उत्तर प्रदेश के मेरठ में बनेगा रिंग रोड और बाईपास, बनेंगी कई नई सड़कें; 300 करोड़ का बजट
मेरठ में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (MEDA) ने 300 करोड़ रुपये की लागत से कई अहम परियोजनाओं की घोषणा की है। इनमें से कुछ काम शुरू भी हो गए हैं। अब रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास को भी पहले चरण में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत कई नई सड़कें बनाई जाएंगी और मौजूदा सड़कों को चौड़ा किया जाएगा।
Mar 6, 2025, 13:24 IST
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मेरठ में जाम की समस्या के समाधान के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की ओर से घोषित 300 करोड़ रुपये में से कुछ काम शुरू भी हो चुके हैं। अब उसके तहत रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास को भी पहले चरण में शामिल किया गया है। Read also:-शख्स ने अपनी ठोड़ी पर 150 वाइन ग्लास रखकर विश्व रिकॉर्ड बनाया, वायरल हो रहा वीडियो
प्रमुख योजनाएँ और कार्य:-
रिंग रोड निर्माण:
- मेडा ने रिंग रोड के लिए 100 करोड़ रुपये आरक्षित किए हैं।
- इसका उद्देश्य शहर के बाहरी इलाके में यातायात को सुगम बनाना है।
- बिजली बंबा बाईपास का चौड़ीकरण:
- शॉप्रिक्स मॉल से झुर्रानपुर गेट तक नहर को पुलिया में बदलकर सड़क चौड़ीकरण की योजना है।
- राइट्स लिमिटेड द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है।
- सिंचाई विभाग से अनुमति मिलने के बाद काम शुरू होगा।
मेडा ने पहले चरण के लिए 12 काम चिह्नित कर डीपीआर तैयार कर ली है। हालांकि, अब जबकि रिंग रोड का निर्माण और बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण को भी इसमें शामिल कर लिया गया है तो इस योजना में बदलाव भी हो सकता है। मेडा ने रिंग रोड के लिए 100 करोड़ रुपये आरक्षित कर दिए हैं। वहीं, बिजली बंबा बाईपास के लिए राइट्स की ओर से डीपीआर तैयार की जा रही है।
मेडा ने ट्रैफिक प्रबंधन के लिए आठ अक्तूबर को हैकाथॉन का आयोजन किया था। सभी कामों को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में लिए गए 12 कामों के लिए बनाई गई डीपीआर पर 338 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जबकि रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास को इसमें शामिल नहीं किया गया। जाम के समाधान के लिए इन दोनों का निर्माण जरूरी है, इसलिए मेड़ा ने अब इन दोनों को पहले चरण में शामिल किया है।
जाम का समाधान
- मेड़ा ने रिंग रोड के लिए 100 करोड़ रुपए आरक्षित किए हैं
- पहले चरण में 12 काम शामिल किए गए हैं
- राइट्स लिमिटेड ने 338 करोड़ रुपए का एस्टीमेट बनाया है
- 8 अक्टूबर को मेड़ा ने जाम के समाधान पर हैकाथॉन का आयोजन किया था
बिजली बंबा बहती रहेगी, पुलिया बनाकर होगा चौड़ीकरण
बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा करने के लिए टीडीआर (जमीन देने के बदले कहीं भी अतिरिक्त निर्माण की छूट का नियम) पर सहमति न बनने पर मेड़ा ने अब दूसरा विकल्प तलाश लिया है। विकल्प यह है कि शॉप्रिक्स मॉल से झुर्रानपुर गेट तक नहर को पुलिया में बदल दिया जाए। इससे पुलिया के अंदर पानी बहता रहेगा और उसके ऊपर सड़क बनाई जाएगी।
बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा करने के लिए टीडीआर (जमीन देने के बदले कहीं भी अतिरिक्त निर्माण की छूट का नियम) पर सहमति न बनने पर मेड़ा ने अब दूसरा विकल्प तलाश लिया है। विकल्प यह है कि शॉप्रिक्स मॉल से झुर्रानपुर गेट तक नहर को पुलिया में बदल दिया जाए। इससे पुलिया के अंदर पानी बहता रहेगा और उसके ऊपर सड़क बनाई जाएगी।
- चौराहों का सुधार:
- लालकुर्ती चौराहे से अतिक्रमण हटाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।
- बच्चा पार्क, कमिश्नर आवास चौराहा, हापुड़ अड्डा, फुटबॉल चौक, मेट्रो प्लाजा, जेल चुंगी की हालत सुधारी जाएगी।
- पुलियों का निर्माण:
- मवाना रोड पर आबूनाले पुलिया, लोकप्रिय अस्पताल के पास पुलिया और मेघदूत चौराहे के पास पुलिया निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है।
पुलिया में एक निश्चित दूरी पर छेद रखे जाएंगे, ताकि सफाई भी हो सके। राइट्स लिमिटेड इसके लिए एस्टीमेट बना रहा है। आंकलन के बाद इसे अनुमति के लिए सिंचाई विभाग को भेजा जाएगा। एनओसी मिलने पर मेडा इस विकल्प पर काम शुरू कर देगा।
- हैकाथॉन का आयोजन:
- 8 अक्टूबर को मेडा ने जाम के समाधान पर हैकाथॉन का आयोजन किया था।
- पहले चरण में 12 काम शामिल:
- राइट्स लिमिटेड ने 338 करोड़ रुपए का एस्टीमेट बनाया है।
तीन पुलियों के लिए टेंडर हो चुका है
यातायात प्रबंधन के तहत मवाना रोड पर आबूनाले पुलिया, लोकप्रिय अस्पताल के पास पुलिया और मेघदूत चौराहे के पास पुलिया निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है।
यातायात प्रबंधन के तहत मवाना रोड पर आबूनाले पुलिया, लोकप्रिय अस्पताल के पास पुलिया और मेघदूत चौराहे के पास पुलिया निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है।
समस्याएँ और चुनौतियाँ:
- रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास योजनाओं में बार-बार बदलाव हुए हैं।
- भूमि अधिग्रहण और किसानों की सहमति प्राप्त करने में कठिनाई।
- सिंचाई विभाग से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया।
मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का कथन:
- रिंग रोड के लिए 100 करोड़ रुपये आरक्षित किए गए हैं।
- बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा करने के लिए नहर में पुलिया बनाकर सड़क बनाने पर विचार किया जा रहा है।
- सिंचाई विभाग से अनुमति मिलने पर इस विकल्प पर काम शुरू होगा।
इन सड़कों का होना है चौड़ीकरण
- हापुड़ अड्डा चौराहे से गांधी आश्रम और तेजगढ़ी से मुरलीपुर गांव तक सड़क चौड़ीकरण
- किला रोड पर जेलचुंगी से भावनपुर तक चौड़ीकरण
- कंकरखेड़ा बाईपास से कैलाश अस्पताल तक चौड़ीकरण
- मंगल पांडे नगर नाला पटरी का विक्टोरिया पार्क तक चौड़ीकरण
- गढ़ रोड से राजराजेश्वरी मंडप तक चौड़ीकरण
ये नई सड़कें और एलिवेटेड सड़कें बनेंगी
- चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी और जेल के पीछे से किला रोड को जोड़ने वाली नई सड़क
- बच्चा पार्क से तहसील तक एलिवेटेड सड़क
- बुढ़ाना गेट की पुलिस चौकी हटाई जाएगी
इन चौराहों की हालत सुधारी जाएगी
- लालकुर्ती चौराहे से अतिक्रमण हटाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।
- बच्चा पार्क
- कमिश्नर आवास चौराहा
- हापुड़ अड्डा
- बागपत जाने वाली सड़क के अंडरपास की हालत।
- फुटबॉल चौक
- मेट्रो प्लाजा
- जेल चुंगी
मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने कहा
रिंग रोड के लिए 100 करोड़ रुपये आरक्षित किए गए हैं। टीडीआर पॉलिसी के तहत बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा करने की तैयारी थी, लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं थे। अब नहर में पुलिया बनाकर उसके ऊपर सड़क बनाने पर विचार किया गया है। सिंचाई विभाग से अनुमति मिली तो इस विकल्प पर काम हो सकता है।
योजनाएं बदलती रहीं, धरातल पर कुछ नहीं
शहर में जाम कम करने के लिए अगर किसी प्रस्ताव में बार-बार बदलाव हुए हैं तो वह रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास है। हालांकि इन दोनों पर कभी काम शुरू नहीं हो सका। हापुड़ रोड से झुर्रानपुर, दिल्ली रोड होते हुए रिंग रोड बनाने के लिए 2012 में रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज बनाया गया था, लेकिन बाद में मेरठ विकास प्राधिकरण ने जमीन नहीं खरीदी। जमीन के अभाव में सड़क नहीं बन सकी। जमीन खरीदने के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की जरूरत है, जिसके लिए कभी पीडब्ल्यूडी को आगे लाया गया तो कभी एनएचएआई को।
शहर में जाम कम करने के लिए अगर किसी प्रस्ताव में बार-बार बदलाव हुए हैं तो वह रिंग रोड और बिजली बंबा बाईपास है। हालांकि इन दोनों पर कभी काम शुरू नहीं हो सका। हापुड़ रोड से झुर्रानपुर, दिल्ली रोड होते हुए रिंग रोड बनाने के लिए 2012 में रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज बनाया गया था, लेकिन बाद में मेरठ विकास प्राधिकरण ने जमीन नहीं खरीदी। जमीन के अभाव में सड़क नहीं बन सकी। जमीन खरीदने के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की जरूरत है, जिसके लिए कभी पीडब्ल्यूडी को आगे लाया गया तो कभी एनएचएआई को।
जब कुछ काम नहीं आया तो अब मेरठ विकास प्राधिकरण ने फिर से अपनी ताकत दिखाई है। इसी तरह बिजली बंबा बाईपास के चौड़ीकरण के लिए भी कई योजनाएं बनीं। कभी नहर का अस्तित्व खत्म कर उसे भरने की बात हुई तो कभी जमीन खरीदकर चौड़ाई बढ़ाने की। कभी दूसरी पटरी को साफ कर उस पर सड़क बनाने की। कई साल पहले पुलिया बनाकर सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की योजना बनी थी, अब उसी योजना पर फिर से मंथन शुरू हो गया है।