मेरठ के 'खेल विश्वविद्यालय' को मिली 'संजीवनी': UGC ने दी मान्यता, अब डिग्री लेने का रास्ता साफ!
सलावा का खेल सपना हकीकत में बदला, कुलपति ने बताया ऐतिहासिक क्षण; 68% निर्माण के साथ जल्द खुलेगा शिक्षा का नया द्वार
May 26, 2025, 08:15 IST
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मेरठ: खेल शिक्षा के क्षेत्र में मेरठ के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है। सरधना क्षेत्र के सलावा गांव में बन रहे मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय को आखिरकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से बहुप्रतीक्षित मान्यता मिल गई है। शनिवार देर रात विश्वविद्यालय प्रशासन को यह खुशखबरी मिली, जिसके बाद अब छात्रों को डिग्रियां मिल सकेंगी और संस्थान को महत्वपूर्ण शैक्षणिक निर्णय लेने का अधिकार मिल गया है। यह मान्यता भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा दी जाती है, जो इस विश्वविद्यालय की वैधता और गुणवत्ता पर मुहर लगाती है।READ ALSO:-मेरठ में बिजली का 'तांडव': हाईवोल्टेज करंट ने घरों में मचाई तबाही, 3 पशुओं की मौत!
अब छात्रों को मिलेंगी 'वैध डिग्रियां', सार्वजनिक दर्जा प्राप्त
विश्वविद्यालय के कुलपति, सेवानिवृत्त मेजर जनरल दीप अहलावत ने इस पल को 'ऐतिहासिक' करार दिया। उन्होंने बताया कि यूजीसी की इस मान्यता के बाद मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय को सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल कर लिया गया है। इसका सबसे बड़ा और सीधा फायदा यह होगा कि विश्वविद्यालय अब अधिनियम की धारा-22 के अंतर्गत छात्रों को वैध डिग्रियां प्रदान कर सकेगा, जिससे उनके भविष्य के रास्ते खुल जाएंगे। यह मान्यता उत्तर प्रदेश राज्य खेल विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम 2021 के प्रस्तुतीकरण के बाद प्राप्त हुई है, जिसके माध्यम से यह विश्वविद्यालय 29 जुलाई 2021 से प्रभावी रूप से स्थापित किया गया था।
शैक्षणिक कार्यक्रमों की होगी शुरुआत, खेल शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ, मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय अब उत्तर प्रदेश राज्य की भौगोलिक सीमाओं के भीतर अपने विभिन्न विभागों, घटक महाविद्यालयों और संबद्ध संस्थानों के माध्यम से नियमित रूप से शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू कर सकता है। कुलपति ने जोर देकर कहा कि यह न केवल विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे मेरठ और भारत में खेल शिक्षा के क्षेत्र के लिए एक गौरव का क्षण है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह विश्वविद्यालय देश में खेल शिक्षा को बढ़ावा देने और युवा प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निखारने में अहम योगदान देगा।
'सलावा का सपना': निर्माण कार्य और भविष्य की उम्मीदें
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स्थान: यह महत्वाकांक्षी खेल विश्वविद्यालय मेरठ के सरधना क्षेत्र के सलावा गांव में आकार ले रहा है।
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निर्माण प्रगति: निर्माण कार्य 13 फरवरी 2024 को शुरू हुआ था और इसे 14 अगस्त 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, अभी तक मात्र 68 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है।
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वित्तीय पहलू: शासन से मंजूर हुई प्रथम किस्त 247.13 करोड़ रुपये में से 169.56 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
यूजीसी से मिली यह मान्यता मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के लिए एक नया अध्याय खोलेगी, जिससे भारत में खेल शिक्षा के परिदृश्य में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
