मेरठ में टैक्स क्रांति का आगाज़: अब खुद तय करें अपना हाउस टैक्स, निगम पहुंचाएगा घर-घर 'स्वकर' फॉर्म!
स्वकर निर्धारण की व्यवस्था शुरू — अब खुद तय करें अपना हाउस टैक्स, निगम सम्मानित करेगा समय पर टैक्स चुकाने वालों को
Updated: Jul 2, 2025, 07:01 IST
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मेरठ, उत्तर प्रदेश: अब हाउस टैक्स चुकाना सिर्फ निगम की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आपकी सुविधा और पारदर्शिता का प्रतीक होगा! मेरठ नगर निगम ने कर वसूली में क्रांति लाते हुए एक अभूतपूर्व पहल की है। मंगलवार को महापौर हरिकांत अहलूवालिया की मौजूदगी में नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने घोषणा की कि अब निगम के कर्मचारी घर-घर जाकर 'स्वकर निर्धारण' फॉर्म वितरित करेंगे, जिससे गृहस्वामी अपनी प्रॉपर्टी का सही-सही विवरण भरकर खुद अपना टैक्स तय कर सकेंगे। यह कदम टैक्स प्रणाली को सरल, न्यायसंगत और अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।READ ALSO:-मेरठ में भूचाल! पूर्व MLC और भाजपा नेत्री डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के मेडिकल कॉलेज पर CBI का शिकंजा, बेगमबाग आवास पर भी छापा
बीस साल बाद 'टैक्स सुधार': लाखों प्रॉपर्टी अभी भी निगम की 'नजरों' से दूर!
नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने प्रेसवार्ता में बताया कि 2003-04 के बाद से हाउस टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि इन दो दशकों में मेरठ का शहरी परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। नई इमारतों, विस्तार और प्रॉपर्टी के स्वरूप में बदलाव के बावजूद टैक्स का आधार पुराना ही रहा।
नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने प्रेसवार्ता में बताया कि 2003-04 के बाद से हाउस टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि इन दो दशकों में मेरठ का शहरी परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। नई इमारतों, विस्तार और प्रॉपर्टी के स्वरूप में बदलाव के बावजूद टैक्स का आधार पुराना ही रहा।
गंगवार ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए: 2024-25 में 2.60 लाख ऐसी प्रॉपर्टी पाई गईं जिनका टैक्स बकाया था। हालांकि, सख्ती के बाद 1.44 लाख प्रॉपर्टी धारकों ने अपना टैक्स जमा कर दिया। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जीआईएस (ज्योग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) सर्वे के मुताबिक, अभी भी 4.49 लाख प्रॉपर्टी ऐसी हैं जिन पर कोई टैक्स लग ही नहीं रहा है!
सर्वे में लगभग 70-75 हजार प्लॉट और 29 हजार डुप्लीकेट प्रॉपर्टी भी सामने आईं। इन्हें हटाने के बावजूद, लगभग 3.50 लाख प्रॉपर्टी अब भी ऐसी हैं जिनसे निगम को एक रुपया भी टैक्स नहीं मिल रहा है। इस विशाल 'अदृश्य' प्रॉपर्टी बेस को टैक्स के दायरे में लाना ही इस नई पहल का मुख्य लक्ष्य है। प्रेसवार्ता में अपर नगर आयुक्त लवी त्रिपाठी, पार्षद पवन चौधरी और पूर्व पार्षद अंशुल गुप्ता भी मौजूद थे।
कैसे बदलेगी व्यवस्था? 'स्वकर निर्धारण' फॉर्म और सम्मान का नया अध्याय
यह नई प्रणाली प्रॉपर्टी मालिकों को खुद ही अपना टैक्स निर्धारित करने का अधिकार देगी। यह प्रक्रिया कुछ इस तरह काम करेगी:
यह नई प्रणाली प्रॉपर्टी मालिकों को खुद ही अपना टैक्स निर्धारित करने का अधिकार देगी। यह प्रक्रिया कुछ इस तरह काम करेगी:
- डोर-टू-डोर वितरण: प्रत्येक वार्ड में निगम कर्मचारी 'स्वकर निर्धारण' फॉर्म लेकर घर-घर जाएंगे।
- पार्षदों का सहयोग: क्षेत्र के पार्षद इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाएंगे, जिससे फॉर्म वितरण और भरने में मदद मिलेगी।
- डेमो की व्यवस्था: फॉर्म में दिए गए कॉलम को कैसे भरना है, इसके लिए आसान डेमो (प्रदर्शन) की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
अभी तक निगम 'गृहकर समाधान दिवस' और चौपालों के माध्यम से खामियां दूर करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन 'स्वकर निर्धारण' से यह प्रक्रिया अधिक व्यापक और उपयोगकर्ता-अनुकूल हो जाएगी।
सिर्फ वसूली नहीं, सम्मान भी! टैक्स चुकाने वालों को मिलेगा खास पहचान
नगर निगम केवल टैक्स वसूली तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वह उन जिम्मेदार नागरिकों को सम्मानित करने की अनूठी योजना भी बना रहा है जो समय पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं।
नगर निगम केवल टैक्स वसूली तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वह उन जिम्मेदार नागरिकों को सम्मानित करने की अनूठी योजना भी बना रहा है जो समय पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं।
- 'वार्ड के टॉप 10': प्रत्येक वार्ड से समय पर टैक्स जमा करने वाले शीर्ष 10 उपभोक्ताओं की सूची तैयार की जाएगी।
- सार्वजनिक अभिनंदन: नगर आयुक्त के निर्देश पर पार्षद इन नागरिकों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मानित करेंगे।
- प्रेरणा और जागरूकता: इस पहल का मकसद उन लोगों को प्रेरित करना भी है जो अभी तक टैक्स जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से बचते आ रहे हैं। यह सामाजिक दबाव और सकारात्मक प्रोत्साहन के माध्यम से कर-अनुपालन बढ़ाने का प्रयास है।
यह 'स्वकर निर्धारण' पहल मेरठ नगर निगम की वित्तीय सेहत सुधारने और शहर के विकास को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। क्या आपको लगता है कि यह नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी समझने और टैक्स प्रणाली को और अधिक जवाबदेह बनाने में मदद करेगा?
