मेरठ मर्डर मिस्ट्री: लाश के टुकड़े, सीमेंट का ड्रम...अब हत्यारे पत्नी मुस्कान और प्रेमी साहिल ने मांगी जमानत!

 अदालत में आज होगी सुनवाई, वकील ने इन तर्कों पर टिकाई उम्मीदें - जानें क्यों मुश्किल है मुस्कान और साहिल की रिहाई?
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MRT-CRIME
मेरठ का वह खौफनाक हत्याकांड जिसने पूरे देश को दहला दिया था, एक बार फिर सुर्खियों में है। मर्चेंट नेवी के पूर्व अफसर सौरभ कुमार राजपूत की नृशंस हत्या के आरोप में जेल में बंद उनकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला उर्फ मोहित ने अब जेल से बाहर आने की कोशिशें तेज कर दी हैं। दोनों आरोपियों ने अदालत में जमानत याचिका दायर की है, जिस पर आज (30 अप्रैल) अहम सुनवाई होने वाली है।READ ALSO:-☔🌡️ मौसम का यू-टर्न: झुलसाती गर्मी से मिलेगी राहत, पर आ रहा है आंधी-बारिश का तूफान! IMD का नया अलर्ट जारी

 

जेल से जमानत की गुहार:
बीती 19 मार्च से मेरठ जिला जेल की सलाखों के पीछे बंद मुस्कान और साहिल ने अपनी वकील रेखा जैन के माध्यम से यह अर्जी कोर्ट में लगाई है। वकील ने 24 अप्रैल को यह याचिका पेश की थी, और अब दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए 30 अप्रैल का दिन तय किया गया है।

 

बचाव पक्ष के तर्क: किन कमजोरियों को बनाया आधार?
आरोपियों की वकील रेखा जैन ने अपनी जमानत याचिका में मुस्कान और साहिल की रिहाई के लिए कुछ प्रमुख बिंदुओं को आधार बनाया है:

 

  1. FIR दर्ज होने में विलंब: वकील का तर्क है कि हत्या की घटना को हुए काफी समय बीत जाने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, जो केस को कमजोर बनाता है।
  2. चश्मदीद गवाह का अभाव: उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया है कि हत्याकांड का कोई भी ऐसा प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है जिसने मुस्कान और साहिल को सीधे तौर पर हत्या करते देखा हो।
  3. निर्णायक साक्ष्य की कमी: याचिका में कहा गया है कि ऐसा कोई मजबूत और निर्णायक सबूत मौजूद नहीं है जो अकाट्य रूप से साबित करे कि हत्या मुस्कान और साहिल ने ही की है और उन्हें दोषी ठहराए।

 

इन्हीं तर्कों के आधार पर वकील ने अदालत से अपील की है कि मुस्कान और साहिल को जमानत पर रिहा कर दिया जाए।

 

सरकारी पक्ष का कड़ा विरोध:
हालांकि, सरकारी पक्ष इस जमानत याचिका का पुरजोर विरोध कर रहा है। थाना ब्रह्मपुरी की तरफ से सरकारी वकील ने कोर्ट में इस बेल एप्लिकेशन पर नेगेटिव कमेंट दाखिल किया है, जिसका साफ मतलब है कि अभियोजन पक्ष किसी भी कीमत पर आरोपियों को जमानत नहीं देना चाहता।

 

क्यों मुस्कान और साहिल की जमानत राह है बेहद कठिन?
कानूनी विशेषज्ञों और मामले की गंभीरता को देखते हुए, मुस्कान और साहिल के लिए जमानत मिलना लगभग नामुमकिन माना जा रहा है। इसके पीछे निम्नलिखित कारण हैं:

 

  • अपराध की क्रूरता: जिस नृशंस तरीके से सौरभ की हत्या की गई, उसके बाद लाश के टुकड़े किए गए और फिर उन्हें सीमेंट से भरे ड्रम में छिपाया गया, वह अपराध की चरम क्रूरता को दर्शाता है। अदालतें ऐसे जघन्य अपराधों में शायद ही कभी जमानत देती हैं।
  • आरोपियों का इकबालिया बयान: मुस्कान और साहिल दोनों ने पुलिस पूछताछ में सौरभ की हत्या करने की बात कबूल कर ली है। उनका यह बयान उनके खिलाफ सबसे बड़ा और सीधा साक्ष्य है।
  • सबूत मिटाने और गुमराह करने का प्रयास: हत्या के बाद मुस्कान का शिमला-मनाली जाना और लोगों को गुमराह करने के लिए सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करना, यह दिखाता है कि आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से अपराध किया और उसे छिपाने की कोशिश की।

 

दहला देने वाला हत्याकांड और कैसे हुआ खुलासा:
लंदन से लौटे पूर्व मर्चेंट नेवी अफसर सौरभ कुमार राजपूत की हत्या 3 मार्च की रात को हुई थी। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पहले सौरभ को खाने में नशीली दवा मिलाकर बेहोश किया। जब वह बेडरूम में सो रहा था, तभी मुस्कान ने उसके सीने में पहला चाकू घोंपा। मौत के बाद, साहिल लाश को बाथरूम में ले गया और वहां उसने धारदार हथियार से शव के दोनों हाथ और सिर काटकर धड़ से अलग कर दिए। शव के इन टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने नीले प्लास्टिक के ड्रम में भरा और फिर उसमें सीमेंट का घोल भरकर उसे सील कर दिया।

 

अपराध छिपाने के लिए, मुस्कान फौरन शिमला और मनाली के लिए निकल गई। 13 दिनों तक उसने सोशल मीडिया पर अपनी 'खुशनुमा' यात्रा की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए ताकि किसी को शक न हो और लोग यही समझते रहें कि सौरभ भी उसके साथ घूम रहा है।

 

इस भयानक हत्याकांड का पर्दाफाश तब हुआ जब 18 मार्च को सौरभ का छोटा भाई राहुल उनसे मिलने मेरठ वाले घर पहुंचा। वहां उसने मुस्कान को साहिल के साथ देखा। भाई के बारे में पूछने पर मुस्कान घबरा गई और कोई सीधा जवाब नहीं दे सकी। इसी दौरान राहुल को घर के अंदर से तेज़ दुर्गंध आई, जिससे उसका शक गहरा गया। उसने तुरंत शोर मचाया और पड़ोसियों को इकट्ठा किया। सूचना मिलने पर पुलिस आई और जांच के दौरान ड्रम और उसमें बंद शव के टुकड़े मिले, जिससे पूरे हत्याकांड का खुलासा हुआ। पुलिस हिरासत में मुस्कान और साहिल ने बिना देर किए अपना गुनाह और पूरी साजिश कबूल कर ली।

 

जेल की ज़िंदगी और कानूनी लड़ाई:
फिलहाल, मुस्कान और साहिल मेरठ जेल में हैं। उन्होंने सरकारी वकील के बजाय अपना केस लड़ने के लिए प्राइवेट वकील रखने की इच्छा जताई है, जिसकी अनुमति जेल प्रशासन ने दे दी है। हाल ही में दोनों की जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दूसरी बार कोर्ट में पेशी हुई थी। इस दौरान दोनों एक-दूसरे को देखकर काफी भावुक हो गए थे। मुस्कान ने वार्डन से साहिल से मिलने देने की गुहार भी लगाई थी, लेकिन नियमों के चलते उन्हें अलग-अलग बैरक में वापस भेज दिया गया।

 OMEGA

आज होने वाली जमानत याचिका पर सुनवाई इस मामले में एक महत्वपूर्ण पड़ाव होगा। यह देखना होगा कि बचाव पक्ष के तर्कों में कितना दम है और अदालत क्या फैसला सुनाती है। लेकिन अपराध की भयावहता और आरोपियों के कबूलनामे को देखते हुए, फिलहाल उनकी कानूनी लड़ाई बेहद मुश्किल नज़र आ रही है।
SONU

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