मेरठ: आबूलेन का नाम बदलने की मांग और मकबरा तोड़ने पर 50 लाख का इनाम घोषित करने वाले हिंदू संगठन अध्यक्ष पर मुकदमा
अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही पर धार्मिक उन्माद फैलाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप, हनुमान चालीसा पाठ और धमकी का भी मामला
Mar 26, 2025, 12:38 IST
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मेरठ में अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन पर धार्मिक उन्माद फैलाने और सांप्रदायिक विवाद भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। सदर थाने में यह मुकदमा सी निर्मल सती की शिकायत पर दर्ज हुआ है।READ ALSO:-मेरठ: पुलिस चौकी में बिना अनुमति इफ्तार पार्टी, हिंदू संगठनों ने जताई कड़ी आपत्ति, चौकी प्रभारी लाइन हाजिर
शिकायत के अनुसार, सचिन सिरोही ने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की थी कि जो कोई भी आबूलेन का नाम बदल देगा और वहां स्थित अबू का मकबरा तोड़ देगा, उसे उनकी तरफ से 50 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। इस घोषणा को धार्मिक भावनाओं को भड़काने और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला माना गया है।
यह पूरा विवाद कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित एक धार्मिक स्थल को लेकर शुरू हुआ। सचिन सिरोही का आरोप है कि यह धार्मिक स्थल वास्तव में एक अवैध रूप से बनाई गई मस्जिद है। इसी के विरोध में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। जब पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, तो सिरोही और उनके समर्थक मानने को तैयार नहीं हुए।
आरोप यह भी है कि सचिन सिरोही के समर्थकों ने उस धार्मिक स्थल को तोड़ने की धमकी दी। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि यहां दूसरे धर्म के लोगों के लिए कोई जगह नहीं है, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल को मौके पर बुलाना पड़ा। इसके अतिरिक्त, सिरोही पर सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके भी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया गया है।
यह मुकदमा सी निर्मल सती की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने सिरोही पर धार्मिक विद्वेष फैलाने और शांति भंग करने का आरोप लगाया है।
वहीं, इस पूरे मामले पर सचिन सिरोही का अलग मत है। उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन एक विशेष समुदाय के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने जिस अवैध मस्जिद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उनके खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सिरोही का कहना है कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और "अवैध" निर्माण के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
