उत्तर प्रदेश में कुदरत का बदला रंग: झमाझम बारिश, आंधी और गरज ने गर्मी से दी राहत, राहत के साथ आफत भी लाई मौसम की करवट!

 अप्रैल में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ का असर, 62 जिलों के लिए चेतावनी जारी; जानें कहाँ क्या हुआ और सीएम योगी ने क्या निर्देश दिए
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WEATHER
उत्तर प्रदेश के विशाल भूभाग पर शुक्रवार सुबह से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला हुआ नज़र आया। गुरुवार रात से ही आसमान में बादलों का डेरा जमना शुरू हो गया था और ठंडी हवाओं ने गर्मी के तेवर ढीले करने का संकेत दे दिया था। मौसम के इस अचानक और बड़े बदलाव के पीछे बीते 24 अप्रैल को सक्रिय हुए एक पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का असर बताया जा रहा है। इस सिस्टम के प्रभाव से प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश, गरज-चमक और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाओं ने दस्तक दी।Read also:-❤️नफरत के दौर में मोहब्बत की मिसाल: बिजनौर में मुस्लिम व्यापारी ने हिंदू रीति-रिवाज से कराई 'बेटी' की शादी

 यह मथुरा के एक अस्पताल की तस्वीर है। लोग बाल्टियों से पानी निकालते नजर आए।

मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी सच साबित हुई
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही इस मौसमी फेरबदल को लेकर सचेत किया था। विभाग ने उत्तर प्रदेश के 62 जिलों के लिए गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की थी, जो शुक्रवार सुबह होते-होते सच साबित हुई। आसमान में छाए घने बादल और लगातार गिरते पारे ने भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत दी, लेकिन तेज हवाओं और बारिश ने कुछ जगहों पर मुश्किलें भी खड़ी कर दीं।

 


कहाँ-कहाँ कैसा रहा मौसम का हाल?
प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का प्रभाव अलग-अलग समय और तीव्रता से देखा गया:

 

  • आगरा: स्कूल बंद, 5 मई तक बारिश का अनुमान ताज नगरी आगरा में मौसम ने गुरुवार रात से ही करवट लेना शुरू कर दिया था। शुक्रवार सुबह आसमान में बादल छा गए और ठंडी हवाएं चलने लगीं। इसके बाद, सुबह लगभग छह बजे से गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी शुरू हुई, जो धीरे-धीरे बारिश में बदल गई। इस बारिश से तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई और मौसम सुहावना हो गया। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगरा और आसपास के इलाकों में अभी 5 मई तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है, साथ ही आंधी आने की भी संभावना है। खराब मौसम को देखते हुए शुक्रवार को कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई।
  • मेरठ: सुबह 3 बजे से बारिश, सड़कों पर पानी पश्चिम यूपी के प्रमुख शहर मेरठ में शुक्रवार सुबह 3 बजे से ही मौसम पूरी तरह बदल गया। तेज गरज के साथ सुबह से ही झमाझम बारिश शुरू हो गई। इस बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई और मौसम खुशनुमा हो गया। हालांकि, लगातार बारिश के चलते शहर के कई निचले इलाकों और सड़कों पर पानी भर गया, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। पिछले 10 दिनों से मेरठ और आसपास के जिलों में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था, जिसने जनजीवन मुश्किल कर दिया था। बुधवार को हवा की रफ्तार कुछ तेज होने से तापमान 34 डिग्री तक आया, गुरुवार को भी हवा 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली लेकिन गर्मी का असर बना रहा। राजकीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही के अनुसार, पिछले दो दिनों से पारे में मामूली गिरावट थी, और शुक्रवार से मौसम में बड़े बदलाव की संभावना जताई गई थी, जो सुबह साढ़े छह बजे से शुरू हुई बारिश से सही साबित हुई। सुबह नौ बजे तक रुक-रुक कर बारिश जारी थी।
  • बुलंदशहर: गर्मी से मिली फौरी राहत बुलंदशहर में भी शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदला हुआ था। सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही थी, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से तत्काल राहत मिली। तेज हवाओं के साथ गरज-चमक के बीच हुई इस बारिश ने माहौल को ठंडा कर दिया।
  • मथुरा और संभल: भोर से रुक-रुककर बरसात कृष्ण नगरी मथुरा में शुक्रवार भोर (सुबह 4:00 बजे) से ही रुक-रुककर बारिश हो रही थी। तेज हवाएं भी चल रही थीं। गरज-चमक के साथ पड़ रही बौछारों से तापमान में गिरावट आई और मौसम ने राहत दी। इसी तरह, संभल जिले में भी सुबह से ही बारिश दर्ज की गई।
  • अलीगढ़: झमाझम बारिश बनी आफत अलीगढ़ में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश शुरू हुई, जिसने कई दिनों से बढ़ते तापमान से राहत पहुंचाई। शुक्रवार सुबह होते ही मौसम ने करवट ली और झमाझम बारिश ने शहर को ठंडक पहुंचाई। हालांकि, लगातार बारिश के कारण शहर के कई निचले इलाके पानी में डूब गए (जलमग्न हो गए), जिससे यातायात बाधित हुआ और जनजीवन प्रभावित हुआ।

 गाजियाबाद में सुबह से बारिश हो रही है।

आकाशीय बिजली गिरने की आशंका: ये हैं 62 जिले
मौसम विभाग ने इस दौरान कई जिलों में वज्रपात यानी आकाशीय बिजली गिरने की प्रबल संभावना जताई है। विभाग द्वारा सूचीबद्ध किए गए 62 जिले इस प्रकार हैं: कौशाम्बी, प्रयागराज, फ़तेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, 1 सीतापुर, हरदोई, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड, 2 कासगंज, एटा, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और बदायूं। इन जिलों के लोगों को खराब मौसम के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।  

 

आपदा प्रबंधन की तैयारी: सीएम योगी ने जारी किए अहम निर्देश
मौसम में आए इस बड़े फेरबदल और उससे संभावित आपदाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सक्रियता दिखाते हुए संबंधित जनपदों के अधिकारियों को तत्काल आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने आंधी-बारिश, ओलावृष्टि और वज्रपात से प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने को कहा है।

 

  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे स्वयं क्षेत्र का भ्रमण करें, स्थिति का जायजा लेने के लिए सर्वे करें और राहत कार्यों पर कड़ी नज़र रखें।
  • आकाशीय बिजली गिरने, आंधी-तूफान या बारिश जैसी आपदाओं के कारण किसी भी तरह की जनहानि (मानव जीवन का नुकसान) या पशुहानि (पशुओं का नुकसान) होने की स्थिति में, प्रभावित परिवारों या व्यक्तियों को तत्काल अनुमन्य राहत राशि (नियमों के अनुसार दी जाने वाली सहायता राशि) का वितरण सुनिश्चित किया जाए।
  • आपदा में घायल हुए लोगों को समुचित और बेहतर उपचार प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
  • सीएम ने अधिकारियों से कहा है कि वे तत्काल सर्वे कराकर फसलों को हुए नुकसान का सटीक आकलन करें और इस संबंध में विस्तृत आख्या (रिपोर्ट) बनाकर शासन को भेजें, ताकि किसानों की मदद के लिए आगे की कार्रवाई की जा सके।
  • जिन इलाकों में जलभराव (पानी भर गया) हो गया है, वहां प्राथमिकता के आधार पर तेजी से जल निकासी (पानी निकालने) की व्यवस्था कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।

 

गोरखपुर और बस्ती में वज्रपात से दुखद मौतें
इस बीच, गोरखपुर और बस्ती जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से हुई मौतों की दुखद खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन घटनाओं पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगतों की आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि मृतकों के परिजनों को तत्काल नियमानुसार अनुमन्य राहत राशि का वितरण करें। साथ ही, इस आपदा में घायल हुए लोगों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

 

कुल मिलाकर, पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर प्रदेश में आए इस मौसमी बदलाव ने एक ओर भीषण गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर तेज हवाओं, बारिश और वज्रपात की संभावना ने लोगों के लिए नई चुनौतियां भी खड़ी कर दी हैं। शासन-प्रशासन अलर्ट मोड पर है और संभावित नुकसान को कम करने तथा प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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