मेरठ : अधिवक्ता की पत्नी से व्हॉट्सएप पर ठगी, शेयर ट्रेडिंग में 300 फीसदी मुनाफे का दिया लालच, साइबर ठगो ने ठगे 32.39 लाख
मेरठ के मोहनपुरी निवासी एडवोकेट मनोज राजवंशी ने बताया कि उनकी पत्नी वंदना गर्ग को एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल कर उनके खाते में धोखाधड़ी कर 12 किस्तों में पैसे ट्रांसफर किए गए।
Mar 9, 2025, 19:14 IST
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साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग में 300 फीसदी मुनाफे का लालच देकर अधिवक्ता की पत्नी से 32.39 लाख रुपये ठग लिए। अधिवक्ता की ओर से साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज कराने के लिए बैंकों को रिपोर्ट भेज दी गई है। READ ALSO:-मेरठ : विशालकाय अजगर दिखने से मचा हड़कंप, जानी पुल के पास सड़क पर दिखा अजगर, खेतों में जाने से डरे किसान
मुख्य बातें:
- ठगी का शिकार: वंदना गर्ग, जो एक अधिवक्ता मनोज राजवंशी की पत्नी हैं।
- स्थान: विकास विहार, मोहनपुरी
- ठगी का तरीका: शेयर ट्रेडिंग में 300% मुनाफे का लालच देकर
- माध्यम: व्हाट्सएप मैसेज और व्हाट्सएप ग्रुप
- धोखाधड़ी की राशि: ₹32.39 लाख
- शुरुआत: 28 अगस्त 2024 को ₹1 लाख के निवेश से
- शिकायत: साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज
- पुलिस कार्रवाई: आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज कराने के लिए बैंकों को रिपोर्ट भेजी गई
- पुलिस अधिकारी: एसपी क्राइम अवनीश कुमार
घटना का विवरण:
विकास विहार, मोहनपुरी के रहने वाले अधिवक्ता मनोज राजवंशी की पत्नी वंदना गर्ग साइबर ठगी का शिकार हो गईं। साइबर ठगों ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग में 300% मुनाफे का लालच देकर ₹32.39 लाख की ठगी की। इस संबंध में अधिवक्ता मनोज राजवंशी ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
विकास विहार, मोहनपुरी के रहने वाले अधिवक्ता मनोज राजवंशी की पत्नी वंदना गर्ग साइबर ठगी का शिकार हो गईं। साइबर ठगों ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग में 300% मुनाफे का लालच देकर ₹32.39 लाख की ठगी की। इस संबंध में अधिवक्ता मनोज राजवंशी ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
ठगी का तरीका:
अधिवक्ता मनोज राजवंशी ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी वंदना गर्ग को व्हाट्सएप पर शेयरों में निवेश करने का एक संदेश प्राप्त हुआ था। संदेश में उन्हें उच्च मुनाफे का वादा किया गया था। इसके बाद, उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहाँ केवल शेयर बाजार में निवेश के बारे में चर्चा होती थी।
अधिवक्ता मनोज राजवंशी ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी वंदना गर्ग को व्हाट्सएप पर शेयरों में निवेश करने का एक संदेश प्राप्त हुआ था। संदेश में उन्हें उच्च मुनाफे का वादा किया गया था। इसके बाद, उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहाँ केवल शेयर बाजार में निवेश के बारे में चर्चा होती थी।
व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल साइबर ठगों ने वंदना गर्ग को 300% मुनाफे का लालच दिया। लालच में आकर, वंदना गर्ग ने अपने पति मनोज राजवंशी के नाम से निवेश करना शुरू कर दिया। उन्होंने 28 अगस्त 2024 को ₹1 लाख का पहला निवेश किया। इसके बाद, उन्होंने कई किस्तों में कुल ₹32.39 लाख अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जब वंदना गर्ग ने निवेश किए गए पैसे निकालने का प्रयास किया, तो उन्हें अहसास हुआ कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गई हैं। इसके बाद, उन्होंने तत्काल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इसकी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस कार्रवाई:
एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने बताया कि अधिवक्ता मनोज राजवंशी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज कराने के लिए बैंकों को रिपोर्ट भेज दी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और साइबर ठगों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने बताया कि अधिवक्ता मनोज राजवंशी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज कराने के लिए बैंकों को रिपोर्ट भेज दी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और साइबर ठगों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
सतर्कता और बचाव:
यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते मामलों और ठगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे नए तरीकों को दर्शाती है। आम लोगों को ऐसे लुभावने ऑफर्स से सावधान रहने की आवश्यकता है जो सोशल मीडिया या मैसेजिंग एप्स के माध्यम से आते हैं। किसी भी प्रकार के निवेश करने से पहले, व्यक्ति को कंपनी और योजना की प्रामाणिकता की जांच करनी चाहिए और वित्तीय सलाहकारों से परामर्श लेना चाहिए। अज्ञात स्रोतों से प्राप्त संदेशों और ग्रुपों पर भरोसा करना साइबर ठगी का कारण बन सकता है।
यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते मामलों और ठगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे नए तरीकों को दर्शाती है। आम लोगों को ऐसे लुभावने ऑफर्स से सावधान रहने की आवश्यकता है जो सोशल मीडिया या मैसेजिंग एप्स के माध्यम से आते हैं। किसी भी प्रकार के निवेश करने से पहले, व्यक्ति को कंपनी और योजना की प्रामाणिकता की जांच करनी चाहिए और वित्तीय सलाहकारों से परामर्श लेना चाहिए। अज्ञात स्रोतों से प्राप्त संदेशों और ग्रुपों पर भरोसा करना साइबर ठगी का कारण बन सकता है।
साइबर क्राइम पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और जनता को साइबर अपराधों से बचाने के लिए जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है।