मेरठ के इस बाईपास का शुरू होगा चौड़ीकरण का कार्य, चौड़ाई बढ़ाकर 12 से 14 मीटर तक की जाएगी; बीच में बनेगा डिवाइडर

मेरठ में जाम की समस्या के समाधान के लिए बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा किया जाएगा। मौजूदा 7 मीटर चौड़ी सड़क को 12-14 मीटर तक बढ़ाया जाएगा, जिसमें डिवाइडर भी बनाए जाएंगे। मेरठ विकास प्राधिकरण (MEDA) टीडीआर नीति के तहत बिना भूमि अधिग्रहण के यह काम करेगा। प्रभावित लोगों को अतिरिक्त एफएआर मिलेगा, ताकि वे ऊंची इमारतें बना सकें। मार्च-अप्रैल में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
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bijli bamba bypass meerut
जाम की समस्या के समाधान के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (Meda) बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा करने जा रहा है। यानी वर्तमान में जो सड़क है, उसकी चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में सड़क की चौड़ाई सात मीटर है, इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 12 से 14 मीटर की जाएगी। बीच में डिवाइडर बनाया जाएगा, जिससे आने-जाने के लिए अलग-अलग लेन होंगी। READ ALSO:-Meerut : नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोपी BJP नेता गिरफ्तार, अल्पसंख्यक मोर्चा नेता नईम उर्फ ​​मूली पॉक्सो एक्ट के तहत चल रहा था फरार, घर से किया गिरफ्तार

 

चौड़ाई बढ़ाने के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। मेदा इसके लिए टीडीआर पॉलिसी का विकल्प लेकर आया था। इसके तहत मेदा ने संबंधित किसानों समेत 500 लोगों को सहमति पत्र भेजे हैं। संबंधित लोगों से मेदा की वार्ता पहले ही हो चुकी थी, इसलिए सहमति पत्र भी आने शुरू हो गए हैं। उम्मीद है कि मार्च या अप्रैल से सड़क का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। 

 

इस तरह बढ़ाई जाएगी चौड़ाई 
बाईपास को चौड़ा करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (Meda) अब टीडीआर फार्मूले पर काम करने जा रहा है। इसके तहत संबंधित लोगों की जमीन निशुल्क ली जाएगी, जिसके बदले में यहां के लोगों को जमीन के बदले अतिरिक्त एफएआर (Floor Area Ratio) दिया जाएगा। 

 

एफएआर बायपास के लिए ली गई जमीन के मूल्य का दोगुना होगा। इसका फायदा यह होगा कि यहां के लोग कई मंजिलों वाली बिल्डिंग बना सकेंगे और चाहें तो कुछ मंजिलें दूसरों को बेच भी सकेंगे। यह सब राज्य सरकार के हस्तांतरणीय विकास अधिकार अनुमति (TDR) उपविधि 2022 से होगा। 

 

मेड़ा ने 17 अगस्त 2023 को 124वीं बोर्ड बैठक में इसे लागू कर दिया। राज्य में सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने में सबसे बड़ी समस्या है। सड़क के आसपास के लोगों ने जमीन छोड़ दी है, लेकिन उस जमीन को उन लोगों ने खरीद लिया है। सरकारी विभाग सड़क की चौड़ाई बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन संबंधित जमीन नहीं खरीद पा रहे हैं। 

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सरकार इसके अधिग्रहण के लिए पैसा भी नहीं देती है। इसके समाधान के लिए यह नीति बनाई गई। इसमें नियम रखा गया कि जो जितनी जमीन निशुल्क लेगा, उसे अतिरिक्त एफएआर और बिक्री की छूट दी जाए। 

 

बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण के लिए किसानों को सहमति पत्र भेजा गया है। किसानों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर मेड़ा को भेजना भी शुरू कर दिया है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा। -विजय कुमार सिंह, प्रभारी मुख्य नगर नियोजक, मेड़ा

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