मेरठ नगर निगम विवाद: कर्मचारी-पार्षद मारपीट-गोलीकांड में समझौता, महापंचायत टली

 मंत्री-मेयर की मध्यस्थता से बाबा साहेब जयंती पर दोनों पक्ष कार्रवाई से पीछे हटे, 8 अप्रैल को कूड़ा उठाने पर हुआ था बवाल और फायरिंग
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HARIKANT
मेरठ: नगर निगम के सूरजकुंड डिपो पर पिछले सप्ताह कर्मचारी और भाजपा पार्षद के बीच हुए मारपीट और गोली चलने के हाई-प्रोफाइल मामले में सोमवार सुबह (आज, 14 अप्रैल 2025) समझौता हो गया। यह समझौता महापौर कैंप कार्यालय पर उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा राज्यमंत्री, शहर के मेयर, विधायक, एमएलसी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं समेत नगरायुक्त की उपस्थिति में हुआ। समझौते के तहत दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई न करने पर सहमति जताई है, जिससे पिछले कई दिनों से चला आ रहा तनाव समाप्त हो गया और 17 अप्रैल को प्रस्तावित महापंचायत भी टल गई है।READ ALSO:-मेरठ: ससुराल जा रही दुल्हन पर जानलेवा हमला, कार से खींचकर अपहरण की कोशिश, जेवर लूटे

 

समझौते के दौरान गोली लगने से घायल हुए नगर निगम कर्मचारी अविनाश के पिता रतन सिंह ने स्पष्ट किया कि वे इस मामले में अब कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते और समझौता करने के पक्ष में हैं। वहीं, गोली चलाने के आरोपी भाजपा पार्षद रविंद्र की पत्नी ममता ने भी कहा कि वे भी कर्मचारी पक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी।

 NAGAR

यह महत्वपूर्ण समझौता महापौर हरिकांत अहलूवालिया, ऊर्जा राज्यमंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर, शहर विधायक अमित अग्रवाल, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज, भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी, वरिष्ठ नेता कमल दत्त शर्मा और नगरायुक्त सौरभ गंगवार की मध्यस्थता और प्रयासों से संभव हो सका। अब कानूनी सलाह लेकर समझौते की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।

 

यह था पूरा मामला:
गौरतलब है कि 8 अप्रैल 2025 को मेरठ नगर निगम के सूरजकुंड डिपो पर कूड़ा उठाने को लेकर वार्ड पार्षद रविंद्र और निगम के चालक अविनाश के बीच तीखी कहासुनी हो गई थी। आरोप है कि इस दौरान कर्मचारियों ने भाजपा पार्षद रविंद्र की बुरी तरह पिटाई कर दी थी। जिसके जवाब में पार्षद रविंद्र ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से कथित तौर पर फायरिंग कर दी, जिसमें एक गोली चालक अविनाश के पैर में जा लगी थी।

 

इस घटना के बाद नगर निगम कर्मचारी और पार्षद आमने-सामने आ गए थे, जिससे शहर में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। पार्षदों की तरफ से कई बैठकें की गईं और मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया था। पार्षद रविंद्र के पक्ष में 17 अप्रैल को एक महापंचायत बुलाने का ऐलान किया गया था। इसी क्रम में रविवार (13 अप्रैल) को सपा नेता और पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने भी पार्षद रविंद्र के पक्ष में एक पंचायत की थी।

 

समझौते पर बोले मंत्री और मेयर:
समझौते के अवसर पर ऊर्जा राज्यमंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर ने कहा, "आज बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है और इस शुभ दिन पर यह एक अच्छा काम हुआ है। सभी सम्मानित लोगों ने मिलकर इस विवाद का शांतिपूर्ण निपटारा कराया है।" उन्होंने यह भी कहा कि मेयर अच्छा काम कर रहे हैं, जो शायद कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा है।

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महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा, "पार्षद और कर्मचारी, दोनों ही नगर निगम परिवार का हिस्सा हैं। कुछ लोग महानगर की व्यवस्था और शांति खराब करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।"

 

इस समझौते से शहर में पिछले कुछ दिनों से चल रहे तनाव पर विराम लग गया है।
SONU

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