मेरठ : तेंदुए ने सोते हुए बच्चे पर किया हमला, ग्रामीणों में दहशत का माहौल, एक दिन पहले ही बाइक सवार पर हमले का वीडियो सामने आया था

उत्तर प्रदेश के मेरठ में फिर तेंदुए ने दस्तक दी है। यहां हस्तिनापुर में एक घर में सो रहे बच्चे को तेंदुए ने खींचने की कोशिश की। हालांकि, मां के जाग जाने पर तेंदुआ भाग गया। ग्रामीण लाठी-डंडे और हथियार लेकर उसकी तलाश कर रहे हैं। गांव में दहशत का माहौल है।
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उत्तर प्रदेश के मेरठ में सोमवार रात एक तेंदुए ने सो रहे बच्चे पर हमला कर दिया। हालांकि मां के जाग जाने पर तेंदुआ भाग गया। ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ घर के आंगन में सो रहे 10 वर्षीय गुरचरण को खींचने का प्रयास किया। ग्रामीण लाठी-डंडे और हथियार लेकर उसकी तलाश कर रहे हैं। गांव में दहशत का माहौल है। मेरठ से सटे हस्तिनापुर के लतीफपुर गांव में सोमवार रात करीब 11 बजे ग्रामीणों ने दावा किया कि उनके गांव में तेंदुआ पहुंच गया है।READ ALSOO:-रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से तबाही, केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन में 5 लोगों की मौत, हादसे पर सीएम धामी ने जताया दुख....

 

हस्तिनापुर के लतीफपुर के कंकरखेड़ा मोहल्ले में रहने वाली सोनी ने बताया कि देर रात वह चारपाई पर लेटी हुई थी। उसका बेटा गुरचरण (10) उसके पास ही दूसरी चारपाई पर सो रहा था। तभी एक तेंदुआ उनके घर में आ गया। तेंदुए ने गुरचरण का पैर पकड़कर उसे खींचने का प्रयास किया। गुरचरण रोने लगा तो गुरचरण की मां सोनी ने शोर मचा दिया। उसके बाद  तेंदुआ वहा भाग गया और फिर शोर सुन सुनकर बहुत सारे ग्रामीण वहां पहुंच गए। कुछ ही देर में पूरे गांव को तेंदुए के आने की जानकारी हो गई और बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां एकत्र हो गए।

 

तेंदुए के नाम से गांव में दहशत फैल गई, वहीं आसपास के गांवों में रहने वाले ग्रामीण भी सतर्क हो गए। ग्राम प्रधान दिलदार सिंह व ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर ग्रामीण के साथ तेंदुए की तलाश में निकल पड़े। देर रात तक ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर गांव में घूमते रहे, लेकिन तेंदुए का कोई सुराग नहीं लगा। कुछ लोगों ने इसको भेड़िया होने की भी आशंका जताई। 

 

अभी दो दिन पहले रविवार को किठौर गांव के छुछाई-ललियाना मार्ग पर क्षेत्र के ग्रामीणों ने तेंदुआ जैसे जंगली जानवर व उसके शावकों को देखने का दावा किया और बताया कि उसने एक बाइक सवार पर झपट्टा मारा था। रविवार रात वन विभाग की टीम क्षेत्र में पहुंची और तेंदुए की तलाश की। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि सोमवार को सर्च अभियान के दौरान ट्रैप कैमरों की भी मदद ली जा रही है। 

 


क्षेत्र में पहले भी तेंदुआ देखा जा चुका है, इसलिए एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। वन क्षेत्राधिकारी हरज्ञान सिंह का कहना है कि किठौर क्षेत्र में ग्रामीणों को तेंदुए या उसके शावकों के पदचिह्न नहीं मिले हैं। हालांकि अभी निगरानी के लिए वन विभाग की तीन टीमें भी गठित की जा रही हैं। 

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परीक्षितगढ़ या किठौर क्षेत्र में तेंदुआ दिखना कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2022 में यहां तेंदुए का बच्चा मिला था, जिसे रेस्क्यू कर दूसरे जिले में भेज दिया गया था। वर्ष 2023 में भी तेंदुआ पूरे परिवार के साथ यहां देखा गया था। इस वर्ष भी यहां शावक मिला था, जिसे बाद में वन विभाग की टीम ने उसकी मां से मिलाने का प्रयास किया और मादा तेंदुआ अपने शावक को साथ ले गई। 

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इसके बाद किठौर के पास नहर पटरी पर तेंदुआ देखा गया था। कुछ माह पूर्व कसेरूखेड़ा में भी घनी आबादी वाले क्षेत्र में तेंदुआ घुस आया था, जिसे रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया था। ग्रामीणों की सूचना पर लतीफपुर गांव में एक टीम मौके पर भेजी गई है। टीम ने वहां जांच की है, लेकिन वहां तेंदुए के पंजे के निशान नहीं मिले हैं। इससे गांव में तेंदुआ आने की पुष्टि नहीं हो रही है।- रविकांत राणा, रेंजर, वन विभाग
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