मेरठ: आतंकी हमले के बाद वीजा विवाद में फंसी महिला, बच्चों को अकेले पाक भेजने से किया इनकार
पाकिस्तानी पति वाली महिला बच्चों संग 40 दिन के वीजा पर भारत आई थी, विदेश मंत्रालय ने मां को भारत और बच्चों को पाक भेजने की अनुमति दी थी, महिला की आपत्ति के बाद फिलहाल सभी भारत में ही रहेंगे।
Apr 27, 2025, 17:39 IST
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मेरठ: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा अल्पकालिक वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजे जाने के क्रम में मेरठ में एक मानवीय और कानूनी पेच फंस गया है। सरधना थाना क्षेत्र के घोसियान मोहल्ला निवासी एक महिला, जिसकी शादी पाकिस्तान में हुई है, ने अपने मासूम बच्चों को अकेले वापस पाकिस्तान भेजने से साफ इनकार कर दिया है, जबकि उसका अपना वीजा भारत का है और बच्चों का पाकिस्तान का। विदेश मंत्रालय के आदेश पर आपत्ति जताते हुए महिला फिलहाल अपने बच्चों के साथ अपने मायके मेरठ लौट आई है और अगले सरकारी निर्देश का इंतजार कर रही है।READ ALSO:-भारत की बेटी, पाकिस्तान की बहू बॉर्डर पर फंसी: 'मैं इंडियन हूं इसलिए नहीं आ सकती, पर बच्चे जा सकते हैं पाकिस्तान'
2020 में कराची में हुई थी शादी, शादी में आई थी मायके
एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सरधना के घोसियान मोहल्ला निवासी पीरूद्दीन की बेटी सना की शादी साल 2020 में पाकिस्तान के कराची शहर में हुई थी। सना के दो बच्चे हैं - एक तीन साल का बेटा और एक लगभग छह महीने की बेटी। सना बीती 26 अप्रैल को अपने इन दोनों बच्चों के साथ 40 दिन के अल्पकालिक वीजा पर अपने मायके सरधना आई थी। उसके आने का मकसद परिवार में हो रहे एक शादी समारोह में शामिल होना था।
Meerut, Uttar Pradesh: Sana, an Indian woman married to a Pakistani national, says, "I am Indian, my children were born in Pakistan, their nationality is Pakistani. We came here on a 45-day visa to meet our relatives. During this time, the attack happened. After that, we were… pic.twitter.com/m0o3Nij3UZ
— IANS (@ians_india) April 27, 2025
आतंकी हमले के बाद बदले नियम, वापसी की तैयारी
इसी बीच, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ। इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से दो महीने या उससे कम अवधि के वीजा पर आए नागरिकों को वापस उनके देश भेजने का सख्त निर्णय लिया। सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे लोगों की पहचान शुरू की, जिसमें सना और उसके बच्चे भी शामिल थे। नियमों के तहत, इन सभी को वापस पाकिस्तान भेजा जाना था। इसी कड़ी में, शुक्रवार को सना और उसके दोनों बच्चों को पाकिस्तान भेजने के लिए अमृतसर भेजा गया, जहां वाघा बॉर्डर से उन्हें वापस भेजा जाना था।
विदेश मंत्रालय का आदेश और मां की आपत्ति
अमृतसर में जब वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई, तो विदेश मंत्रालय की ओर से एक आदेश आया। इस आदेश में कहा गया कि चूंकि सना के पास भारत का वीजा है, इसलिए वह भारत में रुक सकती है, लेकिन उसके बच्चों को पाकिस्तान भेजा जाना चाहिए क्योंकि वे पाकिस्तानी नागरिक हैं। इस आदेश ने सना के सामने एक मुश्किल खड़ी कर दी। उसने अपने जिगर के टुकड़ों को अकेले पाकिस्तान भेजने से साफ इनकार कर दिया। सना ने अधिकारियों से गुहार लगाते हुए कहा कि वह भी बच्चों के साथ पाकिस्तान से आई है और बच्चों के बिना भारत में नहीं रहेगी। उसने मांग की कि या तो उसे भी बच्चों के साथ पाकिस्तान जाने की इजाजत दी जाए, या फिर उसके बच्चों को उसके साथ भारत में ही रहने दिया जाए। उसने बताया कि उसके 40 दिन के वीजा की अवधि में से अभी लगभग 32 दिन बाकी हैं।
बच्चों संग वापस सरधना लौटी महिला, अगले आदेश का इंतजार
सना की इस दृढ़ आपत्ति और बच्चों को अकेले न भेजने के फैसले के बाद, अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इसे उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का फैसला किया। फिलहाल, सना और उसके दोनों बच्चों को पाकिस्तान नहीं भेजा गया। वे अमृतसर से वापस मेरठ के सरधना स्थित अपने मायके लौट आए हैं। एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने महिला और उसके दोनों बच्चों को पाकिस्तान भेजने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही है। सरकार के अगले निर्देश आने तक सना और उसके बच्चे भारत में अपने परिवार के साथ ही रहेंगे। शनिवार को सना अपने बच्चों के साथ शादी समारोह में भी शामिल हुई।
अल्पकालिक वीजा वाले पाक नागरिकों पर सरकार की नजर
पहलगाम हमले के बाद खुफिया विभाग भी सक्रिय हो गया है और अल्पकालिक वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों पर पैनी नज़र रख रहा है। मेरठ में दो महीने या उससे कम समय वाले वीजा पर आए ऐसे लोगों की संख्या खुफिया विभाग ने तीन बताई है। शुक्रवार देर रात तक इन तीनों को पाकिस्तान भेजने की बात सामने आई थी (संभवतः इसमें सना और उसके बच्चे शामिल थे)। दो महीने से अधिक समय से भारत में रह रहे पाकिस्तान के नागरिकों की भी खुफिया विभाग ने रिपोर्ट तैयार की है। उन्हें पाकिस्तान भेजना है या नहीं, इस पर अभी सरकार के स्तर पर मंथन चल रहा है। सरकार के अगले निर्देश के बाद ही इस संबंध में आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
फिलहाल, सना और उसके बच्चों का भविष्य विदेश मंत्रालय के अगले आदेश पर निर्भर करता है, क्योंकि सना बच्चों को अपने बिना पाकिस्तान भेजने को किसी कीमत पर तैयार नहीं है।