मेरठ: नींद की आगोश में डूबी खाकी! SSP ने सोते हुए PRV के सिपाही और होमगार्ड को किया निलंबित!

 गश्त छोड़कर बिजलीघर में सोते पकड़े गए, SSP डॉ. विपिन ताडा ने की तत्काल कार्रवाई
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MRT
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिसकर्मियों की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है, जिसने खाकी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा की तमाम सख्त हिदायतों के बावजूद, जिला पुलिस अभी भी अपनी ड्यूटी को हल्के में ले रही है। ताज़ा मामला रविवार रात का है, जब किठौर थाना क्षेत्र में गश्त के लिए निकली पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) पर तैनात एक सिपाही और होमगार्ड को बिजलीघर में आराम से सोते हुए पाया गया। इस गंभीर लापरवाही पर एसएसपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को निलंबित कर दिया।READ ALSO:-बिजनौर में डरावनी रात: मेरठ-पौड़ी हाईवे पर निर्माणाधीन पुल का लेंटर भरभरा कर गिरा!

 

क्या है पूरा मामला?
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को पिछले कई दिनों से किठौर थाने की पीआरवी गाड़ी पर तैनात सिपाही पंकज कुमार और होमगार्ड उम्मेद के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि ये दोनों रात में अपनी गश्त ड्यूटी ठीक से नहीं निभाते और गाड़ी को किसी सुनसान जगह पर खड़ी कर सो जाते हैं। पुलिसिंग में रात की गश्त का बहुत महत्व होता है, क्योंकि इसी दौरान अपराधी अधिक सक्रिय होते हैं। ऐसे में जवानों का ड्यूटी पर सोना सीधे तौर पर सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ था।

 

SSP ने यूं किया भंडाफोड़
शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने खुद इस मामले की सच्चाई जानने का फैसला किया। रविवार रात को उन्होंने अचानक किठौर क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया। जब जांच टीम किठौर पहुंची, तो उन्हें सिपाही पंकज कुमार और होमगार्ड उम्मेद अपनी पीआरवी को बिजलीघर के परिसर में खड़ी कर अंदर सोते हुए मिले। दोनों को रंगेहाथों अपनी ड्यूटी के दौरान आराम फरमाते हुए पकड़ा गया, जबकि क्षेत्र में उनकी सक्रिय गश्त की उम्मीद की जा रही थी।

 

तत्काल निलंबन: SSP का कड़ा संदेश
इस अक्षम्य लापरवाही को देखते हुए, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कोई नरमी नहीं बरती। उन्होंने तत्काल प्रभाव से सिपाही पंकज कुमार और होमगार्ड उम्मेद को निलंबित कर दिया। एसएसपी का यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि पुलिस ड्यूटी में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई अन्य पुलिसकर्मियों के लिए एक सबक है कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर रहना होगा।

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यह घटना दर्शाती है कि पुलिस विभाग को अभी भी अपने निचले स्तर के कर्मचारियों में अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा की भावना को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा। क्या आपको लगता है कि इस तरह की कार्रवाइयां पुलिसकर्मियों में सुधार ला पाएंगी?
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