मेरठ में दर्दनाक हादसा: मेडा की लापरवाही से क्रेन में उतरा करंट, ड्राइवर की मौत; बेटा चीखता रहा ‘मेरे पापा…मेरे पापा…’ तीन झुलसे, अधिकारी मौके से फरार

 अवैध कॉलोनी में बिजली के खंभे हटाते समय हुआ हादसा, बिना शटडाउन काम कराने का आरोप; मृतक के बेटे का रुदन देख हर आंख हुई नम
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मेरठ, [30 June 2025]: मेरठ के समर गार्डन इलाके में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की टीम द्वारा एक अवैध कॉलोनी में बिजली के खंभे हटाने के अभियान के दौरान, क्रेन में करंट उतरने से उसके ड्राइवर छोटेलाल (45) की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में तीन अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए। चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के बाद मेडा के अधिकारी और कर्मचारी मौके से फरार हो गए, जिससे उनकी लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।READ ALSO:-मेरठ में मानसून का धमाकेदार आगमन: पहली मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, पर गर्मी से मिली राहत

 

बिना शटडाउन काम, हाईटेंशन लाइन से छू गई जेसीबी
यह घटना लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के समर गार्डन में मदीना फेज-2 की अवैध कॉलोनी में हुई। मेडा की टीम सुबह करीब 12 बजे यहां अवैध रूप से लगे बिजली के खंभों को हटाने पहुंची थी। आरोप है कि मेडा ने बिजली विभाग को इसकी कोई सूचना नहीं दी थी और बिना शटडाउन लिए ही काम शुरू कर दिया था।

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मौके पर क्रेन लेकर ड्राइवर छोटेलाल और उसका हेल्पर गया प्रकाश मौजूद थे। काम करने के दौरान अचानक 11 केवी की हाईटेंशन लाइन से जेसीबी मशीन टच हो गई। छूते ही पूरी क्रेन में तेज़ी से करंट दौड़ गया। हेल्पर गया प्रकाश तो तुरंत कूदकर भाग निकला, लेकिन ड्राइवर छोटेलाल करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

 

लाश के साथ कपड़े भी झुलसे, मेडा अधिकारियों पर लगा भागने का आरोप
हादसा इतना भीषण था कि ड्राइवर छोटेलाल क्रेन पर ही बुरी तरह जल गया और नीचे गिर पड़ा। उसकी बॉडी बुरी तरह झुलस चुकी थी और कपड़े भी जल गए थे। इस भयावह मंज़र को देखकर आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया।

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मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसा होते ही मेडा के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत मौके से भाग गए। किसी ने भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने की ज़हमत नहीं उठाई। स्थानीय लोगों ने ही पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बिजली का शटडाउन हुआ और पुलिस ने झुलसे हुए कर्मचारियों को अस्पताल पहुंचाया। छोटेलाल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।

 

'पापा, मेरे पापा!' बेटे का रुदन देख हर आंख हुई नम
छोटेलाल की मौत की ख़बर जब उसके परिवार को मिली, तो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। छोटेलाल का बेटा दिनेश जब मौके पर पहुंचा और अपने पिता की जली हुई बॉडी देखी, तो वह फूट-फूट कर रो पड़ा। रोते-रोते दिनेश बार-बार बस यही कह रहा था, "मेरे पापा, मेरे पापा!" वहां मौजूद कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दिनेश को संभाला।

 

छोटेलाल के परिवार में उसकी पत्नी शांति, बेटा दिनेश (पत्नी गीता और दो बच्चे आयुष व किट्टू के साथ), और दो शादीशुदा बेटियां पुष्पा व हेमा हैं। जब छोटेलाल की डेडबॉडी को पिकअप में रखा जा रहा था, तब भी दिनेश बार-बार पिता की लाश की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहा था। पुलिसकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से उसे संभाला और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

 

मेडा कर्मचारियों ने की मुक़दमे की मांग, लापरवाही पर उठे सवाल
इस दर्दनाक हादसे के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण के कर्मचारी संगठन और कर्मचारी यूनियन ने गहरा शोक व्यक्त किया है। कर्मचारियों ने मांग की है कि उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए, जिन्होंने बारिश के मौसम में बिना उचित अनुमति और सुरक्षा उपायों के बिजली के खंभे हटाने और अवैध कॉलोनी ध्वस्तीकरण का अभियान चलवाया।

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कर्मचारियों का कहना है कि बारिश में बिजली का काम कराने का आदेश दिया गया, और उसमें भी बिजली विभाग की अनुमति नहीं ली गई, न ही उसे सूचित किया गया। उनका मानना है कि अगर बिजली विभाग को सूचित कर मदद ली जाती, तो यह हादसा टाला जा सकता था। यह घटना मेडा की कार्यप्रणाली और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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