मेरठ नगर निगम में पास हुआ 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का प्रस्ताव, जय श्रीराम के नारों से गूंजा सभागार, विपक्षी पार्षदों में हुई धक्का-मुक्की
सांसद अरुण गोविल ने रखा महत्वपूर्ण प्रस्ताव, विपक्षी पार्षदों का बहिष्कार और हंगामा; जनमत संग्रह रिपोर्ट कोविंद समिति को भेजी जाएगी
Updated: Apr 21, 2025, 16:11 IST
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मेरठ: देश में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की बहस के बीच, सोमवार को मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव बहुमत से पारित कर दिया गया। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित इस बैठक में मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद अरुण गोविल ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका सदन में मौजूद पार्षदों ने जोरदार समर्थन किया। प्रस्ताव पास होते ही सभागार 'जय श्री राम' के उद्घोष से गूंज उठा।READ ALSO:-मेरठ: ममता हुई शर्मसार! घायल मासूम को खंडहर में छोड़ा, देवदूत बनकर आईं अभिनेत्री दिशा पटानी की बहन मेजर खुशबू पटानी ने बचाई जान
नगर निगम की इस विशेष बैठक में शहर के महापौर हरिकांत अहलूवालिया, उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दलों के पार्षद उपस्थित थे। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, जहाँ भाजपा के पार्षदों ने इसके समर्थन में अपने तर्क रखे, वहीं कुछ विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। विशेष रूप से, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पार्षद फजल करीम और मुस्लिम लीग के पार्षदों ने इस प्रस्ताव का खुलकर बहिष्कार किया। इस दौरान, भाजपा पार्षद अरुण मचल और एआईएमआईएम पार्षद फजल करीम के बीच उस समय तीखी नोकझोंक हो गई, जब अरुण मचल ने विरोध कर रहे फजल करीम से माइक छीन लिया। हालांकि, वरिष्ठ पार्षदों और अधिकारियों के हस्तक्षेप से मामला थोड़ी देर में ही शांत हो गया।
प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए सांसद अरुण गोविल ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के फायदे गिनाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आए दिन किसी न किसी राज्य या स्थानीय निकाय के चुनाव होते रहते हैं, जिससे देश का काफी समय और धन चुनाव प्रक्रिया में ही खर्च हो जाता है। उन्होंने बताया कि साल के लगभग 2 से 3 महीने चुनावी गतिविधियों में ही निकल जाते हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। 'एक राष्ट्र एक चुनाव' लागू होने से इस समस्या का समाधान होगा, देश के संसाधनों की बचत होगी और राष्ट्र उन्नति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें बार-बार चुनाव कराने की 'बुरी लत' थी और उन्होंने कभी इस विषय पर गंभीरता से विचार नहीं किया।
उत्तर प्रदेश सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रक्रिया एक बड़े जनमत संग्रह का हिस्सा है। 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर जन राय जानने के लिए प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में इस तरह के प्रस्ताव लाए जा रहे हैं। इन सभी स्थानीय निकायों से प्राप्त जनमत संग्रह की रिपोर्ट को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय समिति के सामने भेजा जाएगा, जो इस विषय पर गहन अध्ययन कर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने प्रस्ताव पारित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मेरठ नगर निगम के पार्षदों ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के प्रस्ताव को पारित कर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जो भविष्य में याद रखा जाएगा। उन्होंने देश की प्रगति के लिए एक साथ चुनाव कराए जाने को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रही है। इस प्रकार, मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया गया, जो इस राष्ट्रीय बहस में एक और कड़ी जुड़ गया है।
