मेरठ: मवाना के पैंठ बाजार में 'ठेका' विवाद बना जंग का मैदान! बिना अनुमति लगी 300 दुकानें, पुलिस और दुकानदारों में टकराव के बाद बुलाई गई RAF
हड़कंप तब मचा जब नियमों को ताक पर रखकर 'उकसावे' में लगे बाजार को खाली कराने पहुंची पुलिस, घंटों चला हंगामा
May 11, 2025, 19:03 IST
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मवाना, मेरठ: रविवार को मेरठ के मवाना स्थित साप्ताहिक पैंठ बाजार एक अप्रत्याशित हंगामे का गवाह बना। आमतौर पर खरीदारी की चहल-पहल वाला यह मैदान उस समय पुलिस छावनी में तब्दील हो गया, जब बिना किसी वैध अनुमति के लगाई गईं सैकड़ों दुकानों को हटाने पहुंची पुलिस का दुकानदारों से टकराव हो गया। स्थिति संभालने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की प्लाटून बुलानी पड़ी, जिसके बाद जाकर मैदान खाली हो सका।Read also:-🔴"सुबह-सुबह खेतों में गूंजी चीखें...आम के पेड़ से झूलता मिला वरुण का शव, गांव में मचा हड़कंप"
बिना ठेके के 'सजा' बाजार, नियमों की अनदेखी
मवाना में नगर पालिका के पास लगने वाला यह साप्ताहिक बाजार हर रविवार को सजता है। इसका संचालन नगर पालिका द्वारा ठेका छोड़कर किया जाता है, जिसकी वैधता एक साल की होती है। विडंबना यह रही कि लगभग एक महीने पहले पिछले ठेके की अवधि पूरी हो चुकी थी, और इस साल के लिए अभी तक नया ठेका छोड़ा ही नहीं गया है। नियमानुसार, ठेका छूटने तक बाजार नहीं लगाया जा सकता।
'उकसावे' का खेल: नियम तोड़कर लगी दुकानें
सूत्रों के अनुसार, रविवार की सुबह कुछ स्थानीय लोगों ने जानबूझकर दुकानदारों को नियमों के खिलाफ जाकर दुकानें लगाने के लिए उकसाया। उनके बहकावे में आकर दुकानदार भी बांस-बल्ली गाड़कर दुकानें लगाने लगे। आम तौर पर इस मैदान में 600 दुकानें लगती हैं, लेकिन देखते ही देखते करीब 300 दुकानें लग गईं और धीरे-धीरे खरीदारों की भीड़ भी जुटने लगी।
पुलिस की दस्तक और पहला टकराव
जैसे ही बाजार भरने और भीड़ बढ़ने की सूचना थाना पुलिस को मिली, थाना प्रभारी निरीक्षक विशाल श्रीवास्तव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने सबसे पहले दुकानदारों से साफ कहा कि बिना ठेका छूटे बाजार लगाना अवैध है और वे तुरंत अपनी दुकानें हटा लें। दुकानदार, जो सुबह 7 बजे से अपनी दुकानें लगाकर बैठे थे, दोपहर 1 बजे हटाने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि उन्होंने दुकान लगाने में पैसा और मेहनत लगाई है और आधे दिन में दुकान हटाने से उनका भारी नुकसान होगा। दुकानदारों ने पुलिस की बात मानने से इनकार कर दिया और बहस करने लगे।
RAF बुलाई गई, पुलिस का सख्त रुख
जब दुकानदार किसी भी सूरत में दुकानें हटाने को राजी नहीं हुए, तो स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर ने उच्चाधिकारियों को सूचित किया और छठी वाहिनी आरआरएफ की दो प्लाटून मौके पर बुला ली गई। आरएफएफ के पहुंचते ही पुलिस का रुख और सख्त हो गया।
अल्टीमेटम और खाली होता मैदान
पुलिस ने माइक से अनाउंसमेंट करवाते हुए दुकानदारों को आखिरी चेतावनी दी। उनसे कहा गया कि उनके पास दुकानें हटाने के लिए सिर्फ पंद्रह मिनट का समय है। यदि वे स्वेच्छा से दुकानें नहीं हटाते हैं, तो पुलिस उनका सारा सामान जब्त कर लेगी और ट्रॉलियों में भरवाकर थाने ले जाएगी। पुलिस के इस सख्त रुख और आरएफएफ की मौजूदगी से दुकानदारों में हड़कंप मच गया। अपना सामान जब्त होने के डर से उन्होंने तेजी से अपनी दुकानें समेटना शुरू कर दिया और देखते ही देखते मैदान खाली होने लगा।
स्थानीय नेताओं पर गिरी गाज
थाना प्रभारी निरीक्षक विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि नगर पालिका द्वारा अभी तक साप्ताहिक पैंठ बाजार का ठेका नहीं छोड़ा गया है। इसके बावजूद कुछ स्थानीय नेताओं ने अपने फायदे के लिए दुकानदारों को अवैध रूप से बाजार लगाने के लिए उकसाया था। पुलिस ने ऐसे कुछ स्थानीय नेताओं को चिह्नित कर हिरासत में ले लिया है और उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर बिना अनुमति के लगने वाले बाजारों और उससे पैदा होने वाली प्रशासनिक चुनौतियों को उजागर किया है।
