मेरठ में मौसम का 'तूफानी' तांडव: मई में बरसा 15 साल का रिकॉर्ड, शहर को 20 घंटे तक अंधेरे में धकेला!

 आंधी-बारिश ने बिगाड़ी शहर की सूरत, टूटा बिजली व्यवस्था का दम, अब अगले दो दिन भी रहेगी बेचैनी
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WEATHER
मेरठ ने हाल ही में मौसम का एक ऐसा रूप देखा, जिसने शहर को हिलाकर रख दिया। बुधवार रात को आई भयंकर आंधी और मूसलाधार बारिश ने जहाँ जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं इसके बाद बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। यह मई महीने में हुई अब तक की रिकॉर्डतोड़ बारिश है।Read also:-🦠कोविड का नया ख़तरा 'JN.1' भारत में सक्रिय! महाराष्ट्र में दस्तक, क्या फिर से बूस्टर डोज़ का वक्त आ गया है?

 

बुधवार की रात: जब आसमान से बरसी आफत
बुधवार की रात मेरठ के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। तेज़ हवाओं के साथ इतनी भीषण बारिश हुई कि पिछले तीन साल के सभी रिकॉर्ड टूट गए। इस मई महीने में कुल 89 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से कहीं अधिक है। आंधी और बारिश का कहर ऐसा था कि शहर से लेकर देहात तक सब कुछ प्रभावित हो गया। कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे गिर गए और सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

 

गुरुवार: थोड़ी राहत, पर गर्मी का अहसास बरकरार
बुधवार के भयंकर मौसम के बाद, गुरुवार को मेरठ में थोड़ी राहत मिली। सुबह से ही धूप खिली रही और 8 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने के कारण दिन में गर्मी का अहसास थोड़ा कम रहा। हालांकि, दोपहर होते-होते उमस बढ़ गई। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार, गुरुवार को अधिकतम तापमान 31.9 डिग्री सेल्सियस और रात का न्यूनतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस दौरान 41.2 मिमी बारिश भी हुई।

 

मौसम के रिकॉर्ड और भविष्य की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों के लिए भी यह मई का महीना खास रहा। मौसम वैज्ञानिक अशोक गुप्ता ने बताया कि पिछले लगभग चार साल में मई माह में यह सबसे ज़्यादा बारिश दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, यह पिछले 15 साल में दूसरी बार है जब इतनी अधिक बारिश हुई है। इससे पहले वर्ष 2021 में 129 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही का कहना है कि 25 मई तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा, जिसमें उमस भरी गर्मी और बारिश दोनों के आसार हैं।

 

20 घंटे तक बिजली गुल: अंधेरे में डूबे शहर के कई हिस्से
आंधी और बारिश का सबसे गंभीर प्रभाव बिजली आपूर्ति पर पड़ा। शहर के कई इलाकों में 20 घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही, जिससे लोग भीषण गर्मी और उमस में परेशान होते रहे। गंगानगर-2, सी ब्लॉक शास्त्रीनगर, फाजलपुर, टीपी नगर बनवारी वाटिका, परतापुर और शताब्दीनगर चार उपकेंद्र क्षेत्र सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए। परतापुर शताब्दीनगर-4 फीडर क्षेत्र में तो गुरुवार शाम 6 बजे तक भी बिजली नहीं आ पाई थी।

 

शहर के कुल 57 बिजलीघर क्षेत्रों में से 70 प्रतिशत में बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई। टीपीनगर क्षेत्र के बनवारी वाटिका, फाजलपुर, शास्त्रीनगर, शताब्दीनगर और खत्ता रोड पर ही लगभग 20 से अधिक पोल क्षतिग्रस्त हुए, जिससे बिजली के साथ-साथ पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। परतापुर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में 22 पोल टूटने और 15 से अधिक ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने के कारण गुरुवार शाम तक बिजली नहीं आई। घंटाघर के पटेल नगर में लाइन पर पेड़ गिरने के कारण यहां भी 18 घंटे से अधिक समय तक बिजली नहीं रही।

 OMEGA

इन इलाकों में जनजीवन हुआ बेहाल
बिजली गुल होने से शहर के खड़ौली बिजलीघर, बेगमपुल, नौचंदी, लोहियानगर, मेडिकल, मोहकमपुर, परतापुर, रामलीला ग्राउंड, लिसाड़ी गेट, लिसाड़ी रोड, प्यारे लाल, हापुड़ रोड, सेंट्रल मार्केट, विकासपुरी, मोहनपुरी और सूरजकुंड समेत तमाम इलाकों में लोग त्राहिमाम करते रहे। बिजली न होने से पीने के पानी की समस्या भी बढ़ गई, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गईं।
SONU

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