मेरठ : UP-STF ने पकड़ा 'मेड इन इटली' कारतूसों का बड़ा भंडार, पद्मश्री से सम्मानित शूटर के भाई का नाम आया सामने
UP-STF ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली हाईवे पर ग्रेटर पल्लवपुरम से एक कार में तस्करी कर लाए जा रहे 1975 कारतूस बरामद किए हैं। ये कारतूस देहरादून के राणा इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स से मेरठ ले जाए जा रहे थे। आरोपी राशिद अली ने बताया कि ये कारतूस पद्मश्री से सम्मानित शूटर जसपाल राणा के भाई सुभाष राणा और उसके दोस्त सक्षम मलिक ने मेरठ भिजवाए थे।
Feb 5, 2025, 14:04 IST
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मेरठ में एसटीएफ ने इटली निर्मित 1975 कारतूस बरामद किए हैं। ये 12 बोर के कारतूस राणा इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स शूटिंग रेंज से लाए गए थे। देहरादून की यह शूटिंग रेंज पद्मश्री अंतरराष्ट्रीय शूटर जसपाल राणा की है।READ ALSO:- मेरठ : SSP विपिन ताडा ने पिस्टल लौटाने वाले जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय को सम्मानित कर दिया 11 हजार रुपये का इनाम
दरअसल, मेरठ एसटीएफ ने मंगलवार दोपहर एक स्विफ्ट कार पकड़ी। तलाशी के दौरान कारतूस मिले। कार चालक राशिद ने बताया कि ये कारतूस उसे इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स (आरआईएस) देहरादून से सुभाष राणा और सक्षम मलिक ने दिए थे। मेरठ में डिलीवरी होनी थी, लेकिन उससे पहले ही पकड़ लिया गया।
स्विफ्ट डिजायर से पकड़े गए कारतूस
मेरठ एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया- मंगलवार दोपहर एसडी ग्लोबल अस्पताल के पास चाहत नर्सरी से ग्रेटर पल्लवपुरम जाने वाले रास्ते पर एक स्विफ्ट डिजायर पकड़ी गई। टीम ने कार की तलाशी ली। कई पैकेट में 12 बोर के कारतूस भरे हुए थे। कार को बुढ़ाना के जौला गांव निवासी कार चालक राशिद चला रहा था। उसने बताया कि ये कारतूस उसे इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स (आरआईएस) देहरादून के सुभाष राणा और सक्षम मलिक ने दिए थे।
मेरठ एसटीएफ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया- मंगलवार दोपहर एसडी ग्लोबल अस्पताल के पास चाहत नर्सरी से ग्रेटर पल्लवपुरम जाने वाले रास्ते पर एक स्विफ्ट डिजायर पकड़ी गई। टीम ने कार की तलाशी ली। कई पैकेट में 12 बोर के कारतूस भरे हुए थे। कार को बुढ़ाना के जौला गांव निवासी कार चालक राशिद चला रहा था। उसने बताया कि ये कारतूस उसे इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स (आरआईएस) देहरादून के सुभाष राणा और सक्षम मलिक ने दिए थे।
एसटीएफ ने जब सुभाष और सक्षम की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की तो वह शूटिंग रेंज में मिली। अब गिरफ्तारी के लिए एक टीम देहरादून जा रही है। सुभाष राणा शूटर जसपाल राणा का भाई बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि शूटिंग रेंज से कारतूस निकालकर संजीव जीवा के गिरोह को पहुंचाए जा रहे थे। इसके पीछे अनिल बंजी गिरोह का हाथ माना जा रहा है।
एसटीएफ का मानना है कि इन कारतूसों को संजीव जीवा गिरोह तक पहुंचाने की डील हुई थी। एसटीएफ ने संजीव गिरोह को हथियार सप्लाई करने वाले तस्कर अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी को 20 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया था। अनिल के पास से शामली पुलिस ने एके-47 बरामद की थी। यह वही एके-47 थी जो संजीव जीवा से खरीदी गई थी।
ऐसे सप्लाई होते थे लाइसेंसी हथियार गन हाउस पर नए हथियारों के अलावा पुराने हथियार भी हैं, जिन्हें लाइसेंस धारक सरेंडर कर देते हैं। अगर किसी लाइसेंस धारक की मौत हो जाती है और उसके परिवार के लोग लाइसेंस नहीं बनवाते हैं तो अनुमति लेकर उसे गन हाउस को बेच दिया जाता है। कई लोग हथियार पुराने होने की वजह से बेच देते हैं।
नए लाइसेंस वाले लोग अक्सर नए हथियार खरीद लेते हैं। ऐसे में गन हाउस पर कई पुराने हथियार होते हैं। अनिल बंजी ऐसे गन हाउस से सांठगांठ करके इन हथियारों को 40 से 50 हजार रुपये प्रति गन और 100 रुपये प्रति कारतूस (315 बोर) खरीदता था।
इसके बाद ये लोग इन गन को 80 हजार से 1 लाख और कारतूस 200 से 250 रुपये में बेचते थे। गन हाउस का मालिक अनिल को किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से फर्जी रसीद जारी करके हथियार और कारतूस देता था। अनिल बालियान उन फर्जी रसीदों को अपने पास रखता था। फिर इन हथियारों को पेशेवर अपराधियों को बेच दिया जाता था।
सुभाष राणा और सक्षम मलिक को भी बनाया गया आरोपी
राशिद अली ने बताया कि शूटिंग रेंज में शूटिंग खिलाड़ियों के लाइसेंस पर कारतूस मंगवाए जाते हैं। इन कारतूसों की तस्करी भी इटली से की जा रही थी। तस्करी में पद्मश्री से सम्मानित शूटर जसपाल राणा के भाई सुभाष राणा और उसके साथी सक्षम मलिक की अहम भूमिका है। एसटीएफ ने इस मामले में सुभाष राणा और सक्षम मलिक को भी आरोपी बनाया है।
राशिद अली ने बताया कि शूटिंग रेंज में शूटिंग खिलाड़ियों के लाइसेंस पर कारतूस मंगवाए जाते हैं। इन कारतूसों की तस्करी भी इटली से की जा रही थी। तस्करी में पद्मश्री से सम्मानित शूटर जसपाल राणा के भाई सुभाष राणा और उसके साथी सक्षम मलिक की अहम भूमिका है। एसटीएफ ने इस मामले में सुभाष राणा और सक्षम मलिक को भी आरोपी बनाया है।
एएसपी ने बताया कि विदेशों से कारतूस मंगाकर देश के कई राज्यों में तस्करी की जा रही है। सुभाष राणा और सक्षम मलिक की गिरफ्तारी के बाद ही काफी जानकारी मिल सकेगी। पल्लवपुरम थाने में राशिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उसके कब्जे से 1975 कारतूस और एक कार बरामद हुई है।