मेरठ : IIMT में नमाज का वीडियो वायरल, हिंदू संगठनों ने की केस दर्ज करने की मांग

 यह खबर उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से है, जहाँ गंगानगर में स्थित आईआईएमटी विश्वविद्यालय में एक विवाद सामने आया है। यह विवाद रमजान के महीने में विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों द्वारा नमाज पढ़ने से जुड़ा है।
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मेरठ के गंगानगर स्थित आईआईएमटी विश्वविद्यालय में रमजान के दौरान नमाज पढ़ते हुए छात्रों का वीडियो सामने आया है। वीडियो खालिद मेवाती नाम के इंस्टाग्राम पेज पर अपलोड किया गया। हिंदू संगठन के नेता सचिन सिरोही ने वीडियो पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों वीडियो अलग-अलग दिनों के हैं, जो बताता है कि विश्वविद्यालय में पहले से ही नमाज पढ़ी जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सार्वजनिक स्थल पर हनुमान चालीसा पढ़ने पर मुकदमा दर्ज हो सकता है, तो यहां क्यों नहीं।READ ALSO:-बिजनौर : सीतापुर में हुई पत्रकार की हत्या का विरोध, धामपुर में पत्रकार संगठन ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन, जल्द गिरफ्तारी की मांग

 

मुख्य घटना:
आईआईएमटी विश्वविद्यालय में रमजान के दौरान छात्रों का नमाज पढ़ते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। यह वीडियो "खालिद मेवाती" नामक एक इंस्टाग्राम पेज पर अपलोड किया गया था।

 

आपत्ति और विरोध:
इस वीडियो पर हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है। हिंदू संगठन के नेता सचिन सिरोही ने विशेष रूप से इस पर विरोध दर्ज कराया है। उनकी आपत्तियां और उठाए गए मुद्दे इस प्रकार हैं:
  • नमाज पहले से पढ़ी जा रही है: सचिन सिरोही का कहना है कि वीडियो अलग-अलग दिनों के हैं, जिससे पता चलता है कि विश्वविद्यालय में नमाज पहले से ही पढ़ी जा रही है, यह सिर्फ एक दिन की घटना नहीं है।
  • दोहरा मापदंड: उन्होंने सवाल उठाया कि यदि सार्वजनिक स्थल पर हनुमान चालीसा पढ़ने पर मुकदमा दर्ज हो सकता है, तो विश्वविद्यालय परिसर में नमाज पढ़ने पर क्यों नहीं? उनका इशारा हाल ही में हुई उन घटनाओं की ओर है जहाँ सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक गतिविधियों को लेकर विवाद हुए हैं।
  • शैक्षणिक संस्थान में धार्मिक गतिविधि: सचिन सिरोही ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा का मंदिर है और सनातन धर्म के अनुसार, यह मां सरस्वती का स्थान है, जहाँ उनकी प्रतिमा भी स्थापित है। उनके अनुसार, शैक्षणिक संस्थान में इस प्रकार की धार्मिक गतिविधियाँ उचित नहीं हैं।
हिंदू संगठनों की मांग:
हिंदू संगठनों ने इस मामले में केस दर्ज करने की मांग की है। सचिन सिरोही ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता है, तो हिंदू संगठन एक बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

 

विश्वविद्यालय प्रशासन का रुख:
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और उनके परिसर में नमाज पढ़ना कोई अपराध नहीं है। 

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मेरठ के आईआईएमटी विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया है। हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति जताते हुए केस दर्ज करने और कार्रवाई की मांग की है, जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी धर्मों के सम्मान की बात कही है। यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता और शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक गतिविधियों से जुड़े सवालों को उठाता है।
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