मेरठ: सौरभ हत्याकांड में मुस्कान और साहिल को मिला सरकारी वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता रेखा जैन लड़ेंगी केस

 परिजनों के किनारा करने के बाद आरोपियों ने की थी मांग, रेखा जैन बिना फीस करेंगी पैरवी, सौरभ के परिवार ने अभी वकील तय नहीं किया
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मेरठ: मर्चेंट नेवी अफसर सौरभ राजपूत की सनसनीखेज हत्या के मामले में जेल में बंद उनकी पत्नी मुस्कान और उसके कथित प्रेमी साहिल शुक्ला को कानूनी सहायता मिल गई है। दोनों आरोपियों के लिए सरकारी वकील नियुक्त कर दिया गया है, और यह जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिवक्ता रेखा जैन निभाएंगी। रेखा जैन इस हाई-प्रोफाइल मामले में मुस्कान और साहिल की पैरवी करेंगी, और खास बात यह है कि वह इसके लिए कोई भी फीस नहीं लेंगी।READ ALSO:-मेरठ: सौरभ हत्याकांड के बाद नीले ड्रम का खौफ, मुस्कान के जघन्य कृत्य से सहमे लोग, व्यापारियों का कारोबार ठप

 

रेखा जैन की सहायता के लिए अधिवक्ताओं का एक पैनल भी गठित किया गया है, जिसमें नासिर अहमद, अंबर सहारण और चंद्रिका कौशिक शामिल हैं। ये सभी अधिवक्ता रेखा जैन के नेतृत्व में काम करेंगे और केस की तैयारी में अपना योगदान देंगे।

 मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार करने के बाद 19 मार्च को कोर्ट ले जाया गया था। वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया था।

गौरतलब है कि सौरभ राजपूत की हत्या के आरोप में जेल में बंद मुस्कान ने मेरठ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा से सरकारी वकील उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी। मुस्कान ने जेल अधीक्षक को बताया था कि उसके परिवार के सदस्य उससे बेहद नाराज हैं और उन्होंने उसका केस लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसी स्थिति में, उसे अपना पक्ष रखने के लिए एक सरकारी वकील की आवश्यकता है। इसके बाद, सह-आरोपी साहिल शुक्ला ने भी जेल प्रशासन से सरकारी वकील की मांग की थी।

 

कौन हैं अधिवक्ता रेखा जैन?
अधिवक्ता रेखा जैन कानूनी क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। वह चीफ लीगल एडवोकेट डिफेंस काउंसिल के पद पर कार्यरत हैं और उन्हें वकालत के क्षेत्र में 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। पिछले दो वर्षों से वह चीफ लीगल एडवोकेट डिफेंस काउंसिल के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्ति के लिए कम से कम 10 साल की वकालत का अनुभव अनिवार्य होता है।

 

जेल अधीक्षक ने बताया प्रक्रिया
मेरठ जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि मुस्कान ने उनसे मुलाकात करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने मुस्कान को बुलाकर उसकी पूरी बात सुनी और उससे एक औपचारिक प्रार्थना पत्र लिया, जिसे आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित न्यायालय को भेज दिया गया है। डॉ. शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई भी बंदी सरकारी वकील की मांग करता है, तो उसे कानूनी सहायता उपलब्ध कराना जेल प्रशासन का कर्तव्य है।

 

मुस्कान के माता-पिता ने तो मांगी है फांसी
सौरभ राजपूत की हत्या के बाद से मुस्कान के परिवार वालों ने उससे पूरी तरह से नाता तोड़ लिया है। मुस्कान के पिता, प्रमोद रस्तोगी ने तो सार्वजनिक रूप से यह तक कह दिया है कि वह अपनी बेटी से कभी नहीं मिलेंगे और न ही उसके लिए किसी वकील की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने यह भी दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है कि वह अपने दामाद सौरभ को न्याय दिलाने के लिए अदालत में अपनी ही बेटी के खिलाफ गवाही देने के लिए भी तैयार हैं।

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साहिल की नानी ने की जेल में मुलाकात
दूसरी ओर, सह-आरोपी साहिल शुक्ला से 26 मार्च को उसकी नानी प्रेमवती ने जेल में मुलाकात की। वह साहिल के लिए कपड़े, कुछ नमकीन और केले लेकर गई थीं। 19 मार्च को जेल में बंद होने के बाद यह पहली बार था जब कोई साहिल से मिलने पहुंचा था। साहिल से मुलाकात के बाद उसकी नानी प्रेमवती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह साहिल से मिलने जरूर आई हैं, लेकिन उन्हें सौरभ की मौत का बहुत दुख है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें साहिल की बहुत याद आ रही थी और वह एक दिन पहले भी उससे मिलने आई थीं, लेकिन आधार कार्ड न होने के कारण मुलाकात नहीं हो पाई थी। पिछले एक हफ्ते से मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंद साहिल काफी बेचैन नजर आ रहा है। जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से उसके दो फीट लंबे बाल भी कटवा दिए हैं।

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इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि सौरभ हत्याकांड का मामला अब कानूनी प्रक्रिया में आगे बढ़ रहा है, जिसमें आरोपियों को सरकारी कानूनी सहायता मिल गई है, जबकि मृतक के परिवार को अभी अपने वकील का चयन करना बाकी है।

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