मेरठ मेडिकल कॉलेज में मानवता शर्मसार: 13 वर्षीय बच्ची से वॉशरूम में दरिंदगी, सुरक्षा पर गंभीर सवाल! ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई थी किशोरी

 ऑपरेशन का इंतजार कर रही मासूम को वॉशरूम में बनाया हवस का शिकार; धमकी के खौफ से 24 घंटे बाद माँ के सामने टूटा सब्र का बांध, सुरक्षा पर गंभीर सवाल
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MRT
मेरठ: उत्तर प्रदेश का मेरठ शहर एक बार फिर शर्मसार हुआ है। यहाँ के लाला लाजपत राय मेमोरियल (LLRM) मेडिकल कॉलेज में इंसानियत को कलंकित करने वाली एक घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था और सुरक्षा के सभी दावों की पोल खोल दी है। पैर का ऑपरेशन कराने आई 13 साल की एक मासूम को उसी वार्ड में मौजूद एक अन्य मरीज के तीमारदार ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। यह घटना उस जगह हुई, जिसे जीवनदान का मंदिर कहा जाता है।READ ALSO:-यूपी बोर्ड में 1 जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी होगी अनिवार्य: छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए नया नियम

 

क्या है पूरा मामला: इलाज से हैवानियत तक
मेरठ के इंचौली थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 13 वर्षीय किशोरी अपने टेढ़े पैर का इलाज कराने के लिए अपने परिवार के साथ मेडिकल कॉलेज आई थी। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी, जिसके बाद परिजनों ने उसे 20 जून को ऑर्थो विभाग के वार्ड में भर्ती करा दिया। बेटी की देखभाल के लिए माँ भी उसके साथ अस्पताल में ही रुकी थी।

 


इसी वार्ड में उत्तराखंड के काशीपुर का रहने वाला मोहित भी भर्ती था, जिसका एक एक्सीडेंट के बाद पैर काटना पड़ा था। उसकी देखभाल के लिए उसका भाई रोहित भी वहीं मौजूद था। 21 जून की रात, जब वार्ड में सन्नाटा पसरने लगा, तो किशोरी अपनी माँ से कहकर वॉशरूम के लिए गई। आरोप है कि रोहित पहले से ही उस पर बुरी नजर रखे हुए था और मौका देखकर वह भी उसके पीछे वॉशरूम पहुँच गया। वहाँ उसने किशोरी के साथ दरिंदगी की और किसी को बताने पर उसे और उसकी माँ को जान से मारने की धमकी दी।

 

खौफ का एक दिन: जब गुमसुम हो गई बेटी
हैवानियत और धमकी से सहमी मासूम बच्ची चुपचाप आकर अपने बेड पर सो गई। अगले पूरे दिन वह खौफ के साये में रही, गुमसुम और शांत। उसकी यह हालत देखकर माँ का दिल बेचैन हो उठा। जब माँ ने बार-बार प्यार से कुरेदकर पूछा, तो रविवार शाम को बेटी का सब्र का बांध टूट गया और वह रोते हुए अपनी माँ से लिपट गई। उसने माँ को अपने साथ हुई दरिंदगी की पूरी कहानी बताई।

 

पुलिस का एक्शन और अस्पताल की नींद
बेटी की आपबीती सुनकर माँ के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत हिम्मत जुटाई और मेडिकल थाने पहुँचकर आरोपी रोहित के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की और रविवार रात को ही आरोपी रोहित को गिरफ्तार कर लिया।

 

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया, "आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और यह भी पता लगा रहे हैं कि घटना के समय वार्ड में तैनात डॉक्टर और अन्य स्टाफ क्या कर रहे थे। उनकी भूमिका की भी जांच होगी और तथ्यों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

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सुरक्षा पर गंभीर सवाल: कहाँ था स्टाफ और क्यों नहीं थे CCTV?
इस घटना ने मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

 

  • सोता रहा स्टाफ: बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह वारदात हुई, वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी सो रहे थे।
  • CCTV का अभाव: समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अस्पताल प्रशासन का घेराव किया। सपा नेत्री नेहा गौड़ ने सवाल उठाया कि "वार्ड से लेकर टॉयलेट तक कोई सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं है? यह महिला सुरक्षा के दावों का कैसा सच है?"
  • अस्पताल का स्पष्टीकरण: हंगामे के बाद मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने जांच का आश्वासन दिया है। ऑर्थो विभाग के प्रभारी डॉ. ज्ञानेश्वर टांक ने कहा है कि ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और जांच के लिए एक पैनल बनाया जाएगा। वार्ड की सुरक्षा के लिए अब एक गार्ड की नियुक्ति की गई है।

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यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि उस भरोसे का कत्ल है जिसके साथ मरीज और उनके परिवार इलाज के लिए अस्पताल आते हैं। अब देखना यह है कि इस मामले में जांच कहाँ तक पहुँचती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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