मेरठ : हरियाणा की टीम ने डायग्नोस्टिक सेंटर पर मारा छापा, जेंडर टेस्ट का भंडाफोड़, डॉक्टर समेत 3 गिरफ्तार, नहीं मिला मरीजों का रिकॉर्ड

 रोहतक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार शाम गढ़ रोड स्थित जागृति विहार सेक्टर 5 में ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा मारा। इस दौरान पुलिस और मेरठ स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद रही।
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मेरठ में मेडिकल अस्पताल के ठीक सामने एक अल्ट्रासाउंड सेंटर में भ्रूण लिंग जांच का अवैध धंधा चल रहा था। इस अल्ट्रासाउंड सेंटर में जांच के नाम पर गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण किया जाता था। हरियाणा से पहुंची टीम ने सेंटर पर छापा मारकर डॉक्टर संचालिका को रंगे हाथों पकड़ लिया। मैडम कोड वर्ड में ओके बोलती थी, जिससे पता चल जाता था कि गर्भ में लड़का है या नहीं। अगर निगेटिव बोलती तो लड़की होती। पुलिस ने मौके पर कार्रवाई करते हुए सेंटर संचालिका और तीन दलालों को गिरफ्तार कर लिया।READ ALSO:-मेरठ : 'पापा मैं जिंदगी से हार गया, अब जीना नहीं चाहता', पिता को आखिरी कॉल करने के बाद मेडिसिन कारोबारी का स्क्रिप्ट राइटर बेटा लापता

 

हरियाणा से मेरठ पहुंची PCPNDT(यह संस्था भ्रूण जांच करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है) की टीम को कई दिनों से इस अल्ट्रासाउंड सेंटर के अवैध धंधों की खबर मिल रही थी। जिसके चलते मंगलवार को संस्था की टीम ने सेंटर पर चल रही अवैध जांच का पर्दाफाश करने के लिए जाल बिछाया। इसके बाद पूरी सच्चाई सामने आ गई।

 सेंटर संचालिका डॉ. छवि बंसल

हरियाणा PCPNDT को काफी समय से मेरठ के ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर में लिंग जांच की शिकायतें मिल रही थीं। टीम काफी समय से इस जगह पर नजर रखे हुए थी और छापेमारी का इंतजार कर रही थी। मंगलवार को टीम अपने साथ एक गर्भवती महिला को लेकर आई। महिला की बात अनिल नामक एजेंट से कराई गई जो ग्लोबल डायग्नोस्टिक्स के लिए काम करता है। 

 

एजेंट अनिल भ्रूण लिंग जांच अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए तैयार हो गया। उसने अल्ट्रासाउंड की फीस 700 रुपये बताई। छापेमारी करने वाली टीम ने महिला को एक ही सीरीज के दो नोट दिए। जिसे उसे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर फीस के तौर पर देना था। 

 

अल्ट्रासाउंड सेंटर के रिसेप्शन पर रजिस्ट्रेशन के लिए एक हजार रुपये (500 रुपये के दो नोट) दिए गए, जिसमें से 300 रुपये वापस करने थे। इसी दौरान टीम ने छापेमारी कर उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। दोनों नोटों की सीरीज भी मैच हो गई। रोहतक की टीम ने दावा किया कि 6 बार रेकी करने के बाद 7वीं बार पुष्टि होने के बाद छापेमारी की गई। अल्ट्रासाउंड के समय गर्भवती महिला का फॉर्म (एफ) नहीं भरा गया था, जिसे भरना अनिवार्य है। 

 आरोपियों को गिरफ्तार करके थाने लाई टीम

डॉक्टर ने हार्ट पेशेंट होने की बात कहते हुए थाने जाने से मना कर दिया। टीम की सख्ती के बाद वहां मौजूद महिला कांस्टेबल ने उसे सेंटर से बाहर निकाला और मेरठ एसीएमओ की सरकारी बोलेरो में मेडिकल थाने ले गई। उसे छुड़ाने के लिए कुछ अधिवक्ता और आईएमए पदाधिकारी मेडिकल थाने पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंटर पर आने वाले मरीजों का डाटा मांगा, लेकिन नहीं दिया गया। सेंटर संचालक और अन्य कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे।

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IMA के डॉक्टरों ने किया हंगामा, हड़ताल की धमकी
डॉ. छवि बंसल के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मेरठ शाखा के डॉक्टर थाने पहुंचे। उन्होंने उसे छोड़ने की मांग की। उन्होंने कहा कि न तो उसके पास से पैसे मिले और न ही उसने भ्रूण का लिंग परीक्षण किया। उसके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। मामला इतना बढ़ गया कि डॉक्टरों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. छवि की तबीयत ठीक नहीं है। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने हड़ताल पर जाने की धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर को फंसाया गया है।

 

इस दौरान आईएमए सचिव डॉ. सुमित उपाध्याय, डॉ. मनीषा त्यागी, डॉ. तनुराज सिरोही, डॉ. रवि राणा, डॉ. लोकेश कुमार, डॉ. अजीत चौधरी आदि मौजूद रहे। आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनुपम सिरोही ने कहा कि आईएमए डॉक्टर के साथ है। आईएमए का कोई भी डॉक्टर भ्रूण लिंग परीक्षण नहीं करता है। कुछ गलतफहमी हुई है।
इस संबंध में मेडिकल थाना प्रभारी शैलेश कुमार का कहना है कि ग्लोबल डायग्नोस्टिक सेंटर की मालकिन डॉ. छवि और 3 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। रोहतक स्वास्थ्य विभाग और मेरठ स्वास्थ्य विभाग की टीम की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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