Meerut: गैंगस्टर एक्ट में फंसी पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की पत्नी संजीदा बेगम को जमानत, जेल से रिहा

 अवैध मीट फैक्ट्री मामले में किठौर पुलिस ने लगाया था गैंगस्टर एक्ट; गैर जमानती वारंट जारी होने पर किया था कोर्ट में सरेंडर, सोमवार शाम हुईं रिहा।
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Haji Yaqub
मेरठ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी कड़ी में, अवैध तरीके से मीट फैक्ट्री चलाने के आरोप में दर्ज मुकदमे के बाद गैंगस्टर एक्ट में नामजद की गईं हाजी याकूब कुरैशी की पत्नी संजीदा बेगम को सोमवार को कोर्ट से जमानत मिल गई। शनिवार को गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था और उन्हें जेल भेज दिया गया था। महज दो दिन जेल में बिताने के बाद संजीदा बेगम सोमवार शाम को जेल से बाहर आ गईं।READ ALSO:-अलीगढ़: होटल के कमरे में मिले टीचर और नाबालिग छात्रा के शव, 'बेमेल प्रेम' का दर्दनाक अंत!

 

क्या है पूरा मामला?
यह मामला पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री से जुड़ा है। किठौर थाना क्षेत्र स्थित अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री में पुलिस ने अनियमितताओं और अवैध गतिविधियों के आरोप में कार्रवाई की थी। इसी मुकदमे के आधार पर, किठौर थाना पुलिस ने हाजी याकूब कुरैशी, उनके बेटों और पत्नी संजीदा बेगम सहित कुल 17 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया था। पुलिस ने इस मामले में जांच पूरी करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है और यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

 

गैर जमानती वारंट और सरेंडर
गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की सुनवाई के दौरान संजीदा बेगम कोर्ट में लगातार गैरहाजिर रह रही थीं। इस पर न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे। पुलिस गैर जमानती वारंट तामील कराने के प्रयास में थी, लेकिन इससे पहले ही संजीदा बेगम ने शनिवार को मेरठ स्थित कोर्ट में सरेंडर कर दिया। न्यायालय ने सरेंडर अर्जी स्वीकार करते हुए संजीदा बेगम को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।

 

जमानत अर्जी पर सुनवाई और रिहाई
जेल भेजे जाने के बाद संजीदा बेगम की जमानत अर्जी सोमवार को न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या-5 रवि यादव की अदालत में पेश की गई। संजीदा बेगम के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष पुरजोर तरीके से पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी मुवक्किल एक घरेलू महिला हैं और फैक्ट्री संचालन अथवा इस मुकदमे में उनका कोई प्रत्यक्ष या सक्रिय योगदान नहीं है। अधिवक्ता ने यहां तक तर्क दिया कि उन्हें राजनीतिक रंजिश और सियासी कारणों के चलते झूठे मुकदमे में फंसाया गया है।

 

दोनों पक्षों की दलीलें विस्तार से सुनने के बाद न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या-5 रवि यादव ने संजीदा बेगम की जमानत अर्जी को स्वीकार करने का आदेश पारित कर दिया। न्यायालय से जमानत का आदेश प्राप्त होने के बाद सोमवार शाम को कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर संजीदा बेगम को जेल से रिहा कर दिया गया।

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हाजी याकूब कुरैशी का परिवार अवैध मीट फैक्ट्री संचालन और उससे जुड़े अन्य आरोपों को लेकर लंबे समय से कानूनी दांवपेच में फंसा हुआ है। इस मामले में हाजी याकूब कुरैशी और उनके बेटे पहले ही जेल जा चुके हैं और जमानत पर हैं। संजीदा बेगम को मिली यह जमानत कुरैशी परिवार के लिए एक आंशिक राहत मानी जा रही है, हालांकि मुख्य मुकदमा अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।
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