मेरठ में दहलाने वाली घटना: पति की बेरोज़गारी से तंग मां ने बच्चों संग पिया ज़हर, 5 साल की मासूम बेटी की मौत!
कंकरखेड़ा के जटौली गांव में घरेलू कलह ने ली मासूम की जान; मां और 3 साल के बेटे की हालत गंभीर, अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग जारी
Jun 25, 2025, 23:01 IST
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मेरठ, [25 June 2035]: मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र का जटौली गांव एक दिल दहला देने वाली घटना का गवाह बना है, जहाँ घरेलू कलह और आर्थिक तंगी से परेशान एक मां ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ मिलकर ज़हरीला पदार्थ खा लिया। इस खौफनाक कदम से 5 साल की मासूम बेटी जायरा की दर्दनाक मौत हो गई है, जबकि महिला आबिदा (30) और उसका 3 साल का बेटा जैद अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।Read also:-BoycottCampa: धार्मिक भावनाओं पर भारी पड़ी 'कैंपा' की मार्केटिंग! जगन्नाथ रथ यात्रा के विज्ञापन से भड़का सोशल मीडिया, बॉयकॉट की आंधी
पति की बेरोज़गारी बनी झगड़े की जड़
पुलिस की शुरुआती जांच और पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार, इस वीभत्स घटना की जड़ पति-पत्नी के बीच लंबे समय से चली आ रही घरेलू कलह है। जटौली गांव की निवासी आबिदा का पति राशिद (32) अक्सर काम पर नहीं जाता था और घर पर ही बैठा रहता था। शादी के 8 साल बाद से ही राशिद ससुराल में रह रहा था और कभी-कभार फल-सब्जी का ठेला लगाता था, लेकिन अनियमितता के कारण घर में पैसों की भीषण किल्लत रहती थी। इसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच आए दिन तीखी बहस होती रहती थी।
पुलिस की शुरुआती जांच और पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार, इस वीभत्स घटना की जड़ पति-पत्नी के बीच लंबे समय से चली आ रही घरेलू कलह है। जटौली गांव की निवासी आबिदा का पति राशिद (32) अक्सर काम पर नहीं जाता था और घर पर ही बैठा रहता था। शादी के 8 साल बाद से ही राशिद ससुराल में रह रहा था और कभी-कभार फल-सब्जी का ठेला लगाता था, लेकिन अनियमितता के कारण घर में पैसों की भीषण किल्लत रहती थी। इसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच आए दिन तीखी बहस होती रहती थी।
बुधवार को भी राशिद और आबिदा के बीच इसी मुद्दे पर ज़बरदस्त विवाद हुआ। इस झगड़े से मानसिक रूप से टूट चुकी आबिदा ने गुस्से और हताशा में आकर एक विनाशकारी निर्णय ले लिया। उसने अपनी मासूम बेटी जायरा और छोटे बेटे जैद को पानी में सल्फास जैसा अत्यंत घातक ज़हरीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया, और खुद भी उसे निगल लिया।
मासूम जायरा ने तोड़ा दम, मां-बेटा ज़िंदगी और मौत के बीच
ज़हर पीने के कुछ ही देर बाद तीनों की हालत तेज़ी से बिगड़ने लगी। उनके मुंह से झाग निकलने लगा और वे दर्द से चीखने-चिल्लाने लगे। बच्चों और मां की चीख-पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग और आबिदा के घरवाले भागकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत तीनों को गंभीर हालत में कंकरखेड़ा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
ज़हर पीने के कुछ ही देर बाद तीनों की हालत तेज़ी से बिगड़ने लगी। उनके मुंह से झाग निकलने लगा और वे दर्द से चीखने-चिल्लाने लगे। बच्चों और मां की चीख-पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग और आबिदा के घरवाले भागकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत तीनों को गंभीर हालत में कंकरखेड़ा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
अस्पताल में चले लगभग दो घंटे के संघर्ष के बाद, 5 साल की मासूम जायरा ने दम तोड़ दिया। अपनी लाडली की मौत की खबर सुनते ही परिजनों और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। अस्पताल में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। वहीं, आबिदा और बेटे जैद की हालत अभी भी बेहद गंभीर बनी हुई है और डॉक्टर उनकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
झगड़े के दौरान मासूम बेटी करती रही थी मिन्नतें
घटना की सूचना मिलने पर कंकरखेड़ा थाना पुलिस और सिटी मजिस्ट्रेट भी तुरंत अस्पताल पहुंचे। मजिस्ट्रेट ने अस्पताल में भर्ती महिला आबिदा के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस ने मृत बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
घटना की सूचना मिलने पर कंकरखेड़ा थाना पुलिस और सिटी मजिस्ट्रेट भी तुरंत अस्पताल पहुंचे। मजिस्ट्रेट ने अस्पताल में भर्ती महिला आबिदा के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस ने मृत बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने इस हृदय विदारक घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घरवालों के अनुसार, राशिद काफी समय से बेरोज़गार था, जिसको लेकर पति-पत्नी में विवाद होते रहते थे। बुधवार को भी इसी बात पर उनका झगड़ा हुआ था। एसपी सिटी ने एक और दर्दनाक खुलासा करते हुए बताया कि घटना के समय 5 साल की मासूम जायरा अपने माता-पिता को झगड़ा न करने के लिए मिन्नतें कर रही थी और रो रही थी। इसी दौरान, महिला ने गुस्से में आकर बच्चों सहित सल्फास खा लिया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई लिखित तहरीर नहीं मिली है, लेकिन तहरीर आने पर जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना परिवार में बढ़ती बेरोज़गारी, कलह और उसके भयावह परिणामों की एक त्रासद मिसाल है, जिसमें एक मासूम जिंदगी असमय ही खत्म हो गई। यह सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के गहरे प्रभावों को दर्शाती है।
