मेरठ में साध्वी प्राची का बड़ा बयान: वक्फ बिल विरोधियों को 'औरंगजेब की औलाद' बताया, बोलीं- REEL की वजह से हो रही पतियों की हत्या, शादी करके छोड़ना बना फैशन

मेरठ पहुंची हिंदू संगठन की नेता साध्वी प्राची ने शुक्रवार को वक्फ संशोधन बिल, महिला सशक्तिकरण, और पश्चिमी यूपी में बढ़ती घटनाओं को लेकर कई तीखे और विवादास्पद बयान दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वक्फ बिल से दिक्कत केवल उन्हीं लोगों को है जो "औरंगजेब की औलाद" हैं।
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Sadhvi Prachi'
मेरठ: अपने बेबाक और तीखे बयानों के लिए पहचानी जाने वाली साध्वी प्राची ने मेरठ पहुंचकर एक बार फिर विभिन्न मुद्दों पर जोरदार हमले किए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करते हुए इसका विरोध करने वालों को सीधे तौर पर 'औरंगजेब की औलाद' करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं, खासकर पतियों की हत्याओं के पीछे सोशल media reels और माता-पिता द्वारा बच्चों को दिए जा रहे संस्कारों में कमी को मुख्य वजह बताया। साध्वी प्राची ने पुरुषों के हितों की रक्षा के लिए एक पुरुष आयोग के गठन की भी पुरजोर मांग उठाई।READ ALSO:-बिजनौर: पति की मौत का सदमा न सह सकी पत्नी, साथ जीने-साथ मरने की कसमें निभा एक ही चिता पर हुए विदा

 

साध्वी प्राची ने वक्फ संशोधन बिल पर बोलते हुए कहा कि यह बिल पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार ने पांच साल में तैयार किया है और जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे औरंगजेब की औलाद हैं और देश में अवैध कब्जा व अन्याय चाहते हैं। उन्होंने साफ किया कि सरकार इस बिल को लेकर पीछे नहीं हटेगी। उनके मुताबिक, यह बिल गरीबों और महिलाओं को न्याय दिलाने का काम करेगा, जिससे unfair occupation करने वालों को दिक्कत हो रही है। आज तक किसी ने इस वर्ग के साथ न्याय नहीं किया, इसलिए इन लोगों को दिक्कत हो रही है।

 

हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामने आई कुछ आपराधिक घटनाओं, जिनमें पतियों की हत्या के मामले शामिल हैं, पर साध्वी प्राची ने गहरी चिंता व्यक्त की। मेरठ के सौरभ और अमित हत्याकांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि पश्चिमी संस्कृति का नकारात्मक प्रभाव वेस्ट यूपी में बढ़ रहा है। ये सब रील बनाने के कारण हो रहा है। पश्चिम के संस्कार घरों में घुस रहे हैं। इन घटनाओं के लिए उन्होंने सीधे तौर पर मोबाइल फोन और उन पर बनने वाली रील्स को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आजकल महिलाएं घरों में सारा दिन रील्स देखती हैं और उसी का परिणाम है कि पतियों की हत्या जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।

 

साध्वी प्राची ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि शादी के 20 दिन बाद ही पति को छोड़ देना आजकल एक fashion बनता जा रहा है। सरकारी नौकरी वाला लड़का ढूंढेंगे, फिर करोड़, दो करोड़ रुपए लेकर छोड़ देंगे, जिसके चलते कई लड़के आत्महत्या जैसा extreme step उठा रहे हैं।

 

उन्होंने इन सभी समस्याओं की जड़ माता-पिता द्वारा बच्चों को दिए जा रहे संस्कारों में आ रही कमी को बताया। साध्वी प्राची ने कहा कि कुछ जिम्मेदारी हमारी भी है, माताओं, बहनों और पिता की भी इसमें जिम्मेदारी है। जब मां खुद ही संस्कारित नहीं होगी और बेटी के सामने रील्स बनाएगी तो बेटी से संस्कारों की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों पर ध्यान दें, उनको स्कूल के साथ घर के संस्कार दें, क्योंकि जब तक बच्चों को संस्कार नहीं मिलेंगे तब तक ऐसा ही होगा।

 

साध्वी प्राची ने इस बात पर जोर दिया कि आज के समय में बेटा होना भी गुनाह जैसा लगने लगा है। माता-पिता बेटे को पालते हैं, पढ़ाते हैं, नौकरी लगवाते हैं, सबकुछ देते हैं, लेकिन उस बेटे के 15 टुकड़े कर दिए जाते हैं। यहां तक कि पति को मारकर उसके सीने पर सांप रख दिया। ऐसी घटनाओं को देखते हुए उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा कि जब महिलाओं के लिए आयोग हैं तो पुरुषों की सुनवाई के लिए एक पुरुष आयोग का गठन भी होना चाहिए।

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उन्होंने बताया कि वह पुरुष आयोग के गठन के लिए पहल कर रही हैं और दिल्ली में इसके लिए आवाज उठा रही हैं। उनका कहना था कि जैसे सरकार वक्फ बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी के लिए पहल कर रही है, इसी तरह पुरुष आयोग की पहल करेगा। ये आयोग पुरुषों को न्याय दिलाने का काम करेगा।
SONU

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