मेरठ : 200 से ज्यादा छात्रों के 10 करोड़ रुपये बर्बाद, 750 का भविष्य अधर में, गाजियाबाद, नोएडा में भी FIR, जानें क्यों बंद हुआ FIITJEE कोचिंग सेंटर?
कोचिंग संस्थान FIITJEE के कई सेंटर बंद हो गए हैं। इससे छात्र और उनके परिजन परेशान हैं। कई जगहों पर संस्थान के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस संस्थान के शिक्षकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा भी दे दिया है। इससे छात्रों और उनके परिजनों की धड़कनें बढ़ गई हैं, क्योंकि परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि FITJEE के संस्थान अचानक बंद हो गए? आइए जानते हैं।
Jan 25, 2025, 14:01 IST
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देशभर में मेरठ के मशहूर FIIT JEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गए हैं। यूपी के कई जिलों में खुले FIIT JEE कोचिंग सेंटर भी बिना किसी सूचना के बंद कर दिए गए। सुबह जब छात्र सेंटर पर पहुंचे तो सेंटर पर ताला लगा मिला। साथ ही सेंटर क्यों बंद किया जा रहा है इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। इसी कड़ी में मेरठ के मंगल पांडे नगर में FIIT JEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गया। जिससे अभिभावकों में बच्चों के भविष्य को लेकर टेंशन बढ़ गई है। यहां एक छात्र से इंजीनियरिंग की तैयारी कराने के नाम पर करीब 4 लाख से 6 लाख रुपये फीस वसूली गई है।READ ALSO:-मेरठ : पति, पत्नी और 3 बेटियों की हत्या करने वाला नईम एनकाउंटर में ढेर, 50 हजार का था इनामी
750 बच्चे थे पंजीकृत
मेरठ के मंगल पांडे नगर में FIIT JEE सेंटर में करीब 750 छात्र रजिस्टर्ड थे। जिनमें से दो सौ से ढाई सौ बच्चों की फीस 2025-2026 के लिए एडवांस में जमा है। अभिभावकों के मुताबिक मेरठ में छात्रों से करीब 10 करोड़ रुपये फीस के तौर पर जमा कराए गए हैं, लेकिन सेंटर पर बीच में ही ताला लगा दिया गया है। अब पैसे खत्म हो गए और बच्चे की पढ़ाई भी बर्बाद हो गई।
मेरठ के मंगल पांडे नगर में FIIT JEE सेंटर में करीब 750 छात्र रजिस्टर्ड थे। जिनमें से दो सौ से ढाई सौ बच्चों की फीस 2025-2026 के लिए एडवांस में जमा है। अभिभावकों के मुताबिक मेरठ में छात्रों से करीब 10 करोड़ रुपये फीस के तौर पर जमा कराए गए हैं, लेकिन सेंटर पर बीच में ही ताला लगा दिया गया है। अब पैसे खत्म हो गए और बच्चे की पढ़ाई भी बर्बाद हो गई।
4 लाख रुपए लिए और सिर्फ 7 महीने पढ़ाया
इंजीनियर बनने का सपना लेकर FIIT JEE में आए छात्र के पिता ने बताया कि उनके बेटे को मंगल पांडे नगर सेंटर में 80 प्रतिशत स्कॉलरशिप भी मिली थी और उसने EWS के लिए आवेदन भी किया था। उन्होंने अपने बेटे का रजिस्ट्रेशन नवंबर 2023 में करवाया था। 80 प्रतिशत स्कॉलरशिप के बाद भी कोचिंग सेंटर को करीब 3 लाख 32 हजार रुपए दिए गए, जो 2026 तक की एडवांस फीस थी। जबकि कोचिंग में पढ़ाई अप्रैल 2024 से शुरू हुई। इसके अलावा स्टडी मैटेरियल के नाम पर 62 हजार रुपए अलग से लिए गए। कुछ किताबें भी दी गई हैं।
इंजीनियर बनने का सपना लेकर FIIT JEE में आए छात्र के पिता ने बताया कि उनके बेटे को मंगल पांडे नगर सेंटर में 80 प्रतिशत स्कॉलरशिप भी मिली थी और उसने EWS के लिए आवेदन भी किया था। उन्होंने अपने बेटे का रजिस्ट्रेशन नवंबर 2023 में करवाया था। 80 प्रतिशत स्कॉलरशिप के बाद भी कोचिंग सेंटर को करीब 3 लाख 32 हजार रुपए दिए गए, जो 2026 तक की एडवांस फीस थी। जबकि कोचिंग में पढ़ाई अप्रैल 2024 से शुरू हुई। इसके अलावा स्टडी मैटेरियल के नाम पर 62 हजार रुपए अलग से लिए गए। कुछ किताबें भी दी गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी को संज्ञान लेना चाहिए
शर्मा जी का कहना है कि उनके बेटे की कोचिंग 2026 में पूरी हो जाती, लेकिन उसके पहले ही उसके सारे सपने टूट गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुद संज्ञान लेना चाहिए और बच्चों की जिंदगी से इस तरह खिलवाड़ करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। शर्मा जी का कहना है कि अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अपने होनहार बच्चे का भविष्य संवारने के लिए क्या करें। शिक्षकों ने भी दूसरे कोचिंग सेंटरों से जुड़कर बच्चों को मझधार में छोड़ दिया है।
शर्मा जी का कहना है कि उनके बेटे की कोचिंग 2026 में पूरी हो जाती, लेकिन उसके पहले ही उसके सारे सपने टूट गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुद संज्ञान लेना चाहिए और बच्चों की जिंदगी से इस तरह खिलवाड़ करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। शर्मा जी का कहना है कि अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अपने होनहार बच्चे का भविष्य संवारने के लिए क्या करें। शिक्षकों ने भी दूसरे कोचिंग सेंटरों से जुड़कर बच्चों को मझधार में छोड़ दिया है।
क्यों मुश्किल में आया यह कोचिंग संस्थान?
लाइसेंस और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कोचिंग संस्थान की कई शाखाओं पर कार्रवाई की गई। माना जा रहा है कि इसी कार्रवाई के बाद से कोचिंग संस्थान का पतन शुरू हुआ। संस्थान में शिक्षकों की सालाना आय 15 लाख से 2 करोड़ रुपये के बीच थी। कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण कई शिक्षकों ने एक साथ इस संस्थान से इस्तीफा दे दिया।
लाइसेंस और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कोचिंग संस्थान की कई शाखाओं पर कार्रवाई की गई। माना जा रहा है कि इसी कार्रवाई के बाद से कोचिंग संस्थान का पतन शुरू हुआ। संस्थान में शिक्षकों की सालाना आय 15 लाख से 2 करोड़ रुपये के बीच थी। कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण कई शिक्षकों ने एक साथ इस संस्थान से इस्तीफा दे दिया।
FIITJEE पर आरोप है कि उसने अपने फंड का इस्तेमाल कोचिंग सेंटरों के अलावा दूसरे कारोबार में भी किया। आर्थिक संकट में फंसने के बाद शिक्षकों और निवेशकों दोनों ने ही इस संस्थान से दूरी बना ली। बताया जाता है कि FIITJEE के 41 शहरों में 72 सेंटर हैं और 300 से ज्यादा कर्मचारी हैं।
कहां बंद हुए सेंटर?
देश के कई शहरों से इस संस्थान के सेंटर बंद होने की खबरें आ रही हैं। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और भोपाल जैसे शहरों में कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं। कई अभिभावकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसके साथ ही दिल्ली के कालू सराय में कोचिंग संस्थान की कई कक्षाएं भी बंद कर दी गई हैं। यहां भी शिक्षकों को वेतन न दिए जाने की बात सामने आ रही है।
देश के कई शहरों से इस संस्थान के सेंटर बंद होने की खबरें आ रही हैं। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और भोपाल जैसे शहरों में कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं। कई अभिभावकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसके साथ ही दिल्ली के कालू सराय में कोचिंग संस्थान की कई कक्षाएं भी बंद कर दी गई हैं। यहां भी शिक्षकों को वेतन न दिए जाने की बात सामने आ रही है।
किसने शुरू किया था यह संस्थान?
FIITJEE की शुरुआत तीन दशक पहले डीके गोयल ने की थी। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। FIITJEE को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने में विशेषज्ञ माना जाता है और यह NEET परीक्षा की भी तैयारी कराता है। इसके साथ ही इस संस्थान में 8वीं से 10वीं के छात्रों को कोचिंग भी दी जाती है।
FIITJEE की शुरुआत तीन दशक पहले डीके गोयल ने की थी। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। FIITJEE को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने में विशेषज्ञ माना जाता है और यह NEET परीक्षा की भी तैयारी कराता है। इसके साथ ही इस संस्थान में 8वीं से 10वीं के छात्रों को कोचिंग भी दी जाती है।
सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ को सौंपी गई जांच
मिली जानकारी के अनुसार कोचिंग सेंटर बंद होने के मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट और संबंधित सर्किल के सीओ को सौंप दी गई है। पिछले दिनों बड़ी संख्या में छात्रों और उनके अभिभावकों ने न्याय की गुहार लगाई थी और प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की थी।
मिली जानकारी के अनुसार कोचिंग सेंटर बंद होने के मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट और संबंधित सर्किल के सीओ को सौंप दी गई है। पिछले दिनों बड़ी संख्या में छात्रों और उनके अभिभावकों ने न्याय की गुहार लगाई थी और प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की थी।