मेरठ: ईद की नमाज के बाद मुस्लिम युवकों का पोस्टर और फिलीस्तीन के झंडे के साथ प्रदर्शन, पुलिस ने दर्ज किया मामला
सड़क पर नमाज को लेकर जारी विवाद के बीच युवकों ने लहराया पोस्टर, हिंदू त्योहारों का दिया हवाला, पुलिस ने आरोपियों की पहचान शुरू की, पासपोर्ट निरस्तीकरण की भी कार्रवाई संभव
Updated: Apr 3, 2025, 14:08 IST
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मेरठ में ईद-उल-फितर की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न होने के बाद सोमवार सुबह एक अप्रत्याशित घटना सामने आई। कुछ मुस्लिम युवक हाथों में एक पोस्टर और फिलीस्तीन का झंडा लेकर सड़क पर आ गए। इस घटना ने शहर में कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति पैदा कर दी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए युवकों को वहां से हटा दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।READ ALSO:-मेरठ के गंगानगर में किशोर की गोली मारकर हत्या, परिजनों का सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन, पुलिस ने खुलासे के लिए दिया 24 घंटे का आश्वासन
यह घटना तब हुई जब ईद की नमाज खत्म हो चुकी थी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए थे कि इस बार सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं होगी और ऐसा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा, साथ ही उनके पासपोर्ट निरस्तीकरण की रिपोर्ट भी भेजी जाएगी।
पुलिस के इस निर्देश के विरोध में, कुछ मुस्लिम युवकों ने नमाज के बाद सड़क पर एक पोस्टर लहराया। इस पोस्टर पर लिखा था, "सड़कों पर सिर्फ मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ते हैं।" पोस्टर में कई बिंदुओं को शामिल किया गया था, जिसमें हिंदू समुदाय द्वारा सड़कों पर मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों और आयोजनों का उल्लेख किया गया था। पोस्टर में लिखा था कि हिंदू होली, शिवरात्रि, कांवड़ यात्रा, रामनवमी यात्रा और गणेश चतुर्थी सड़कों पर मनाते हैं, साथ ही दिवाली पर पटाखे भी सड़कों पर फोड़ते हैं।
पोस्टर में संभल और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में होली के दौरान मुसलमानों की नमाज का समय बदलने का भी जिक्र किया गया था। इसमें यह भी कहा गया कि रमजान के अंत में पुलिस अधिकारियों ने सड़क पर नमाज के मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल दिया। पोस्टर में सेवइयों के बदले गुझिया की शर्त रखने और सड़क पर नमाज पढ़ने पर पासपोर्ट और लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी देने जैसी बातों का भी उल्लेख किया गया था। अंत में पोस्टर पर लिखा था कि उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज की कोई खबर नहीं है, लेकिन अब मुस्लिम अपना हाल-ए-दिल बयां करना चाहता है।
प्रदर्शन कर रहे युवकों के साथ कुछ अन्य नमाजियों ने अपने हाथों पर काली पट्टी भी बांध रखी थी, जो संभवतः किसी प्रकार के विरोध का प्रतीक था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए माइक से अनाउंसमेंट करके पोस्टर लहरा रहे युवकों को वहां से हटा दिया।
इस घटना के संबंध में रेलवे रोड थाने में तैनात दरोगा रविंद्र कुमार मलिक की तहरीर पर एक रिपोर्ट दर्ज की गई है। तहरीर में कहा गया है कि उनकी ड्यूटी ईद-उल-फितर की नमाज के लिए शाही ईदगाह पर लगी थी। सोमवार सुबह नमाज होने के बाद करीब 8:20 बजे कुछ अज्ञात व्यक्ति, जिनमें से एक के हाथ में एक बैनर था, जिस पर लिखा था, "सड़कों पर सिर्फ मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ते हैं," और साथ ही त्योहारों को सड़कों पर मनाने की बात भी लिखी थी। बैनर में सड़क पर रखी होलिका, कांवड़ यात्रा और कुछ हिंदू धार्मिक जुलूसों की तस्वीरें भी छपी हुई थीं। तहरीर में यह भी कहा गया है कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा नारेबाजी भी की गई, जिससे भीड़ को उकसाकर लोक शांति भंग करने और दंगा फैलाने का प्रयास किया गया। इसके अलावा, दो युवक फिलीस्तीन का झंडा लेकर घूम रहे थे, जिनके द्वारा भी लोगों को उकसाने और माहौल खराब करने का कार्य किया गया।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि रेलवे रोड पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और पुलिस फोटो और वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान करने में जुट गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें उनके पासपोर्ट और लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी शामिल है।
वहीं, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही ने पोस्टर लहराने वाले युवकों के खिलाफ मुख्यमंत्री और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस कृत्य को कानून का उल्लंघन और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास बताया है।
फिलहाल, पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। इस घटना ने ईद के शांतिपूर्ण माहौल में थोड़ी अशांति पैदा कर दी है, और अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है।
