परिवार मुरादाबाद में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद अपनी कार से घर वापस लौट रहा था। बताया जा रहा है कि कार काफी तेज गति में थी। जैसे ही वे करनपुर-रतुपुरा मार्ग पर पहुंचे, वहां सड़क किनारे लापरवाही से एक ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी थी।
कार की रफ्तार संभवतः 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने के कारण ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और कार सीधे पीछे से खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली में जा घुसी। टक्कर इतनी भीषण थी कि जोरदार धमाके के साथ कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
कार में फंसे शव, 30 मिनट तक तड़पते रहे
टक्कर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कार का ड्राइवर साइड वाला हिस्सा पूरी तरह से दब गया। इस साइड बैठे कविराज (36), उनकी पत्नी मंजू (34) और उनकी 11 साल की बेटी आराध्या सीट बेल्ट के साथ बुरी तरह से कार के ढांचे में फंस गए। हादसे के बाद वे करीब 30 मिनट तक कार में फंसे रहे और दर्द से तड़पते रहे, लेकिन भीषण टक्कर और रात के अंधेरे के कारण उन्हें तत्काल मदद नहीं मिल पाई। आखिरकार, तीनों ने दम तोड़ दिया।
कार में सवार परिवार के अन्य सदस्य - कविराज का बेटा लक्ष्य (12), सतीश की बेटी ताशु (18) और एक अन्य व्यक्ति भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
सुबह ग्रामीणों ने देखा मंज़र, पुलिस को दी सूचना
रात के अंधेरे में यह हादसा हो गया और किसी को तत्काल पता नहीं चला। सुबह करीब 3 बजे जब कुछ ग्रामीण उस रास्ते से गुजरे, तो उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त कार और ट्रैक्टर-ट्राली को देखा। कार की हालत देखकर वे समझ गए कि हादसा बहुत भयानक हुआ है। ग्रामीणों ने तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। गांव वालों की मदद से पुलिस ने कार में फंसे घायलों को बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला। तीनों घायलों को तत्काल एम्बुलेंस की मदद से काशीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर कार में फंसे तीनों शवों - कविराज, मंजू और आराध्या के शवों को भी बाहर निकाला। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने मृतकों की शिनाख्त के बाद उनके परिजनों को सूचना दी, जिसके बाद फिना रामपुर गांव में मातम छा गया।
पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्राली मालिक और ड्राइवर के खिलाफ भी आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्होंने वाहन को इस तरह सड़क किनारे खड़ा कर दिया था। इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों के पालन और लापरवाही से वाहन पार्क करने के खतरों को उजागर किया है।