मेरठ: महिला वैज्ञानिक से साइबर ठगों ने की ठगी, डिजिटल अरेस्ट के जरिए ट्रांसफर करवाए 8.30 लाख रुपये

मेरठ में साइबर लुटेरों ने महिला वैज्ञानिक डॉ. निशा वर्मा को 24 घंटे तक डिजिटल नजरबंद रखा। उन्हें बच्चा चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी दी। उनके सैलरी अकाउंट से 99% पैसे ट्रांसफर करने को कहा। महिला वैज्ञानिक से 8.30 लाख रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए। 
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CYBER CRIME
मेरठ के पल्लवपुरम थाना क्षेत्र में एक महिला वैज्ञानिक की डिजिटल गिरफ्तारी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर महिला वैज्ञानिक को मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर डराया-धमकाया। साथ ही, उन्हें घर में करीब 24 घंटे तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा गया। उन्हें किसी से बात करने या मिलने से रोका गया। साइबर ठगों ने महिला वैज्ञानिक के बैंक खातों से 8.30 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। READ ALSO:-मेरठ : मैं डॉक्टर बनने लायक नहीं हूं...यह लिखकर MBBS थर्ड ईयर की छात्रा ने की खुदकुशी, बेड पर मिली लाश; पेरेंट्स भी हैं डॉक्टर

 

पुलिस के मुताबिक, मेरठ दिल्ली रोड स्थित पल्लवपुरम थाना क्षेत्र निवासी डॉ. निशा वर्मा भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक हैं। उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। दूसरी तरफ से बात कर रही महिला ने खुद को दूरसंचार विभाग की अधिकारी बताया और कहा कि आपके नंबर से अनैतिक आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। आपका नंबर दो घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा। 

 

उन्होंने एक निजी बैंक में उनके नाम पर हो रही गलत गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि अधिक जानकारी के लिए मैं आपकी कॉल को साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में ट्रांसफर कर रहा हूं, वहां से क्लियरेंस ले लीजिए। इसके बाद व्हाट्सएप पर आए व्यक्ति ने वीडियो कॉल कर कहा कि उनके मोबाइल का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के लिए हो रहा है। 17 परिवारों के बच्चों का अपहरण हुआ है, हमें उनका जवाब देना है। आपको शारीरिक रूप से गिरफ्तार किया जा रहा है।

 

उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने उनसे कहा कि अगर आप डिजिटल सर्विलांस के बारे में किसी को बताते हैं, तो आपके घर में भी एक बच्चा है, इसलिए इस बात को गुप्त रखना। उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने यह बात गुप्त न रखने पर तीन साल की जेल का आधिकारिक पत्र भी भेजा। इसके बाद उन्हें 24 घंटे मोबाइल चालू रखने को कहा गया।

 

अगले दिन सुबह एक निजी बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार करने का दावा किया गया। साइबर ठगों ने कहा कि जिस दुकानदार से उन्होंने सिम खरीदी थी, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने उन दोनों की फोटो दिखाई। उन्हें फिर से बताया गया कि उनकी जान को खतरा है और ऑफिस से छुट्टी लेने को कहा गया। सूचना मिलने पर साइबर क्राइम की टीम इस पूरे मामले पर काम कर रही है। इस मामले में एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि महिला को साइबर ठगों ने 24 घंटे तक घर में नजरबंद रखा। उससे 8 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी की गई है। मामले की जांच की जा रही है।
SONU

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