'ऑपरेशन सिंदूर' का सुरक्षा चक्र: मेरठ प्रशासन अभेद्य किले जैसा तैयार, कंट्रोल रूम से हर हलचल पर नज़र!
सेना के साथ कदमताल, हर विभाग अलर्ट पर; बिजली, पानी, रेलवे... सब सुरक्षित; जानिए जनता के लिए क्या हैं निर्देश
May 10, 2025, 17:02 IST
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मेरठ: देश की सीमाओं पर चल रहे 'ऑपरेशन सिंदूर' ने पूरे देश में सतर्कता बढ़ा दी है, और इसी कड़ी में मेरठ जिला प्रशासन भी किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। युद्ध जैसे माहौल के बीच, नागरिकों की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है और जिला स्तर पर व्यापक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।READ ALSO:-मेरठ में DIG की सख्ती का असर: 12 घंटे में खुल गई BJP नेता के बेटे अंकित मोतला की हिस्ट्रीशीट!
आपातकालीन कंट्रोल रूम: प्रशासन की कमान यहीं से
किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में सभी गतिविधियों को नियंत्रित और समन्वित करने के लिए, जिला मुख्यालय पर एक अत्याधुनिक आपातकालीन कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेगा और इसमें सभी आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शिफ्टों में मौजूद रहेंगे। यह कंट्रोल रूम 'वन-पॉइंट कमांड' सेंटर के रूप में काम करेगा, जिससे सूचनाओं का आदान-प्रदान त्वरित होगा और निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज़ होगी। जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने बताया कि कंट्रोल रूम यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी आपात स्थिति में प्रतिक्रिया समय (response time) न्यूनतम हो।
सभी विभागों की फ़ौज तैयार: 'एक इशारे पर दौड़ पड़ेंगे'
इस कंट्रोल रूम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसके साथ विभिन्न विभागों की प्रशिक्षित टीमें सीधे तौर पर जुड़ी होंगी। आपातकाल का 'इशारा' मिलते ही ये टीमें बिना किसी देरी के मौके पर पहुंचने के लिए तैयार होंगी। इन टीमों में शामिल हैं:
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अग्निशमन विभाग: आगजनी या अन्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए।
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स्वास्थ्य विभाग: घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता और अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ के साथ।
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नगर निगम: शहरी क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं बनाए रखने के लिए।
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बिजली विभाग: बिजली आपूर्ति बाधित होने पर उसे तुरंत बहाल करने के लिए।
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सिविल डिफेंस और होमगार्ड: नागरिकों की सहायता, बचाव कार्यों और व्यवस्था बनाए रखने के लिए।
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एनसीसी: आवश्यकता पड़ने पर सहायता कार्यों में सहयोग के लिए।
इन सभी विभागों के बीच seamless समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि आपात स्थिति में कोई भ्रम या देरी न हो।
क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा: बिजली, पानी, रेलवे... सब सुरक्षित
बढ़ते तनाव को देखते हुए, प्रशासन ने जिले के महत्वपूर्ण और रणनीतिक इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इन प्रतिष्ठानों को किसी भी बाहरी खतरे या तोड़फोड़ से बचाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। इनमें शामिल हैं:
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बिजली वितरण केंद्र और लाइनें: बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए।
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पेयजल आपूर्ति स्रोत और लाइनें: नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए।
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रेलवे लाइनें: परिवहन व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए।
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तेल पाइपलाइनें: ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए।
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संचार टावर: संचार नेटवर्क को चालू रखने के लिए।
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हवाई पट्टी: सैन्य और नागरिक उड्डयन के लिए (जैसे परतापुर हवाई पट्टी)।
इन सभी स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल और सुरक्षा गार्ड तैनात किए जा रहे हैं, और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
अफवाहों के खिलाफ जंग: सोशल मीडिया पर पैनी नज़र
मौजूदा दौर में सोशल मीडिया अफवाहों और भ्रामक जानकारियों के प्रसार का एक बड़ा माध्यम बन गया है। शासन के निर्देशों के अनुसार, जिला प्रशासन और पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं ताकि किसी भी राष्ट्र विरोधी या भ्रामक प्रचार को तुरंत रोका जा सके। ऐसे कंटेंट को फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लोगों से भी अपील की गई है कि वे आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी पर ही भरोसा करें और किसी भी अपुष्ट खबर को शेयर न करें।
विभागवार तैयारी: जानें किसे क्या निर्देश मिले
जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने सभी संबंधित विभागों को उनकी विशिष्ट भूमिकाओं के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं:
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अग्निशमन विभाग: सभी फायर हाइड्रेंट को हर समय चालू रखने और निजी संस्थानों में लगे अग्निशमन उपकरणों की जांच करने के लिए कहा गया है।
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स्वास्थ्य विभाग: एंबुलेंस सेवाओं को 24x7 तैयार रखने और अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड और मेडिकल स्टाफ उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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नगर निगम और पावर कॉर्पोरेशन: अपनी-अपनी आपूर्ति लाइनों की निरंतर निगरानी करने और किसी भी फॉल्ट को तुरंत ठीक करने के लिए कहा गया है।
जिलाधिकारी का संदेश: 'घबराएं नहीं, हम तैयार हैं'
जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और शासन से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। सभी विभागों को सक्रिय कर दिया गया है। किसी भी आपात स्थिति में कम से कम समय में राहत बचाव के लिए टीमें मौके पर होंगी।"
मेरठ प्रशासन का यह proactive रुख यह सुनिश्चित करता है कि भले ही सीमा पर तनाव हो, जिले में आंतरिक सुरक्षा और व्यवस्था बनी रहे और नागरिक सुरक्षित महसूस करें।
