मेरठ में स्मार्ट मीटर का 'शॉक': बिल भरा, फिर भी बिजली गुल! उपभोक्ता परेशान, घंटों अंधेरे में गुज़री रातें

 तकनीकी गड़बड़ी और मैनुअल झमेले ने बढ़ाई परेशानी, उमस भरी गर्मी में बिजली के लिए भटक रहे लोग
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SMART METER
मेरठ, [01/06/2025]: मेरठ में 'स्मार्ट' मीटर उपभोक्ताओं के लिए अब परेशानी का सबब बन गए हैं। एक तरफ जहां बिजली विभाग डिजिटलीकरण का ढिंढोरा पीट रहा है, वहीं दूसरी तरफ बिल जमा करने के बाद भी हजारों घरों में बत्ती गुल है। उपभोक्ता अपने //कटे हुए कनेक्शन को दोबारा जुड़वाने के लिए बिजली दफ्तरों और सहायता केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अक्सर निराशा ही हाथ लग रही है। इस उमस भरी गर्मी में बिना बिजली के घंटों बिताना लोगों के लिए किसी बड़ी आफत से कम नहीं है।

 

बिल जमा, फिर भी गुल रही बिजली
शहर में हजारों बिजली कनेक्शन काटे गए थे, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं का था। ये कनेक्शन बिल भुगतान की अंतिम तिथि बीत जाने के कारण काटे गए थे। ढवाई नगर के जुबेर मलिक ऐसे ही एक उपभोक्ता हैं। उन्होंने बताया कि परिवार में बीमारी के कारण उनसे बिल जमा करने में थोड़ी देरी हो गई। बिल जमा करने के बाद भी जब वह बिजलीघर पहुंचे, तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कई फोन कॉलों के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, और उनकी बिजली शुक्रवार दोपहर से शनिवार शाम तक पूरी तरह गुल रही।

 SMART METER MRT

शास्त्रीनगर एल ब्लॉक की ऊषा शर्मा का भी अनुभव कुछ ऐसा ही रहा। शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे उनके घर की बिजली कटी। उन्हें पहले लगा कि पूरे इलाके की बिजली गई है, लेकिन बाद में पता चला कि सिर्फ उनके घर की बिजली कटी है। उन्होंने टोल-फ्री नंबरों पर और अन्य माध्यमों से शिकायत की, पर कोई हल नहीं निकला। अंत में उन्हें विश्वविद्यालय रोड स्थित कार्यालय जाकर अपनी शिकायत का समाधान करने के लिए कहा गया।

 

खराब मीटर, लंबी इंतजार की घड़ियां
स्मार्ट मीटर में खराबी आने पर भी उपभोक्ताओं की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। बुढ़ाना गेट के साजिद बेग ने बताया कि उनका स्मार्ट मीटर 26 मई को स्पार्किंग के बाद जल गया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उसे आज तक बदला नहीं गया। उनका कनेक्शन अभी भी बिना मीटर के ही चल रहा है। इसी तरह, रोहटा रोड की दीपा और शास्त्रीनगर डी ब्लॉक के हृदेश वर्मा ने भी अपनी परेशानी साझा की। उनके मीटर 'नो डिस्प्ले' हो गए थे, और उन्हें एक महीने के लंबे इंतजार के बाद बदला गया। यह दिखाता है कि मीटर की मरम्मत और प्रतिस्थापन प्रक्रिया कितनी धीमी है।

 

ऑनलाइन बिलिंग, पर कनेक्शन जोड़ने में 'मैनुअल' अड़चन
स्मार्ट मीटर की खासियत यह है कि बिजली की रीडिंग और बिलिंग जैसी प्रक्रियाएं पूरी तरह से ऑनलाइन और ऑटोमेटेड हैं। लेकिन विडंबना यह है कि कटे हुए कनेक्शन को दोबारा जोड़ने की प्रक्रिया अभी भी मैनुअल है। बिजली विभाग के एक अधिशासी अभियंता ने बताया कि कनेक्शन जोड़ने के लिए कंप्यूटर में कनेक्शन नंबर डालकर एक कमांड देना पड़ता है, और प्रत्येक कनेक्शन को जोड़ने में तीन से चार मिनट लगते हैं। जब बड़ी संख्या में कनेक्शन काटे जाते हैं, तो यह मैनुअल प्रक्रिया ही व्यवस्था को चरमरा देती है। शुक्रवार दोपहर से उपभोक्ताओं ने अपने बिलों की तस्वीरें मोबाइल नंबरों पर भेजनी शुरू कर दी थीं, ताकि उनके कनेक्शन जोड़े जा सकें, और यह सिलसिला शनिवार शाम तक जारी रहा।

 

अधिकारी बोले: बकाया और तकनीकी दिक्कतें जिम्मेदार
अधिशासी अभियंता महेश कुमार ने इन समस्याओं के लिए भारी मात्रा में बकाया बिजली बिलों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि बकाया राशि के चलते ही कनेक्शन काटे गए हैं, और मुख्यालय से भी बड़े बकाएदारों के कनेक्शन काटने के निर्देश आए हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि स्मार्ट मीटर में कई बार इंटरनेट और सॉफ्टवेयर से जुड़ी दिक्कतें आती हैं, जिसके कारण कनेक्शन जोड़ने में देरी होती है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे कनेक्शन जुड़वाने के लिए 9119930006 और 9193330277 पर संपर्क कर सकते हैं।

 OMEGA

मेरठ के इन 'स्मार्ट' उपभोक्ताओं को अब यह देखना होगा कि बिजली विभाग कब तक इन तकनीकी और प्रक्रियात्मक खामियों को दूर कर पाएगा, ताकि वे बिना किसी परेशानी के बिजली का उपभोग कर सकें। क्या यह स्मार्ट मीटर वाकई उनके जीवन को 'स्मार्ट' बना पाएंगे या यह सिर्फ नई मुसीबतें ही पैदा करते रहेंगे?
SONU

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