मेरठ मेट्रो: रफ्तार भरे सफर की शुरुआत, एक ट्रैक पर नमो भारत तो दूसरे पर मेट्रो, दोनों साथ-साथ दौड़ी, शहर को मिलेगी नई पहचान

 23 किलोमीटर लंबे मार्ग पर दौड़ेगी मेट्रो, दुहाई डिपो से होगा संचालन; नमो भारत के साथ मिलकर सुधारेगी यातायात व्यवस्था।
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METRO-NAMHO BHATRAT TRAIN
मेरठ शहर में यातायात व्यवस्था को आधुनिक और सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ चुका है। देश की पहली रैपिड रेल ‘नमो भारत’ के सफल संचालन के बाद, अब मेरठ में 23 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मेट्रो सेवा भी जल्द ही शुरू होने वाली है। यह नई मेट्रो लाइन शहर के निवासियों को एक और तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा विकल्प प्रदान करेगी।READ ALSO:-मेरठ: चर्च और मस्जिद के पास शराब ठेके के आवंटन के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

 

शुरुआती चरण में, मेरठ मेट्रो का संचालन दुहाई डिपो से किया जाएगा। यह वही डिपो स्टेशन है जहाँ से पहले ही नमो भारत रैपिड रेल का संचालन हो रहा है। इसका मतलब है कि आने वाले कुछ समय तक मेरठ की सड़कों पर नमो भारत और मेट्रो दोनों ही रेलगाड़ियां एक साथ दौड़ती हुई नजर आएंगी, जिससे यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी और तीव्र गति से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में मदद मिलेगी। मेरठ में स्थानीय यात्रियों को बेहतर परिवहन विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेट्रो और नमो भारत ट्रेनों के ट्रायल को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है।

 

मेरठ मेट्रो के ट्रायल का विवरण:
मेरठ मेट्रो के ट्रायल का काम लगभग अंतिम चरण में है। मेरठ साउथ (भूड़बराल) से लेकर मेरठ सेंट्रल (फुटबॉल चौक) तक मेट्रो का ट्रायल सफलतापूर्वक किया जा चुका है। वहीं, अगले सप्ताह से नमो भारत रैपिड ट्रेन का ट्रायल भी शुरू होने वाला है, जो मेरठ साउथ से शताब्दीनगर (दैनिक जागरण चौराहा) तक किया जाएगा। इन दोनों ही सेवाओं के संचालन के लिए सभी आवश्यक तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

 

मेरठ मेट्रो की एक खास विशेषता इसकी भूमिगत यात्रा होगी। मेट्रो अपने रूट पर मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर और ब्रह्मपुरी जैसे प्रमुख एलिवेटेड स्टेशनों को पार करने के बाद बहादुर मोटर्स के पास स्थित भूमिगत स्टेशन में प्रवेश करेगी।

 

शहर के दिल से गुजरेगी मेट्रो:
भूमिगत होने के बाद, मेट्रो शहर के बिल्कुल मध्य से, सुरंग के रास्ते होते हुए मेरठ सेंट्रल (फुटबॉल चौक) स्टेशन तक पहुंचेगी। यह मेरठ शहर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, क्योंकि यह पहली बार होगा जब कोई मेट्रो ट्रेन शहर के इतने घनी आबादी वाले क्षेत्र के नीचे सुरंग से होकर गुजरेगी। इससे शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा और लोगों को एक तेज और सुगम परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

 

हालांकि, शुरुआती दौर में मेरठ मेट्रो का संचालन मोदीपुरम डिपो के बजाय दुहाई डिपो से किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि जून महीने तक मोदीपुरम डिपो भी पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद मेट्रो के संचालन को वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

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ट्रायल संचालन की प्रमुख बातें:
  • मेरठ मेट्रो का ट्रायल: मेरठ साउथ (भूड़बराल) से मेरठ सेंट्रल (फुटबॉल चौक) तक पूरा हो चुका है।
  • नमो भारत का ट्रायल: मेरठ साउथ से शताब्दीनगर (दैनिक जागरण चौराहा) तक अगले सप्ताह से शुरू होगा।
  • शुरुआती संचालन: मेट्रो पहले दुहाई डिपो से चलेगी, बाद में मोदीपुरम डिपो से इसका संचालन किया जाएगा।

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मेरठ में मेट्रो और नमो भारत रैपिड रेल के एक साथ संचालन से शहर के यात्रियों को कई तरह के फायदे मिलेंगे। यह प्रणाली न केवल यात्रा को तेज और अधिक सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि सड़कों पर वाहनों के बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को भी कम करने में सहायक होगी। इसके अतिरिक्त, पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह एक टिकाऊ और हरित पहल साबित होगी, जिससे शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी। मेरठ में यह महत्वाकांक्षी परियोजना शहर के भविष्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी और आने वाले वर्षों में यहां की परिवहन व्यवस्था को एक नई दिशा और ऊंचाई प्रदान करेगी।

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