उत्तर प्रदेश में मेरठ समेत इन शहरों में नई आवासीय योजनाओं का शुभारंभ, 2 साल में होगा घर का सपना पूरा
प्रयागराज, मेरठ, झांसी और मुजफ्फरनगर में नई आवासीय योजनाएं, भूमि अधिग्रहण शुरू, 2 साल में पूरा होगा घर का सपना
Mar 13, 2025, 17:39 IST
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अगर आप भी शहरी क्षेत्र में अपना घर खरीदने का सपना संजो रहे हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है! उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद (UP Awas Vikas Parishad) आपके इस सपने को साकार करने के लिए तत्पर है। परिषद ने प्रदेश के चार प्रमुख शहरों - प्रयागराज, मेरठ, झांसी और मुजफ्फरनगर - में नई आवासीय योजनाएं शुरू करने की दिशा में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। राज्य सरकार ने इन महत्वाकांक्षी योजनाओं को हरी झंडी दे दी है, और अब इन शहरों में जल्द ही आपके सपनों के घर आकार लेने वाले हैं।READ ALSO:-मेरठ ट्रैफिक पुलिस की नई पहल: पीओएस मशीन से मौके पर ही चालान भुगतान, जनता को मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा शुरू की जा रही इन चारों आवासीय योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आवास विकास परिषद का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में इन योजनाओं को धरातल पर उतार दिया जाए, जिससे हजारों परिवारों को अपने घर का सपना पूरा करने का अवसर मिल सके। इन योजनाओं के तहत प्लॉट और बहुमंजिला मकान दोनों ही विकल्प उपलब्ध होंगे, ताकि हर आय वर्ग के लोगों के लिए आवास सुलभ हो सके।
आइए, इन चारों योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं:-
मेरठ गृहस्थान योजना
मेरठ में 'मेरठ गृहस्थान योजना' सबसे व्यापक होगी, जो 610 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जाएगी। यह योजना मेरठ-हापुड़ रोड पर स्थित होगी और नरहाड़ा की 208 हेक्टेयर, सलेमपुर की 132 हेक्टेयर, डिकौली की 26 हेक्टेयर और आसपास के 9 अन्य गांवों सहित कुल 12 गांवों की भूमि को अधिग्रहित करेगी। इस परियोजना पर लगभग 2000 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया जाएगा। यह योजना रणनीतिक रूप से रैपिड रेल स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर, मेरठ रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो इसे कनेक्टिविटी के मामले में एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
मेरठ में 'मेरठ गृहस्थान योजना' सबसे व्यापक होगी, जो 610 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जाएगी। यह योजना मेरठ-हापुड़ रोड पर स्थित होगी और नरहाड़ा की 208 हेक्टेयर, सलेमपुर की 132 हेक्टेयर, डिकौली की 26 हेक्टेयर और आसपास के 9 अन्य गांवों सहित कुल 12 गांवों की भूमि को अधिग्रहित करेगी। इस परियोजना पर लगभग 2000 करोड़ रुपये का भारी निवेश किया जाएगा। यह योजना रणनीतिक रूप से रैपिड रेल स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर, मेरठ रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो इसे कनेक्टिविटी के मामले में एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
मेरठ में रैपिड रेल के पास शुरू होगी बड़ी योजना
मेरठ में 610 हेक्टेयर में गृहस्थान योजना शुरू की जाएगी। इसमें नरहाड़ा, सलेमपुर और डिकौली समेत 12 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यह योजना रैपिड रेल से 5 किलोमीटर, रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर और गंगा एक्सप्रेसवे से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगी। इस पर लगभग 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मेरठ में 610 हेक्टेयर में गृहस्थान योजना शुरू की जाएगी। इसमें नरहाड़ा, सलेमपुर और डिकौली समेत 12 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यह योजना रैपिड रेल से 5 किलोमीटर, रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर और गंगा एक्सप्रेसवे से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगी। इस पर लगभग 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुजफ्फरनगर गृहस्थान योजना
मुजफ्फरनगर शहर में 'मुजफ्फरनगर गृहस्थान योजना' जानसठ रोड पर 284 हेक्टेयर भूमि पर शुरू की जाएगी। इस योजना के लिए शेर नगर की 233 हेक्टेयर और ढंढेरा गांव की 17 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह योजना मुजफ्फरनगर बस स्टेशन से लगभग 4.5 किलोमीटर और रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगी, जिससे निवासियों को परिवहन की अच्छी सुविधा मिलेगी।
मुजफ्फरनगर शहर में 'मुजफ्फरनगर गृहस्थान योजना' जानसठ रोड पर 284 हेक्टेयर भूमि पर शुरू की जाएगी। इस योजना के लिए शेर नगर की 233 हेक्टेयर और ढंढेरा गांव की 17 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह योजना मुजफ्फरनगर बस स्टेशन से लगभग 4.5 किलोमीटर और रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगी, जिससे निवासियों को परिवहन की अच्छी सुविधा मिलेगी।
प्रयागराज गृहस्थान योजना
प्रयागराज में 'गृहस्थान योजना' के नाम से यह आवासीय परियोजना रायबरेली रोड पर 271 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 520 करोड़ रुपये है। यह योजना मुख्य रूप से टिकरी गांव की 132 हेक्टेयर और अकबरपुर उर्फ गंगागंज गांव की 139 हेक्टेयर भूमि को कवर करेगी। इस योजना के लागू होने से भूमि अधिग्रहण में शामिल स्थानीय किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
प्रयागराज में 'गृहस्थान योजना' के नाम से यह आवासीय परियोजना रायबरेली रोड पर 271 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 520 करोड़ रुपये है। यह योजना मुख्य रूप से टिकरी गांव की 132 हेक्टेयर और अकबरपुर उर्फ गंगागंज गांव की 139 हेक्टेयर भूमि को कवर करेगी। इस योजना के लागू होने से भूमि अधिग्रहण में शामिल स्थानीय किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
झांसी गृहस्थान विकास योजना
बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी शहर में 'झांसी गृहस्थान विकास योजना' 422 हेक्टेयर क्षेत्र में फैलेगी। इस योजना में लगभग 50,000 मकान बनाने का लक्ष्य है, जिनमें प्लॉट और बहुमंजिला अपार्टमेंट दोनों शामिल होंगे। यह परियोजना मुस्तरा गांव की 134 हेक्टेयर, टांकोरी की 57 हेक्टेयर, पोचा भांवर की 136 हेक्टेयर और पिछोर गांव की 94 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होगी। यह नई आवासीय योजना झांसी मेडिकल कॉलेज से मात्र 500 मीटर और कलेक्ट्रेट से लगभग 3.5 किलोमीटर की सुविधाजनक दूरी पर स्थित होगी।
बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी शहर में 'झांसी गृहस्थान विकास योजना' 422 हेक्टेयर क्षेत्र में फैलेगी। इस योजना में लगभग 50,000 मकान बनाने का लक्ष्य है, जिनमें प्लॉट और बहुमंजिला अपार्टमेंट दोनों शामिल होंगे। यह परियोजना मुस्तरा गांव की 134 हेक्टेयर, टांकोरी की 57 हेक्टेयर, पोचा भांवर की 136 हेक्टेयर और पिछोर गांव की 94 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होगी। यह नई आवासीय योजना झांसी मेडिकल कॉलेज से मात्र 500 मीटर और कलेक्ट्रेट से लगभग 3.5 किलोमीटर की सुविधाजनक दूरी पर स्थित होगी।
योजनाओं का भविष्य और प्रभाव
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा इन चारों शहरों में शुरू की जा रही आवासीय योजनाओं से न केवल शहरी विकास को गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होगा, वहीं निर्माण गतिविधियों से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इन योजनाओं के अगले दो वर्षों में धरातल पर आने की उम्मीद है, जिससे हजारों परिवारों के अपने घर का सपना साकार हो सकेगा।
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा इन चारों शहरों में शुरू की जा रही आवासीय योजनाओं से न केवल शहरी विकास को गति मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होगा, वहीं निर्माण गतिविधियों से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इन योजनाओं के अगले दो वर्षों में धरातल पर आने की उम्मीद है, जिससे हजारों परिवारों के अपने घर का सपना साकार हो सकेगा।
यदि आप इन शहरों में प्रस्तावित आवासीय योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने या घर खरीदने में रुचि रखते हैं, तो उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
कुल मिलाकर चार शहरों में विकास की नई राह
इन सभी योजनाओं के तहत हजारों मकान बनेंगे, जो लोगों के घर के सपने को साकार करेंगे। इन योजनाओं से न केवल स्थानीय लोगों को आवास मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
इन सभी योजनाओं के तहत हजारों मकान बनेंगे, जो लोगों के घर के सपने को साकार करेंगे। इन योजनाओं से न केवल स्थानीय लोगों को आवास मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।