मुरादाबाद: डिग्गी से निकला 1.5 करोड़ का 'खजाना'! बंद हो चुके नोटों के साथ पुलिस कांस्टेबल समेत तीन अरेस्ट, बैंक तक नेटवर्क का शक

डिलारी में सक्रिय था पुरानी करेंसी खपाने का बड़ा सिंडिकेट, 10% कमीशन पर चलता था अवैध कारोबार; फरार सरगना की तलाश जारी
 | 
MBD
मुरादाबाद: नोटबंदी के वर्षों बाद भी पुराने और चलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 रुपये के नोटों का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। मुरादाबाद जिले के डिलारी थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे ही बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए एक कार से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की प्रतिबंधित करेंसी बरामद की है। इस कार्रवाई में यूपी पुलिस के एक कांस्टेबल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गैंग के तीन अन्य सदस्य पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं।READ ALSO:-पिज्जा शॉप की आड़ में 'चोरी की बाइक' का खेल! नूरपुर पुलिस ने दो युवकों और तीन बाल अपचारियों को दबोचा

 

कैसे पकड़े गए 'नोटों के सौदागर'?
यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया जब डिलारी पुलिस हौसपुरा पुलिया के पास वाहनों की सघन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान करनपुर की दिशा से आ रही एक संदिग्ध स्विफ्ट डिजायर कार को रोकने का इशारा किया गया। पुलिस को देखते ही कार में बैठे कुछ लोगों में हड़कंप मच गया और गाड़ी रुकते ही तीन व्यक्ति तुरंत बाहर निकलकर भागने लगे। हालांकि, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार चालक सहित तीन लोगों को मौके पर ही दबोच लिया। बाद में पता चला कि पकड़े गए लोगों में से एक रियाज शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के कारण तेजी से भाग नहीं पाया।

 ये आरोपी रियाज है, जो दोनों पैर से दिव्यांग है।

कार की डिग्गी में छिपा था 'रद्दी' का अंबार
पकड़े गए लोगों से कड़ाई से पूछताछ की गई और भागने का कारण पूछा गया। उनकी निशानदेही पर जब कार की डिग्गी खोली गई तो अंदर का नजारा देखकर पुलिस टीम चौंक गई। डिग्गी में प्लास्टिक की दो बड़ी बोरियां भरी हुई थीं। बोरियों को खोलकर देखा गया तो वे 500 और 1000 रुपये के पुराने, बंद हो चुके नोटों की गड्डियों से अटी पड़ी थीं।

 


बरामद नोटों की गिनती की गई तो हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए। पहली बोरी से 1000 रुपये के नोटों की 76 गड्डियां और 81 खुले नोट मिले, जिनकी कुल वैल्यू 76 लाख 81 हजार रुपये थी। दूसरी बोरी में 500 रुपये के नोटों की 146 गड्डियां और 36 खुले नोट थे, जिनकी कुल कीमत 73 लाख 18 हजार रुपये आंकी गई। दोनों बोरियों से कुल 1 करोड़ 49 लाख 99 हजार रुपये की प्रतिबंधित करेंसी बरामद हुई।

 

सिंडिकेट का 'मोडस ऑपरेंडी': फैसल से सत्तार तक
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने इस अवैध कारोबार के पूरे सिंडिकेट का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि संभल के सैदनगली कस्बे का रहने वाला फैसल इस गैंग का मुख्य सरगना है, जो पुराने नोटों को इकट्ठा करता था। फैसल से ये नोट रामपुर के अहमद नगर अहमदाबाद की मढ़ैय्या के रहने वाले रियाज और यासीन के पास पहुंचते थे। यहां से नोटों की खेप बिजनौर भेजी जाती थी, जहां सत्तार नाम का व्यक्ति उन्हें लेता था। सत्तार बिजनौर जिले में गुहावर और नूरपुर के बीच एक मुर्गी फार्म पर रहता है और वही इन पुराने नोटों को खपाने का मुख्य काम करता था। सत्तार इसके बदले में गैंग को 10% कमीशन काटकर नए नोट देता था। डेढ़ करोड़ रुपये के लिए सत्तार को इस गैंग को 15 लाख रुपये देने थे।

 

खाकी का काला चेहरा: पुलिस कांस्टेबल भी शामिल
इस गैंग में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि गिरफ्तार आरोपियों में एक यूपी पुलिस का कांस्टेबल विक्की गौतम भी शामिल है। विक्की गौतम सीतापुर जिले में तैनात है लेकिन लंबे समय से अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर चल रहा था। उसकी संलिप्तता ने पुलिस विभाग में भी हड़कंप मचा दिया है।

 

बैंक कनेक्शन की आशंका, सत्तार की तलाश तेज
आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि सत्तार का नेटवर्क काफी मजबूत है और उसके बैंक के कुछ अधिकारियों से भी सीधे संपर्क हैं, जिनकी मदद से यह प्रतिबंधित करेंसी खपाई जाती थी। पुलिस का मानना है कि जब तक सत्तार गिरफ्तार नहीं होता, इस पूरे नेटवर्क का पूरी तरह पर्दाफाश होना मुश्किल है, खासकर बैंक अधिकारियों की संभावित भूमिका स्पष्ट होने के लिए सत्तार की गिरफ्तारी जरूरी है।

 OMEGA

फरार आरोपियों की धरपकड़ जारी
पुलिस ने रियाज (रामपुर), विक्की गौतम (अमरोहा) और यासीन (रामपुर) को गिरफ्तार किया है। वहीं, यूसुफ, सत्तार और फैसल मौके से फरार हो गए हैं। आरोपियों ने बताया कि यूसुफ भी कार में ही सवार था लेकिन पुलिस को देखकर भाग निकला। पुलिस ने फरार तीनों आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित कर दी हैं और उनके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। एसपी क्राइम ने बताया कि बरामद करेंसी और सिंडिकेट के संबंध में आयकर विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक और प्रवर्तन निदेशालय को भी सूचित कर दिया गया है ताकि इस मामले की उच्च स्तरीय और विस्तृत जांच हो सके। कार का रजिस्ट्रेशन रामपुर जिले का निकला है, जिसकी जांच भी जारी है।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।