मेरठ : कलेक्ट्रेट में वाहनों की नो एंट्री, सिर्फ अधिकृत कर्मचारियों के वाहन ही जा सकेंगे अंदर, अधिवक्ताओं ने किया इसका विरोध
मेरठ कलेक्ट्रेट में वाहनों के प्रवेश को लेकर लागू किया गया नया नियम एक आवश्यक कदम है। कलेक्ट्रेट परिसर में बढ़ती भीड़ और अनाधिकृत वाहनों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस निर्णय के कुछ महत्वपूर्ण पहलू इस प्रकार हैं:
Mar 5, 2025, 07:00 IST
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मेरठ कलेक्ट्रेट में अब सिर्फ अधिकृत कर्मचारियों के वाहन ही प्रवेश कर सकेंगे। इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए सीओ अभिषेक त्रिपाठी और प्रशासनिक अधिकारी पंकज सिंह को गेट पर तैनात किया गया है। READ ALSO:-मेरठ : चंदा मांगने गए इमाम को सट्टा माफिया ने जमकर पीटा, हाथ तोड़ा, आरोपी बोले 2 ग्राम की दाढ़ी रखकर घूमते हो
कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम कार्यालय और कोर्ट स्थित है। अधिवक्ता, कर्मचारी और फरियादी मुख्य गेट से आते-जाते हैं। अन्य कार्यालयों में आने वाले लोग भी अपने वाहन यहीं खड़े कर देते हैं। इससे जाम की स्थिति बन जाती है।
डीएम डॉ. वीके सिंह ने बताया कि परिसर में एनआईसी भवन है, जहां मुख्यालय से अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग होती है। अनाधिकृत वाहनों से लगने वाले जाम को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
अधिवक्ताओं ने नए नियम का विरोध किया और वाहन रोकने को लेकर नोकझोंक भी हुई। डीएम ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर किसी को कोई परेशानी हो रही है तो उसका समाधान किया जाएगा।
- जाम की समस्या: कलेक्ट्रेट परिसर में अनाधिकृत वाहनों के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी, जिससे कामकाज में बाधा आ रही थी।
- सुरक्षा: एनआईसी भवन में महत्वपूर्ण वीडियो कांफ्रेंसिंग होती है, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कदम आवश्यक था।
- व्यवस्था: इस नियम से कलेक्ट्रेट परिसर में व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- अधिवक्ताओं का विरोध: अधिवक्ताओं ने इस नियम का विरोध किया, लेकिन डीएम ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय सुरक्षा और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है।
- समाधान का आश्वासन: डीएम ने यह भी आश्वासन दिया है कि यदि किसी को कोई परेशानी हो रही है तो उसका समाधान किया जाएगा।
- अधिकारियों की तैनाती: आदेश के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को गेट पर तैनात किया गया है, जो इस नियम के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है।
यह निर्णय कलेक्ट्रेट परिसर में सुचारू कामकाज और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगा। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस नियम का पालन करते समय आम जनता को कम से कम असुविधा हो।