मेरठ: ऑपरेशन के बहाने महिला की किडनी निकालने का आरोप, पांच साल बाद ऐसे हुआ खुलासा, 6 डॉक्टरों के खिलाफ FIR
मेरठ के एक अस्पताल के डॉक्टर दंपती और छह कर्मचारियों पर एक मरीज की किडनी निकालने का आरोप लगा है। पीड़ित का कहना है कि अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि उसकी एक किडनी ऑपरेशन करके निकाल ली गई है।
Jan 15, 2025, 16:36 IST
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उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के केएमसी अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर पर एक महिला ने बड़ा आरोप लगाया है। बुलंदशहर की रहने वाली कविता का आरोप है कि 2017 में इलाज के दौरान केएमसी अस्पताल में उसकी एक किडनी निकाल ली गई थी। पांच साल बाद 2022 में जब उसने जांच कराई तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ। मामले में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अस्पताल के 6 डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।READ ALSO:-मेरठ सामूहिक हत्याकांड का आरोपी नईम है शातिर हत्यारा, महाराष्ट्र-दिल्ली में कर चुका है 3 हत्याएं, बदलता रहता है नाम-पता; तीन राज्यों में हैं पत्नियां
पीड़ित कविता बुलंदशहर के बुगरासी की रहने वाली है। उसका कहना है कि 2017 में बीमार होने पर वह केएमसी अस्पताल गई थी। वहां डॉ. सुनील गुप्ता ने उसे सर्जरी कराने की सलाह दी। 20 मई 2017 को उसकी सर्जरी हुई और 24 मई को उसे छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने आश्वासन दिया कि उसका इलाज सफल रहा। लेकिन 28 अक्टूबर 2022 को जब उसने दूसरी जगह जांच कराई तो पता चला कि उसकी बाईं किडनी गायब है।
किडनी निकालकर बेचने का आरोप
कविता का आरोप है कि डॉ. सुनील गुप्ता ने अन्य डॉक्टर और स्टाफ के साथ मिलकर उसकी किडनी निकालकर किसी को बेच दी। इसके बावजूद उसे गलत रिपोर्ट देकर दवाइयां दी गईं। आरोप है कि जब भी उसकी तबीयत खराब हुई तो डॉक्टरों ने उससे सच्चाई छिपाई। कविता ने कोर्ट का सहारा लिया। जिसके बाद एसीजेएम तृतीय बुलंदशहर के आदेश पर सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. अजय एन वत्स, डॉ. निकिता जग्गी, डॉ. सतीश अरोड़ा और डॉ. सीमा वार्ष्णेय समेत अन्य के खिलाफ नरसेना थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
कविता का आरोप है कि डॉ. सुनील गुप्ता ने अन्य डॉक्टर और स्टाफ के साथ मिलकर उसकी किडनी निकालकर किसी को बेच दी। इसके बावजूद उसे गलत रिपोर्ट देकर दवाइयां दी गईं। आरोप है कि जब भी उसकी तबीयत खराब हुई तो डॉक्टरों ने उससे सच्चाई छिपाई। कविता ने कोर्ट का सहारा लिया। जिसके बाद एसीजेएम तृतीय बुलंदशहर के आदेश पर सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. अजय एन वत्स, डॉ. निकिता जग्गी, डॉ. सतीश अरोड़ा और डॉ. सीमा वार्ष्णेय समेत अन्य के खिलाफ नरसेना थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपियों के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। कविता का आरोप है कि नोटिस मिलने के बाद से ही आरोपी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने उसके घर गुंडे भेजकर उसे धमकाया भी है। कोर्ट के आदेश पर नरसेना थाना पुलिस ने मेरठ निवासी सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
कोर्ट के आदेश पर अस्पताल संचालक दंपती समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - श्लोक कुमार, एसएसपी बुलंदशहर