रोंगटे खड़े कर देगा 'गोल्ड ऑपरेशन': मुरादाबाद में पुलिस ने बचाया, वरना पेट चीरकर सोना निकालते बदमाश! कंडोम में भरकर एनस में इंसर्ट किया 1kg गोल्ड
दुबई से लौटे 4 तस्करों का अपहरण, फर्जी कस्टम अफसर बनकर बदमाशों ने की हैवानियत की कोशिश; एनकाउंटर में दो किडनैपर गिरफ्तार
May 25, 2025, 16:43 IST
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मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश में एक बेहद सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं। मुरादाबाद पुलिस ने दुबई से लौटे चार ऐसे गोल्ड तस्करों को बदमाशों के चंगुल से बचाया है, जो उनके पेट चीरकर छिपा हुआ सोना निकालने की तैयारी में थे। पुलिस की समय पर कार्रवाई और दिलेरी ने इन तस्करों की जान बचा ली। इस हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन के बाद पुलिस ने चार लोगों के पेट से लगभग 950 ग्राम सोने के 29 कैप्सूल बरामद किए हैं और मुठभेड़ के बाद दो बदमाशों को गिरफ्तार भी किया है।READ ALSO:-बिजनौर में दहलाने वाला खुलासा: तेंदुए का 'हमला' नहीं, जमीन विवाद में किसान की हत्या!
सऊदी से दिल्ली, फिर 'फर्जी पुलिस' का फिल्मी अपहरण
यह पूरा नाटकीय घटनाक्रम शुक्रवार, 23 मई को शुरू हुआ। रामपुर जिले के टांडा बादली के रहने वाले मोहम्मद मुत्तलिब, अजहरुद्दीन, शाने आलम और जुल्फिकार अली दुबई से मुंबई होते हुए दिल्ली पहुंचे। वहीं, मोहम्मद नावेद और जाहिद अली सीधे दुबई से दिल्ली की फ्लाइट से आए। दिल्ली एयरपोर्ट पर ये सभी 6 लोग एक साथ मिले और फिर एक अर्टिगा कार में सवार होकर अपने गृह नगर टांडा बादली, रामपुर के लिए निकले। कार को जुल्फिकार नामक ड्राइवर चला रहा था, इस तरह कुल 7 लोग गाड़ी में सवार थे।
जैसे ही इनकी कार मुरादाबाद नेशनल हाईवे बाईपास पर पुराने, बंद हो चुके टोल प्लाजा के पास पहुंची, दो कारें (एक बोलेरो और एक स्विफ्ट डिजायर) ने ओवरटेक कर इनकी गाड़ी को रुकवा लिया। इन कारों से उतरे 4-5 लोगों ने खुद को कस्टम अधिकारी और केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बताया। हैरत की बात यह है कि बदमाशों में से एक ने पुलिस की वर्दी भी पहन रखी थी, ताकि कोई उन पर शक न कर सके। फर्जी कस्टम अधिकारियों ने तस्करों की अर्टिगा कार को मौके पर ही छोड़ दिया और सभी 6 तस्करों व ड्राइवर जुल्फिकार को हथियार के बल पर अपहरण कर लिया।
रौंदा झौंडा के जंगल में 'मौत का सौदागर'
अपहरणकर्ता सभी को मूंढापांडे थाना क्षेत्र में रौंदा झौंडा के पास एक सुनसान जंगल में स्थित बाग में ले गए। यहाँ पिस्तौल के बल पर उन्हें काबू में रखा गया। गोल्ड तस्करों को कुछ देर में ही एहसास हो गया कि उन्हें अगवा करने वाले असली अधिकारी नहीं, बल्कि शातिर बदमाश हैं। कस्टम अधिकारी बने बदमाशों ने सीधे गोल्ड तस्करों से उनके पेट में छिपे सोने के बारे में पूछा और फिर पेट चीरकर सोना निकालने की धमकी देना शुरू कर दिया, जिससे वहां मौजूद सभी लोगों में दहशत फैल गई।
ड्राइवर की सूझबूझ और पुलिस का 'धावा'
बदमाश अभी अपनी हैवानियत को अंजाम देने की तैयारी में ही थे कि इसी बीच तस्करों का ड्राइवर जुल्फिकार किसी तरह उस बाग से बचकर भाग निकला। उसने तुरंत डॉयल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। मुरादाबाद के एसएसपी सतपाल अंतिल ने वायरलेस पर संदेश सुनते ही तुरंत पूरे इलाके की घेराबंदी का आदेश दिया। आसपास के थानों के पुलिस बल के साथ सीनियर अधिकारी भी तत्काल मौके पर पहुंच गए।
पुलिस और बदमाशों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई। पुलिस की गोली से दो किडनैपर तौफीक (काशीपुर दोराहा, मुरादाबाद निवासी) और मोहम्मद रजा (काशीपुर निवासी) घायल हो गए और पकड़े गए। हालांकि, उनके चार अन्य साथी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार होने में कामयाब रहे, जिनकी तलाश जारी है। घायल बदमाशों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्कैनिंग से हुआ खुलासा: 4 के पेट में छिपा था सोना
पुलिस ने बदमाशों के चंगुल से छुड़ाए गए सभी 7 लोगों से पूछताछ की, तो उन्हें भनक लगी कि ये पीड़ित वास्तव में खुद भी इंटरनेशनल गोल्ड तस्कर हैं। इस शंका पर पुलिस ने उन्हें पहले मूंढापांडे सीएचसी ले जाकर मुरादाबाद जिला अस्पताल रेफर करने को कहा, ताकि स्कैनिंग कराई जा सके। हालांकि, सीएचसी के डॉक्टरों ने रेफर करने में आनाकानी की, जिससे पुलिस का शक और बढ़ गया।
आखिरकार, पुलिस ने जिला अस्पताल में छुड़ाए गए सभी 7 लोगों की स्कैनिंग और अल्ट्रासाउंड कराया। जांच में पता चला कि दुबई से वाया मुंबई आने वाले चार लोग (शाने आलम, मुत्तलिब, अजहरुद्दीन और जुल्फिकार) के पेट में मेटल है। वहीं, दुबई से सीधे दिल्ली आने वाले नावेद और जाहिद के पेट में कोई सोना नहीं मिला, न ही ड्राइवर जुल्फिकार के पेट में।
पेट से निकले 950 ग्राम सोने के 29 कैप्सूल, खुला 'कंडोम गोल्ड' तस्करी का खौफनाक तरीका
पेट में मेटल की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर्स की टीम ने एनिमा लगाकर सोना निकालने की कोशिशें शुरू कीं। रविवार सुबह तक चारों तस्करों के पेट से सोने के 29 कैप्सूल निकाले जा चुके थे, जिनका कुल वजन करीब 975 ग्राम है। इन सभी को कड़ी पुलिस सुरक्षा में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कस्टम अधिकारियों को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
पुलिस पूछताछ में गोल्ड तस्करों ने बताया कि वे काफी समय से दुबई से गोल्ड तस्करी का काम कर रहे थे। उन्होंने खुलासा किया कि वे दुबई में अपने सुरक्षित ठिकानों पर सोने के कैप्सूल को कंडोम में पैक करते थे और फिर इन्हें गुदा (एनस) के रास्ते शरीर में डालते थे। भारत आने के बाद एनस के रास्ते ही ये कंडोम निकाल लिए जाते थे। कई बार दिक्कत होने पर ऑपरेशन करके भी ये गोल्ड कंडोम निकाले जाते हैं।
रामपुर का 'गोल्ड कॉरिडोर': कई युवाओं की मौत का काला सच
पुलिस ने बताया कि रामपुर का टांडा क्षेत्र गोल्ड तस्करी के मामले में कुख्यात है। यह जानकर दुख होता है कि पेट में सोना छुपाकर लाने वाले कई युवाओं की तस्करी के इसी जानलेवा खेल में पहले भी दर्दनाक मौतें हो चुकी हैं। कई बार ऐसा भी हुआ है कि गुदा के रास्ते सोना न निकलने पर, सोना तस्करी कराने वाले गिरोह खुद ही उनका पेट चीर देते हैं या झोलाछाप डॉक्टरों से ऑपरेट करा देते हैं, जिससे अक्सर इन युवाओं की असमय मौत हो जाती है।
यह घटना दिखाती है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी का सिंडिकेट युवाओं की जान को जोखिम में डालकर अवैध धंधे को बढ़ावा देता है और अपराधी कैसे इस मौके का फायदा उठाकर क्रूरता की सारी हदें पार कर जाते हैं। क्या आप जानना चाहेंगे कि ऐसी जानलेवा तस्करी को रोकने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां क्या कदम उठा रही हैं?
