मेरठ मेडिकल कॉलेज में मानवता शर्मसार: 13 साल की मासूम से अस्पताल के वार्ड में दुष्कर्म
पैर के ऑपरेशन के लिए भर्ती किशोरी को बनाया हवस का शिकार, आरोपी गिरफ्तार; सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
Jun 23, 2025, 12:23 IST
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मेरठ। मरीजों के लिए सुरक्षित माने जाने वाले अस्पताल परिसर में ही एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। मेरठ मेडिकल कॉलेज के न्यू ऑर्थो वार्ड में अपने पैर के ऑपरेशन के लिए भर्ती एक 13 साल की मासूम किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया है। यह घिनौना कृत्य उसी वार्ड में भर्ती एक अन्य मरीज के भाई ने अंजाम दिया। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस वारदात ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।READ ALSO:-मेरठ: BSP नेता पर जानलेवा हमला — पीठ में लगी गोली, निकला गुर्दा, बेटा बोला- "पापा की किसी से दुश्मनी नहीं थी"
कैसे हुई ये रूह कंपा देने वाली वारदात?
इंचौली थाना क्षेत्र के एक गाँव की रहने वाली यह किशोरी अपने टेढ़े पैर के ऑपरेशन के लिए शुक्रवार, 20 जून को मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुई थी। उसकी माँ भी देखभाल के लिए अस्पताल में मौजूद थीं।
इसी वार्ड में उत्तराखंड के काशीपुर निवासी मोहित नाम का मरीज भी भर्ती था, जिसके एक एक्सीडेंट में पैर कटने के बाद उसका इलाज चल रहा था। उसकी देखरेख के लिए उसका भाई रोहित अस्पताल आया हुआ था।
पीड़िता की माँ ने पुलिस को बताया कि 21 जून की रात उनकी बेटी वॉशरूम गई थी। इसी दौरान आरोपी रोहित वहाँ पहुँच गया और उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। जब मासूम ने विरोध करने की कोशिश की, तो हैवान रोहित ने उसे और उसकी माँ को जान से मारने की धमकी दी। "तुम मुझे नहीं जानती हो," उसने धमकी देते हुए कहा।
इस भयावह घटना के बाद, बच्ची डरी-सहमी हुई वार्ड में लौट आई और चुपचाप सो गई। अगले दिन वह दिन भर गुमसुम और खामोश रही। जब माँ ने बार-बार पूछने पर जोर दिया, तब रविवार शाम को बच्ची ने अपनी आपबीती सुनाई। यह सुनते ही माँ के पैरों तले ज़मीन खिसक गई और उन्होंने तुरंत मेडिकल थाने पहुँचकर शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी गिरफ्तार, मेडिकल कॉलेज प्रशासन कठघरे में
मेडिकल थाना प्रभारी शीलेश कुमार यादव ने बताया कि पीड़िता की माँ की तहरीर मिलते ही तुरंत एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया है। रोहित काशीपुर की एक लोहा गलाने वाली फैक्ट्री में काम करता है।
सुरक्षा में चूक या गंभीर लापरवाही?
इस घटना ने मेडिकल कॉलेज के भीतर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। जिस वार्ड में यह वारदात हुई, वहाँ 14 से ज़्यादा मरीज भर्ती थे। डॉक्टरों, सुरक्षाकर्मियों और अन्य स्टाफ की भी ड्यूटी थी, लेकिन इसके बावजूद आरोपी ने बेखौफ होकर एक बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया।
आश्चर्यजनक बात यह है कि घटना के दौरान स्वास्थ्यकर्मी सो रहे थे! पुलिस अब स्टाफ की इस घोर लापरवाही की भी गहन जाँच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि पता चल सके कि घटना के वक्त कौन-कौन ड्यूटी पर था और किसकी चूक से यह वारदात हुई।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने स्पष्ट किया है कि जिस वार्ड में घटना हुई है, वहाँ के डॉक्टर और अन्य स्टाफ की भूमिका की पूरी तरह से जाँच की जाएगी और तथ्यों के आधार पर कठोर कार्रवाई होगी। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और आरोपी से पूछताछ जारी है।
मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो विभाग के प्रभारी डॉ. ज्ञानेश्वर टांक ने कहा कि उन्हें रविवार दोपहर बाद स्टाफ ने किशोरी के साथ छेड़छाड़ की सूचना दी थी, जिसके बाद परिजनों को थाने में शिकायत करने को कहा गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वारदात के दौरान ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ की जाँच की जाएगी और उनसे स्पष्टीकरण माँगा जाएगा।
यह घटना अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले परिसर में बच्चों और मरीजों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या यह सिर्फ एक चूक थी या व्यवस्थागत लापरवाही का परिणाम?
